'अब नौकरी नहीं गोली मिलेगी', LG मनोज सिन्हा ने आतंकियो को दी कड़ी चेतावनी
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने आतंकियों और अलगाववादियों को चेतावनी देते हुए कहा कि अब आतंकियों को नौकरी नहीं गोली मिलेगी। आतंकी हिंसा के पीड़ितों को न्याय ...और पढ़ें

LG मनोज सिन्हा ने आतंकियो को दी कड़ी चेतावनी। फोटो एलजी एक्स
राज्य ब्यूरो, जम्मू। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने गुरुवार को सीधे और स्पष्ट शब्दों में आतंकियों, अलगाववादियों और उनके समर्थकों को कठोर चेतावनी देते हुए कहा कि अब आतंकियों को नौकरी नहीं गोली मिलेगी। आतंकवाद के पीड़ितों व उनके आश्रितों को न्याय और नौकरी दोनों मिलेगी। कुशासन और आतंक के दिन समाप्त हो चुके हैं।
आज यहां कन्वेंशन सेंटर में आतंकी हिंसा के पीड़ितों को सरकारी नौकरी के नियुक्ति पत्र प्रदान करने के बाद अपने संबोधन में उपराज्याल ने कहा कि आतंकी और उनके एजेंट चाहे सीमा पार हों या इस तरफ, उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
प्रत्येक आतंकी मामले की जांच की जा रही है और उनमें लिप्त तत्वों को दंड सुनिश्चित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हम शांति खरीदने में नहीं बहाल करने में यकीन रखते हैं।
'आतंकी हिंसा के पीड़ितों को घुट-घुट कर जीना पड़ता था'
लगभग 20 मिनट के अपने संबोधन में उपराज्यपाल ने जम्मू-कश्मीर में अलगाववाद का परोक्ष रूप से समर्थन करने वाले तत्वों की आलोचना करते हुए कहा कि यहां एक ऐसी व्यवस्था थी, जिसमें आतंकी हिंसा के पीड़ितों को घुट-घुट कर जीना पड़ता था।
उन्हें दोहरी मार झेलनी पड़ती थी, एक तरफ आतंकियों ने उनके जीवन में अंधेरा किया और दूसरी तरफ प्रशासनिक उदासीनता से वह न्याय से वंचित रहे थे। यहां ऐसा असंवेदनशील प्रशासन और सरकार थी। अब उनके जीवन से अंधकार के दिन समाप्त हुए हैं, आशा और आकांक्षा के नए युग की शुरुआत हो रही है।
आज एक तरफ इन सभी परिवारों के जीवन में सकारात्मक बदलाव को देखते हुए हम सबको प्रसन्नता हो रही है, वहीं इस बात की भी पीड़ा हो रही है कि पाकिस्तानी आतंकवादियों, उनके आकाओं और यहां बैठे उनके चंद सरपरस्तों ने दशकों तक यहां लोगों को गुमराह करने का काम किया।
लेकिन इन लोगों को आज भी दिक्कत होती है...
उपराज्यपाल ने कहा कि आज भी कुछ ऐसे तत्व हैं जो भारत के आदर्शों लोकतांत्रिक मूल्यों का अनुचित लाभ लेकर एक झूठा और गलत नेरेटिव चलाने का प्रयत्न करते हैं। उन्हें दशकों तक आतंकियों और अलगाववादियों के इकोसिस्टम से कोई दिक्कत नहीं थी, कोई तकलीफ नहीं थी।
लेकिन जम्मू-कश्मीर में शांति और विकास स्थापित हो, यह देखकर अनेक लोगों को दर्द होता है, तकलीफ होती है। कई बार बड़े जिम्मेदार लोगों के बयानों को पढ़कर मैं तो आश्चर्यचकित हो जाता हूं।
आप में से भी अनेक लोग आश्चर्यचकित होते होंगे। अगर इतने परिवर्तन के पश्चात यह सोच है तो पहले हाल क्या रहा होगा? व्यक्तिगत रूप से मुझे कभी-कभी निराशा होती है कि विकास के महायज्ञ में अपनी आहुति देने के बजाय ऐसे तत्व विभाजन और अलगाववाद की आग को प्रज्वलित रखना चाहते हैं।
गलत फहमियां दूर कर लें
मैं ऐसे तत्वों से भी कहना चाहता हूं कि जितनी जल्दी हो सके, गलत फहमियां दूर कर लीजिए। जम्मू-कश्मीर और देश अब पूरी तरह बदल चुका है। अब आतंकियों और अलगाववादियों और उनके सरपरस्तों को फूल माला पहनाने के लिए कोई जगह जम्मू-कश्मीर में नहीं बची है। बल्कि उन्हें कठोर से कठोर सजा देने की हर संभव कोशिश की जा रही है और यह निरंतर जारी रहेगी।
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि वह जम्मू-कश्मीर की जनता सुरक्षाबलों को आक्रमणकारी नहीं, बल्कि अपना संरक्षक मानती है और उनके बलिदानस्थल को मंदिर की तरह पूजना चाहती है।

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