Updated: Sat, 13 Sep 2025 10:30 PM (IST)
पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने डोडा के विधायक मेहराज मलिक की पीएसए के तहत हिरासत पर विधानसभा स्पीकर से सत्र बुलाने का आग्रह किया है। उन्होंने निर्वाचित प्रतिनिधि पर पीएसए लगाने को लोकतांत्रिक मूल्यों पर हमला बताया। महबूबा ने उमर अब्दुल्ला पर ढकोसला करने का आरोप लगाया और आप पर भी निशाना साधा।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। डोडा के विधायक मेहराज मलिक को जन सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत हिरासत में लिए जाने का मामला जम्मू-कश्मीर में सियासत को लगातार तूल दे रहा है। पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने शनिवार को विधानसभा के स्पीकर से इस मामले पर तुरंत सत्र बुलाने का आग्रह किया है।
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पत्रकारों से महबूबा ने कहा कि निर्वाचित प्रतिनिधि पर जिस तरह से पीएसए लगाया गया है,वह लोकतांत्रिक मूल्यों और संस्थानों पर हमला है। उन्होंने आम आदमी पार्टी पर भी निशाना साधते हुए कहा कि अनुच्छेद 370 के निरस्तीकरण के समर्थकों को भी अब हकीकत समझ में आ गई है।
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला द्वारा विधायक मेहराज को कानूनी सहायता प्रदान करने के आश्वासन पर महबूबा ने कहा कि यह नेशनल कान्फ्रेंस का ढकोसला है। कानूनी सहायता देनी ही है तो देश भर की जेलों में बंद उन सैकड़ों गरीब कश्मीरी कैदियों को दी जानी चाहिए जो लंबे समय से जेल में बंद हैं।
महबूबा ने कहा कि उमर और उनकी सरकार को सिर्फ कुर्सी से सरोकार है, अगर उन्होंने गंभीरता से जम्मू-कश्मीर के राज्य के दर्जे की बहाली के लिए काम किया होता, देश की जेलों में बंद कश्मीरी कैदियों की रिहाई के लिए अपने चुनावी वादे को पूरा करने के लिए गंभीरता से कोई प्रयास किया होता तो आज मेहराज पर न पीएसए लगता और न उमर को कानूनी सहायता देने का एलान करना पड़ता।
आप के राज्यभा के सदस्य सांसद संजय सिंह को कश्मीर में मीडिया कर्मियों से बातचीत से रोके जाने की पुलिस कार्रवाई की निंदा की। उन्होंने कहा कि विधानसभा स्पीकर को दलगत राजनीति से ऊपर उठबिना किसी देरी के विधानसभा सत्र बुलाना चाहिए। सत्र में मेहराज मलिक के मामले और पीएसए जैसे काले कानूनों पर चर्चा होनी चाहिए।
एक प्रसताव पारित कर मेहराज मलिक को रिहा करने की मांग होनी चाहिए, निर्वाचित प्रतिनिधियों के खिलाफ पीएसए का ऐसा दुरुपयोग मिसाल नहीं बनना चाहिए। यह जम्मू कश्मीर जैसे संवेदनशील प्रदेश में लोकतंत्र के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।
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