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    नगरोटा-बड़गाम सीट पर उपचुनाव को लेकर कशमकश, कांग्रेस-NC नहीं तय कर पा रहे उम्मीदवार

    Updated: Sun, 19 Oct 2025 02:00 AM (IST)

    जम्मू-कश्मीर की नगरोटा-बड़गाम सीट पर कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस के बीच उम्मीदवार को लेकर खींचतान जारी है। दोनों पार्टियां गठबंधन में चुनाव लड़ रही हैं, लेकिन टिकट बंटवारे पर सहमति नहीं बन पाई है। इस वजह से स्थानीय कार्यकर्ताओं में निराशा है और चुनाव की तैयारियों पर असर पड़ने की आशंका है।

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    नगरोटा-बड़गाम के लिए कांग्रेस-NC तय नहीं कर पा रहे उम्मीदवार। फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, जागरण, श्रीनगर। बड़गाम और नगरोटा विधानसभा क्षेत्रों के उपचुनाव के लिए नामांकन की समय सीमा 20 नवंबर सोमवार को समाप्त हो जाएगी, लेकिन सत्ताधारी नेशनल कान्फ्रेंस (NC) और उसकी सहयोगी कांग्रेस अभी तक अपने उम्मीदवार भी तय करने में विफल रही हैं।

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    हालांकि, NC नगरोटा सीट कांग्रेस को देने का मन बना चुकी है। कांग्रेस ने अकेले या फिर NC के साथ मिलकर चुनाव लड़ने समेत दोनों विकल्प खुले रखे हैं। इस बीच, शनिवार को नगरोटा सीट के लिए भाजपा की देवयानी राणा, जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी के बोधराज भगत और पूर्व मंत्री हर्ष देव सिंह समेत चार उम्मीदवारों ने अपना नामांकन जमा कर दिया है।

    सोमवार को बड़गाम सीट के लिए पीडीपी के सैयद मुंतजिर, जम्मू कश्मीर अपनी पार्टी के मुख्तार अहमद डार, अवामी इत्तेहाद पार्टी के नजीर अहमद खान अपने नामांकन जमा कराएंगे।

    बड़गाम सीट से भाजपा उम्मीदवार आगा मोहसिन भी सोमवार को अपना नामांकन जमा करेंगे। अगर नेकां और कांग्रेस अपने उम्मीदवार तय कर लेती है तो वह भी अंतिम दिन दोनों सीटों के लिए नामांकन जमा कराएंगे। आम आदमी पार्टी ने बड़गाम के लिए दीबा खान और नगरोटा के लिए जोगेंद्र सिंह को उम्मीदवार घोषित किया है।

    NC में गुटबाजी हावी

    सत्ताधारी नेकां के लिए उम्मीदवार तय करने की राह में सबसे बड़ी रुकावट आगा सैयद रुहुल्ला मेहदी बने हुए हैं। पार्टी का एक वर्ग बागाी सांसद आगा सैयद रुहुल्ला को मनाने के लिए उनकी पसंद के उम्मीदवार को मैदान में उतारने पर जोर दे रहा है।

    दूसरा वर्ग चाहता है कि उनकी हर बात मानने के बजाय उनके पर कुतरने चाहिए। इस बीच, जम्मू कश्मीर पार्टी के पूर्व प्रवक्ता मुंतजिर मोहिद्दीन भी बड़गाम सीट के लिए नेकां के संभावित उम्मीदवारों में शामिल हो गए हें।

    आगा अपना पसंद का ही उम्मीदवार चाहते हैं

    श्रीनगर के सांसद आगा सैयद रुहुल्ला स्वयं बड़गाम का तीन बार जम्मू कश्मीर विधानसभा में प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। वह चाहते हैं कि बड़गाम से उनकी पसंद का ही उम्मीदवार चुनाव लड़े।

    इसके अलावा, बड़गाम में नेशनल कान्फ्रेंस का कैडर भी स्थानीय उमीदवार चाहता है। पीडीपी के उम्मीदवार सैयद मुंतजिर को हराने के लिए सत्ताधारी नेशनल कान्फ्रेंस को आगा सैयद रुहल्ला का समर्थन जरुरी है।

    उन्हें मनाने का प्रयास किया जा रहा है। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि नगरोटा सीट हम कांग्रेसके लिए छोड़ सकते हैं और बड़गाम के लिए पार्टी उम्मीदवार का नाम रविवार तक तय कर लिया जाएगा। उन्होंने आगा की नाराजगी को लेकर कहा कि यह मीडिया में ही सुना जा रहा है।

