5 साल में पहली बार उपराज्यपाल से मिलीं महबूबा, कश्मीरी हिंदुओं का मुद्दा उठाया; क्या है मुलाकात के मायने?
श्रीनगर में पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से भेंट की। उन्होंने कश्मीरी पंडितों की सुरक्षित वापसी के लिए एक ज्ञापन सौंपा जिसमें रोजगार आवास और विधानसभा में सीटें आरक्षित करने की मांग शामिल है। उन्होंने कश्मीरी बंदियों को रिहा करने का भी आग्रह किया। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार यह मुलाकात क्षेत्र में सहयोगी दृष्टिकोण की ओर एक महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत है।

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने सोमवार को उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से मुलाकात की। पांच अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 के निरस्त होने और जम्मू-कश्मीर के दो केंद्र शासित प्रदेशों में पुनर्गठन के बाद उपराज्यपाल के साथ पीडीपी प्रमुख की यह पहली आधिकारिक मुलाकात है। इस दौरान महबूबा ने विस्थापित कश्मीरी हिंदुओं की घाटी में सुरक्षित व सम्मानजनक वापसी के लिए पांच सूत्रीय ज्ञापन भेंट किया।
इसमें कश्मीरी हिंदुओें के लिए रोजगार, आवासीय सुविधा, विधानसभा चुनाव में दो आरक्षित सीटें, सभी समुदायों में विश्वास बहाली के लिए शिखर सम्मेलन का प्रस्ताव है। उन्होंने कहा कि कश्मीरी मुस्लिमों के माथे पर कश्मीरी हिंदुओं के विस्थापन का काला धब्बा लगा है, अब इस धब्बे को हटाया जाए।लगभग एक घंटा चली बैठक में महबूबा ने उपराज्यपाल को विस्थापित कश्मीरी हिंदुओं की वापसी की योजना विस्तृत दस्तावेज सौंपा।
इसमें उन्होंने प्रधानमंत्री विशेष पुनर्वास पैकेज में संशोधन का प्रस्ताव देते हुए घाटी के विभिन्न इलाकों को आतंकी खतरे के आधार पर अलग-अलग जोन में वर्गीकृत कर, विस्थापित कश्मीरी हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए नौकरी देने, प्रत्येक विस्थापित कश्मीरी हिंदू परिवार को उसके मूल जिले में आवासीय सुविधा के लिए भूमि देने की मांग की।
उन्होंने कहा कि यह भूमि उसे ही दी जाए जो स्थायी तौर पर लौटना चाहता है। जिन परिवारों के मूल घर अभी मौजूद हैं, लेकिन जीर्ण-शीर्ण हैं, उनकी मरम्मत के लिए अनुदान या ब्याज मुक्त ऋण का सुझाव दिया। ॉ
बाद में पत्रकारों से बातचीत में महबूबा ने कहा, उपराज्यपाल से उन्होंने उन सभी कश्मीरी बंदियों को बकरीद के अवसर पर रिहा करने का आग्रह किया है, जिन पर गंभीर आरोप नहीं हैं।
महबूबा -सिन्हा मुलाकात के मायने
पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने जम्मू कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश केरूप में पुनर्गठित होने के बाद जम्मू कश्मीर के तत्कालीन उपराज्यपाल जीसी मुर्मु और मौजूदा उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से कोई मुलाकात नहीं की। उन्होंने राजभवन से पूरी तरह दूरी बनाए रखी और आज पहली बार वह उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से मिलने राजभवन पहुंची। इस मुलाकात को प्रदेश के राजनीतिक हल्कों में बड़ी अहमियत दी जा रही है।
स्थानीय राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती को समझ आ चुका है कि केंद्र शासित जम्मू कश्मीर प्रदेश एक हकीकत है और वह अलग-थलग रहकर न अपनी राजनीति आगे बढ़ा सकती हैं और न लोगों के बीच अपनी पैठ को फिर से मजबूत बना सकती हैं।
महबूबा मुफ्ती जो केंद्र सरकार की नीतियों की मुखर आलोचक हैं, का कश्मीरी हिंदुओं की कश्मीर वापसी के मानवीय मुदृदे पर उपराज्यपाल के साथ सीधे संंवाद का उनका निर्णय क्षेत्र के सभी समुदायों को प्रभावित करने वाले मामलों पर सहयोगी दृष्टिकोण की ओर संभावित बदलाव का संकेत देता है।
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