लेह हिंसा: अब तक 30 युवाओं की हो चुकी है रिहाई, अभी हिरासत में इतने और लोग
लद्दाख के मुख्य सचिव ने सामाजिक-आर्थिक हितों के संरक्षण की सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा कि सरकार स्थानीय नेताओं से बात करने को तैयार है। लेह में हालात सामान्य हैं शिक्षण संस्थान खुले हैं। 70 में से 30 युवा रिहा हुए हैं। अनुसूचित जनजाति आरक्षण बढ़ाया गया महिलाओं के लिए आरक्षण हुआ और भाषाओं को मान्यता दी गई।

संवाद केंद्र, लेह। लद्दाख के मुख्य सचिव डॉ.पवन कोतवाल ने शनिवार को लद्दाखवासियों के सामाजिक-आर्थिक हितों के संरक्षण के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने कहा कि सभी मुद्दों के समाधान के लिए सरकार स्थानीय नेताओं से बातचीत के लिए तैयार है। पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था बनाए रखना, आम लोगों के जानमाल की सुरक्षा सरकार की पहली प्राथमिकता है।
उन्होंने 10 दिन पूर्व लेह में हुए हिंसक प्रदर्शनों के सिलसिले में हिरासत में लिए गए 70 में 30 युवाओं की रिहाई की भी पुष्टि की। मुख्य सचिव डॉ. कोतवाल ने कहा कि लेह में हालात अब पूरी तरह सामान्य हो चले हैं। शिक्षण संस्थानों में अकादमिक गतिविधियां सामान्य हो चली हैं, बाजार सामान्य दिनों की तरह खुलने लगा है। हालात को सामान्य बनाने में जिस तरह से स्थानीय लोगों ने सहयोग किया है, वह सराहनीय है।
हिंसक प्रदर्शनों में सलिंप्तता के आधार परहिरासत में लिए गए 70 युवाओं में से 30 को रिहा कर दिया गया है, जबकि बाकी अदालती आदेशों तक न्यायिक हिरासत में हैं। उन्होंने लद्दाख के हितों की रक्षा करने और स्थानीय नेताओं के साथ बातचीत फिर से शुरू करने की सरकार की प्रतिबद्धता दोहराते हुए बताया कि एचपीसी व लद्दाख के नेताओं की पिछली बैठकों में लिए गए फैसलों के आधार पर लद्दाख में अनुसूचित जनजाति आरक्षण को 45 प्रतिशत से 85 प्रतिशत किया गया।
एलएचडीसीएस में महिलाओं के लिए एक-तिहाई आरक्षण किया है। भोटी और पुर्गी भाषाओं को मान्यता दी गई। तीन हजार से अधिक पदों के लिए भर्ती अभियान भी शुरू किया है। सभी भूमि अधिकार एलएएचडीसी के पास ही रहेंगे।
उन्होंने बताया कि एलएएचडीसी का पूंजीगत व्यय बजट पांच गुना बढ़ गया है। सरकार लद्दाख के हितों के संरक्षण के लिए पूरी तरह गंभीर है। स्थानीय मुद्दों को बातचीत और संवाद के जरिए हल करने के लिए सरकार हमेशा तैयार है। प्रशासन लद्दाख के लोगों की भूमि, नौकरियों और संस्कृति की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।
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