उपराज्यपाल ने तीन साल में बिजली उत्पादन दोगुना करने का भरोसा दिया
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि जम्मू कश्मीर में बिजली के ढाचे को लगातार मजबूत किया जा रहा है। अगले चार वर्ष में जम्मू कश्मीर को अतिरिक्त बिजली पैदा करने वाला प्रदेश बनाने पर काम कर रहे हैं लेकिन यह तभी होगा जब आम जनता एटीएंडसी घाटा समाप्त करने में सरकार का सहयोग करेगी।

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर: उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि जम्मू कश्मीर में बिजली के ढाचे को लगातार मजबूत किया जा रहा है। अगले चार वर्ष में जम्मू कश्मीर को अतिरिक्त बिजली पैदा करने वाला प्रदेश बनाने पर काम कर रहे हैं, लेकिन यह तभी होगा जब आम जनता एटीएंडसी घाटा समाप्त करने में सरकार का सहयोग करेगी। सभी लोग स्मार्ट मीटर लगाएं और बिजली सुधार के प्रदेश सरकार के प्रयासों को सफल बनाएं। यह प्रयास प्रदेश में 24 घंटे बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित कराएगा।
दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग में उपराज्यपाल ने बुधवार को जम्मू कश्मीर ऊर्जा विकास विभाग (जेकेपीडीडी) की ट्रासंमिशन व डिस्ट्रीब्यूशन की 42 परियोजनाओं का उद्घाटन किया। यह परियोजनाएं 357 करोड़ की लागत से तैयार हुई हैं। उन्होंने कहा कि इन नई परियोजनाओं से घाटी के सभी 10 जिलों में बिजली आपूर्ति बेहतर होगी। उन्होंने कहा कि बिजली उत्पादन की विशाल संभावना के बावजूद बीते 70 वर्ष में हम 3500 मेगावाट बिजली का ही दोहन कर पाए हैं, लेकिन हम इस उत्पादन क्षमता को अगले तीन वर्ष में दोगुना और सात वर्ष में तीन गुना की तरफ तेजी से बढ़ रहे हैं।
उपराज्यपाल ने कहा कि अगस्त 2019 के बाद से अब तक जम्मू कश्मीर की कुल ऊर्जा में क्षमता में 3806 मेगावाट को जोड़ा है। इससे पहले 70 वर्ष में सिर्फ 8394 मेगावाट ही क्षमता प्राप्त की जा सकी थी। लद्दाख-जम्मू कश्मीर-पंजाब ट्रांसमिशन लाइन परियोजना केंद्र सरकार से मंजूर होने पर जम्मू कश्मीर में बिजली की कोई कमी नहीं रहेगी। उत्पादन और वितरण में सुधार ला रहे
मनोज सिन्हा ने कहा कि पूरे देश में हमारा एटीएंडसी (एग्रीगेट टेक्निकल एंड कमर्शियल) घाटा सबसे ज्यादा है। इस घाटे में लाइन लास, मीटर में छेड़छाड़-बिजली चोरी से होने वाला नुकसान आदि शामिल होता है। मनोज सिन्हा ने कहा कि अब हमें प्रदेश का ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर और तेजी से विकसित होने वाला एक लाभ देने वाला क्षेत्र बनाना है। इसके लिए ऊर्जा उत्पादन और वितरण व गुणवत्ता में सुधार के लिए बड़ा अभियान शुरू किया है। मौजूदा समय में ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन की दो हजार करोड़ की परियोजनाओं को पूरा करने जा रहे हैं। इनके अलावा छह हजार करोड़ रुपये केंद्र सरकार ने पूरे प्रदेश में सब-ट्रांसमिशन एंड डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क को मजबूत बनाने के लिए दिए हैं।
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