मंत्री जावेद राणा ने अधिकारियों को हाई अलर्ट पर रहने के दिए निर्देश, कहा- संवेदनशील स्थानों पर कड़ी निगरानी रखें
जल शक्ति मंत्री जावेद अहमद राणा ने जम्मू-कश्मीर में बाढ़ से निपटने की तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को प्राकृतिक आपदाओं से होने वाली क्षति को कम करने और जनहानि को रोकने के लिए प्रभावी रणनीति बनाने के निर्देश दिए। संवेदनशील स्थानों पर निगरानी रखने संचार सुनिश्चित करने और जन घोषणा प्रणाली सक्रिय करने के लिए कहा गया।
राज्य ब्यूरो, जागरण, श्रीनगर। जल शक्ति, वन, पारिस्थितिकी, पर्यावरण और जनजातीय मामलों के मंत्री जावेद अहमद राणा ने संबधित प्रशासनिक अधिकारियों को किसी भी प्राकृतिक-आपदा में संभावित क्षति काे न्यूनतम बनाने और जनहानि को पूरी तरह से रोकने लिए एक एक प्रभावी रणनीति को बनाने व उसे कार्यान्वित करने के लिए कहा।
उन्होंने यह निर्देश जम्मू-कश्मीर में बाढ़ से उपजे हालात और उनसे निपटने की तैयारियों की समीक्षा हेतु एक उच्च-स्तरीय बैठक में मौजूद अधिकारियों को दिए।
यहां मिली जानकारी के अनुसार,नागरिक सचिवालय में आज हुई इस बैठक में मुख्यमंत्री के सलाहकार नासिर असलम वानी, कश्मीर के मंडलायुक्त अंशुल गर्ग, डीआईजी राजीव पांडे, श्रीनगर के जिला उपायुक्त अक्षय लाबरू, सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधिकारी और अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद थे।
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बैठक में संगम स्थित बाढ़ निगरानी केंद्र की मौजूदा स्थिति और और झेलम नदी के जल स्तर की समीक्षा भी की गई। मंत्री ने अधिकारियों को संवेदनशील स्थानों पर कड़ी निगरानी रखने, चैबीसों घंटे संचार सुनिश्चित करने और समय पर अलर्ट प्रसारित करने के लिए जन घोषणा प्रणाली सक्रिय करने के निर्देश दिए।
कश्मीर प्रांत में बाढ़ से निपटने की तैयारियों का जायजा लेते हुए वन मंत्री जावेद अहमद राणा ने जीवन की सुरक्षा सुनिश्चित करने और संभावित क्षति को न्यूनतम करने के लिए एक मजबूत और सक्रिय रणनीति की आवश्यकता पर बल दिया।
उन्होंने अधिकारियों को विस्तृत मानक संचालन प्रक्रियाएं विकसित करने और यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि सभी कर्मचारी आपात स्थितियों के दौरान अपनी भूमिकाओं से पूरी तरह अवगत हों, और त्वरित प्रतिक्रिया प्रयासों के मार्गदर्शन के लिए प्रत्येक क्षेत्र के लिए बाढ़ मानचित्रण/जलप्लावन मानचित्रों के निर्माण में तेज़ी लाएं
मंत्री ने त्वरित बचाव एवं राहत कार्यों के लिए प्रभावी अंतर-विभागीय समन्वय, संसाधन जुटाने और स्पष्ट संचार माध्यमों की स्थापना का भी आह्वान किया।
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अधिकारियों ने मंत्री को लागू आकस्मिक योजनाओं की जानकारी दी और बताया कि एसडीआरएफ और संबद्ध टीमें हाई अलर्ट पर हैं। बताया गया कि गेज स्टेशनों की निगरानी और पूर्व चेतावनी जारी करने के लिए 24 घंटे नियंत्रण कक्ष सक्रिय कर दिए गए हैं।
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