हजरतबल में राष्ट्रीय प्रतीक को तोड़ने वालों के बचाव में आई महबूबा, बोली- "भीड़ में शामिल लोग भावनाओं में बह गए थे"
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रमुख महबूबा मुफ्ती और पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद लोन ने हजरतबल दरगाह पर राष्ट्रीय प्रतीक को तोड़ने वालों का बचाव किया है। महबूबा ने कहा कि इन्हें आतंकवादी कहना गलत है ये भावनाओं में बह गए थे। उन्होंने दरगाह की पवित्रता भंग करने वालों पर कार्रवाई की मांग की।

डिजिटल डेस्क, श्रीनगर। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी प्रमुख महबूबा मुफ्ती और पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद लोन शनिवार को हजरतबल दरगाह पर उकेरे राष्ट्रीय प्रतीक को तोड़ने वालों के बचाव में आ गए। महबूबा ने कहा कि इन लोगों को आतंकवादी कहना सही नहीं है और इसमें शामिल लोग "भावनाओं में बह गए थे।" वहीं लोन ने जनता और राजनीतिक नेताओं, दोनों से संयम बरतने का आग्रह किया।
महबूबा मुफ्ती ने हजरतबल दरगाह में पट्टिका लगाने और उस पर राष्ट्रीय प्रतीक को उकेरने के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफा भारतीय दंड संहिता की धारा 295-ए के तहत कानूनी कार्रवाई की मांग की।
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा ने कहा, "हज़रतबल एक धार्मिक स्थल है न कि राज्याभिषेक या राजनीतिक प्रतीकवाद का स्थल। दरगाह की पवित्रता से समझौता किया गया है। धार्मिक भावनाओं से प्रेरित होकर पट्टिका तोड़ने वालों को सजा देने के बजाय उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए जिन्होंने इस गेर-इस्लामी कृत्य की अनुमति दी।
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उन्होंने स्थानीय लोगों के खिलाफ एहतियातन हिरासत में लेने के सुझाव के लिए वक्फ़ बोर्ड की अध्यक्ष द्रख्शां अंद्राबी की आलोचना की और इसे "अस्वीकार्य" बताया।
वहीं पीपुल्स कांफ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद लोन ने "एक्स" पर एक पोस्ट में लोन ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि एक प्रतिष्ठित धार्मिक स्थल के अंदर प्रतीक रखना अनुचित है। उन्होंने कहा, "हज़रतबल दरगाह में हुई घटनाओं का क्रम दुर्भाग्यपूर्ण है। एक प्रतिष्ठित धार्मिक स्थल के अंदर प्रतीक चिन्ह का इस्तेमाल करना खेदजनक है।"
उन्होंने पुलिस से अपील की कि आगे तनाव न बढ़े इसके लिए मामला दर्ज न किया जाए। "यह ज़रूरी है कि हम गुस्से को भड़कने न दें। पुलिस को एफआईआर दर्ज करने से बचना चाहिए।" लोन ने राजनीतिक नेताओं को भी अपने बयानों पर ध्यान देने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि कृपया अपने बयानों में सावधानी बरतें। कोई भी कार्रवाई अंततः गैर-नेताओं को निशाना बनाएगी।"
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आपको बता दें कि शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर वक्फ बोर्ड की अध्यक्ष और भाजपा नेता डॉ. द्रख़्शां अंद्राबी ने हज़रतबल दरगाह पर एक शिलापट्टिका पर उकेरे गए राष्ट्रीय प्रतीक को तोड़े जाने की कड़ी निंदा की और इस घटना को "बेहद दुर्भाग्यपूर्ण" बताया।
उनका कहना था कि राष्ट्रीय प्रतीक को कलंकित करना एक आतंकवादी हमला है और हमलावर एक राजनीतिक दल के गुंडे हैं। इन लोगों ने पहले भी कश्मीर को बर्बाद किया है और अब वे खुलेआम दरगाह शरीफ के अंदर घुस आए हैं।"
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