    मुंतजिर मोहिद्दीन निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव लड़ेंगे

    मुंतजिर मोहिद्दीन जिला बड़गाम के ही रहने वाले हैं और शिया सुन्नी दोनों समुदायों के मतदाताओं में अच्छी पकड़ रखते हैं। उन्होंने गत सप्ताह ही जम्मू कश्मीर अपनी पार्टी से इस्तीफा देकर बड़गाम से बतौर निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव लड़ने का एलान किया है।

    बताया जा रहा है कि उनकी आगा से चार दिनों में तीर बार मुलाकात हुई है। आगा का मानना है कि मुंतजिर मोहिद्दीन चुनाव जीतने के बाद भी बड़गाम में उनके राजनीतिक वर्चस्व के लिए चुनौती नहीं बन पाएंगे।

    आगा सैयद महमूद मौसुवी चुनाव जीतने के बाद उनके समकक्ष खड़े होंगे। उनके राजनीतिक वर्चस्व को समाप्त कर सकते हैं। वर्ष 2002 में आगा सैयद रुहुल्ला मेहदी को नेशनल कान्फ्रेंस द्वारा उम्मीदवार बनाने पर आगा सैयद महमूद ने निर्दलीय चुनाव लड़ा था और हार गए थे।

    मुंतजिर को टिकट देने का पक्षधर

    NC के करीबियों ने बताया कि आगा को मनाने की कवायद में पार्टी का एक वर्ग मुंतजिर मोहिउद्दीन को टिकट देने का पक्षधर है। दूसरा वर्ग चाहता है कि आगा सैयद रुहुल्ला मेहदी का कद घटाना जरूरी है।

    आगा महमूद या उनके किसी परिजन को उम्मीदवार बनाया जाना चाहिए। इससे बड़गाम में शिया मतदाताों का एक बड़ा वर्ग भी साथ रहेगा। नेशनल कान्फ्रेंस के अन्य नेता स्थानीय सुन्नी समुदाय के मतदाताओ को जोड़ने का काम करेगा।

    दोनों सीटों के लिए मजबूत दावेदार : कांग्रेस

    प्रदेश कांग्रेस प्रमुख तारिक हमीद करा ने कहा कि हमारे पास सभी विकल्प हैं। हमने अभी तय नहीं किया है कि नेशनल कान्फ्रेंस के साथ मिलकर चुनाव लड़ना है या अकेले ही मैदान में उतरना है।

    इसलिए अभी हमने कोई सीट नहीं छोड़ी है। हमारे पास दोनों सीटों के लिए मजबूत दावेदार हैं। पार्टी प्रत्याशी के चयन में देरी से इंकार करते हुए उन्होंने कहा कि हम तैयार हैं,बस कुछऔपचारिकताए शेष हैं। सोमवार को सभीा को पता चल जाएगा।

    जम्मू कश्मीर मामलों के जानकार अजय बचलू ने कहा कि नेकां नगरोटा में चुनाव नहीं लड़ेगी। नगरोटा से ज्यादा उसकी साख बड़गाम सीट पर लगी है। वह कभी नहीं चाहेगी कि बड़गाम में पीडीपी या कोई अन्य दल जीते।

    अगर वहां नेकां चुनाव हारती है तो वह उमर की लोकप्रियता के गिरते ग्राफ के साथ इसकी पुष्टि करेगी कि बड़गाम में आगा की चलती है, नेकां की नहीं। इसलिए वह नगरोटा कांग्रेस के लिए छोडते हुए, चाहेगी कि बड़गाम में उसे कांग्रेस का पूरा साथ मिले।

    जिस तरह से बड़गाम को लेकर उसे उम्मीदवार तय करने में देरी हो रही है, उससे आप सताधारी दल की स्थिति का अंदाजा लगा सकते हैं। वहां उसे शिया और सुन्नी दोनों मतदाता चाहिए। सोमवार को बड़गाम में हर दल का शक्तिप्रदर्शन देखने को मिलेगा।

    सभी प्रमुख दलों के उम्मीदवार सोमवार को ही नामांकन जमा कराने जा रहे हैं। सभी की नजरें कांग्रेस और नेशनल कान्फ्रेंस पर ही टिकी हैं कि उनका उम्मीदवार कौन होगा।