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    LG सिन्हा का बड़ा बयान; सरदार पटेल नेहरू की कश्मीर नीति के खिलाफ थे, UN ले जाने का विरोध किया

    Updated: Tue, 02 Dec 2025 06:00 AM (IST)

    जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि सरदार पटेल, जवाहरलाल नेहरू की कश्मीर नीति के खिलाफ थे और कश्मीर मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र में ले जाने ...और पढ़ें

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    पटेल के हाथों एकीकरण की जिम्मेदारी होती तो आज जम्मू कश्मीर का इतिहास अलग होता-एलजी। फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, जम्मू। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि अगर लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल को 1947 में जम्मू कश्मीर के एकीकरण की पूरी जिम्मेदारी दी गई होती तो आज जम्मू-कश्मीर का इतिहास अलग होता।

    सरदार पटेल शुरू से ही इसकी वकालत करते रहे कि जम्मू कश्मीर का एक इंच भी पाकिस्तान को नहीं देंगे। उपराज्यपाल सोमवार को वडोदरा गुजरात में सरदार @150 यूनिटी मार्च (पदयात्रा) के उपलक्ष्य में कश्मीर, हैदराबाद और सरदार” विषय पर हुए कार्यक्रम में बोल रहे थे।

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    उपराज्यपाल ने यूनिटी मार्च में भी भाग लिया। करमसद में सरदार पटेल के पुश्तैनी घर से शुरू हुई यह राष्ट्रीय पदयात्रा 11 दिन में लगभग 190 किमी. की दूरी तय करके छह दिसंबर को स्टैच्यू आफ यूनिटी पर सपंन्न होगी।

    उपराज्यपाल ने कहा कि सरदार पटेल ने जम्मू कश्मीर के प्रति तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की नीति का विरोध किया था। वह इस मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र में ले जाने के खिलाफ थे। अपनी एक सार्वजनिक रैली में सरदार पटेल ने जम्मू कश्मीर के पूर्ण एकीकरण के बारे में स्पष्ट रूप से कहा था कि उनकी निर्णायक कार्रवाई इतिहास की दिशा बदल देगी।

    सरदार पटेल की एकता, आदर्शों, समानता और सामाजिक न्याय के मूल्यों ने हमारे राष्ट्र के विकास को आकार देना जारी रखा है। आधुनिक भारत के वास्तुकार के रूप में सरदार पटेल भारत के आत्मविश्वास, आत्म-सम्मान और उसकी बहादुरी का प्रतीक हैं। अखंडता, निर्णायकता, निस्वार्थ सेवा के उनके मूल्य हमें एक मजबूत, आत्मनिर्भर और विकसित भारत के निर्माण के लिए प्रेरित करते हैं।

    उन्होंने कहा कि प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी सरदार पटेल के सपनों और दृष्टिकोण को पूरा कर रहे हैं। उन्होंने अनुच्छेद 370 को हटाकर पूरे भारत को एकता के सूत्र में पिरोया और एक देश में एक झंडा, एक संविधान और एक नेता के संकल्प को साकार किया।

    उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने प्रधान मंत्री की पहल- 'एक राष्ट्र, एक कर', 'एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड', 'एक राष्ट्र, एक स्वास्थ्य कार्ड', 'एक राष्ट्र, एक ग्रिड', 'राष्ट्रीय शिक्षा नीति', 'पीएम गति शक्ति' आदि कार्यक्रमों का उल्लेख करते हुए कि इन कार्यक्रमों ने देश की एकता को मजबूत किया है और हम सभी के भीतर राष्ट्रीय गौरव की भावन को और मजबूत बनाया है।

    उन्होंने युवाओं से एकता के स्तंभों को मजबूत करने का आह्वान करते हुए कहा कि एकता के तीन महत्वपूर्ण स्तंभ हैं साझा मूल्य, साझा पहचान और एक सामान्य उद्देश्य। ये निरंतर प्रगति और विकास के लिए एक एकीकृत शक्ति के रूप में कार्य करते हैं।