दिल्ली ब्लास्ट मामले में NIA का शिकंजा, हमले में शामिल आतंकी डॉक्टर अहमद राथर भगोड़ा घोषित
दिल्ली में लाल किले के पास आत्मघाति आतंकी हमले में लिप्त आतंकी डा मुजफ्फर अहमद राथर को श्रीनगर स्थित एनआइए विशेष अदालत ने भगोड़ा घोषित कर दिया है। अदा ...और पढ़ें
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दिल्ली ब्लास्ट मामले में NIA स्पेशल कोर्ट की बड़ी कार्रवाई। फाइल फोटो
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। दिल्ली में लाल किले के पास आत्मघाति आतंकी हमले में लिप्त आतंकी डा मुजफ्फर अहमद राथर को श्रीनगर स्थित एनआइए विशेष अदालत ने भगोड़ा घोषित कर दिया है। उनके घर पर आज उसकी उदघोषणा का नोटिस भी चिपका दिया गया है। उसे 28 जनवरी 2026 तक अदालत में पेश हाे, अपना पक्ष रखने का अवसर दिया गया है।
डा मुजफ्फर अहमद राथर गत अक्टूबर में श्रीनगर में पकड़े गए जैश-ए-मोहम्मद और अंसार गजवतुल हिंद नामक आतंकी संगठनों के व्हाईट कालर टेरर माडयूल का एक अहम सदस्य है। इसी टेरर माडयूल में शामिल आतंकी डा उमर नबी ने गत 10नवंबर को दिल्ली में लाल किले के पास आत्मघाति हमला किया,जिसमें 13 लोगों की मौत हो गई थी।
डा मुजफ्फर अहमद राथर दक्षिण कश्मीर में जिला कुलगाम के अंतर्गत वुनपोरा काजीगुंड का रहने वाला है। उसका भाई डा अदील अहमद राथर पहले ही पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया जा चुका है। डा अदील को सहारनपुर मेरठ से पकड़ा गया था और उसकी निशानदेही पर जीएमसी अस्पताल अनंतनाग में एक लाकर में छिपाकर रखी गई एक एसाल्ट राइफल बरामद की गई थी। डा अदील इस समय एनआइए की हिरासत में हैं।
मामले की जांच कर रहे अधिकारियों के अनुसार, डा मुजफ्फर अहमद राथर ही इस व्हाइट कालर टेरर माडयूल की वह कड़ृी है जो इस पूरे नेटवर्क के स्थानीय और विदेशी सदस्यों व हैंडलरों के साथ नियमित तौर पर संपर्क में था। वह कथित तौर पर अफगानीस्तान में छिपा हुआ है।
उन्होंने बताया कि अदालत ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 84 के तहत उसे भगोड़ा भगोड़ा घोषित कर दिया है। उसे भगोड़ा घोषित किए जाने का नोटिस आज वुनपोरा काजीगुंड में स्थित उसके घर पर भी चिपकाया गया है। अदालत ने से 28 जनवरी, 2026 को कोर्ट में पेश होने का निर्देश दिया है। उन्होंने बताया कि अगर डा मुजफ्फर अहमद राथर दी गई समयावधि के भीतर अदालत में पेश नहीं होता है तो उसकी सपंत्ति की कुर्की भी की जा सकती है।

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