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    भारत से बचने के लिए लश्कर और जैश अब सिंध प्रांत में बना रहे ठिकाने, एजेंसियां-सेना पाकिस्तान पर रखे है पूरी नजर

    By Naveen Sharma Edited By: Rahul Sharma
    Updated: Thu, 04 Dec 2025 01:48 PM (IST)

    JammuKashmirNews: खुफिया एजेंसियों के अनुसार, लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठन भारत में हमलों से बचने के लिए पाकिस्तान के सिंध प्रांत म ...और पढ़ें

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    भारतीय सुरक्षा एजेंसियां और सेना इन गतिविधियों पर कड़ी नजर रख रही हैं और पाकिस्तान पर कार्रवाई का दबाव बना रही हैं।

    नवीन नवाज, श्रीनगर। JammuKashmirNews: ऑपरेशन सिंदूर में मुंह की खाने से हताश पाकिस्तान के शीर्ष राजनीतिक और सैन्य नेतृत्व ने भारत के विभिन्न शहरों में आतंकी गतिविधियां बढ़ाने के लिए फिर षड्यंत्र रचा है। इसके साथ भारत की नजर से बचने के लिए लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद अपने ठिकाने सिंध प्रांत में बना रहा है। 

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    पाकिस्तान की शह पर सिंध में दोनों आतंकी संगठनों ने अपने नये कैडर की भर्ती भी शुरू कर दी। इसके साथ लश्कर के वित्तीय नेटवर्क को वैध बनाने के लिए उससे रियल इस्टेट और पर्यटन में निवेश कराया जा रहा। दोनों संगठनों के प्रमुख मौलवी इस्लाम के नाम पर गजवा ए हिंद का नारा दे रहे हैं। वहीं भारतीय एजेंसियां और सेना पाकिस्तान के मंसूबोंपर नजर रखे हुए है। 

    म्यंमार और बांग्लादेश के जिहादी नेटवर्क का इस्तेमाल

    जानकारी के अनुसार, पाकिस्तान की सेना और उसकी खुफिया एजेंसी आइएसआइ म्यंमार और बांग्लादेश के जिहादी नेटवर्क का इस्तेमाल करने के अलावा लश्कर और जैश को पाकिस्तान के उन इलाकों में अपनी गतिविधियां बढ़ाने में सहयोग कर रही हैं,जहां उनकी गतिविधियां सीमित रही हैं या कुछ वर्षों के दौरान बंद रही हैं। इनमें सिंध पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। 

    लश्कर और जैश के कमांडरों की रैलियां

    अगस्त से सिंध में लश्कर और जैश के कई नामी कमांडरों ने लगभग दो दर्जन रैलियों को संबोधित किया है। जैश ने 15-20 दिन के जिहादी प्रशिक्षण शिविर लगाए हैं। जैश के महिला आतंकी विंग जमातुल मोमिनात की रैलियां की जा रही हैं। जैश नासिर जावेद और अब्दुर रौऊफ स्वयं सिंध में आतंकी कैडर की भर्ती की निगरानी कर रहे हैं। अब्दुल रौऊफ जैश सरगना अजहर मसूद का भाई है। लश्कर के सरगना हाफिज सईद का करीबी सैफुल्ला कसूरी और दामाद वलीद एक माह में कराची में आठ रैलियां करते स्थानीय युवाओं को आतंकी बनने के लिए बरगला रहे हैं। 

    अन्य देशों से चंदा जुटाया जा रहा

    पाकिस्तान सरकार ने कश्मीर के नाम पर चंदा जमा करने के लिए जैश-लश्कर को अन्य देशों में अपने कैडर के जरिए चंदा-जकात जमा करने को कहा है। लश्कर के वित्तीय तंत्र को वैध बनाने के लिए रियल इस्टेट और पर्यटन-होटल व्यावसाय में निवेश कराया जा रहा है। इस्लामाबाद में बड़े व्यावसायिक परिसर से संबधित समारोह में जिसमें पाकस्तान के कई बड़े मंत्री मौजूद थे।

    लश्कर के एहसानुल्ला मंजूर और मोबीन सिद्दकी को विशेष तौर पर बुलाया था। दोनों हाफिज सईद के पुत्र तल्हा सईद के साथ काम करते हैं। लश्कर की रैलियों व बैठकों में मौजूद रहते हैं। गुलाम जम्मू कश्मीर और पाकिस्तान के भीतरी इलाकों में दोनों जिहादी संगठनों के ट्रेनिंग कैंपों को जो उजागर हो चुके हैं, को होटल व अन्य संस्थानों में बदला जा रहा है ताकि वे इनसे होने वाली आय का इस्तेमाल आतंकी तंत्र में कर सकें।

    भारत के शहरों में आतंकी गतिविधियां बढ़ाने की तैयारी

    रक्षा मामलों के जानकार सैयद अमजद शाह ने कहा कि लश्कर और जैश अपने लिए कैडर प्रमुख तौर पर पंजाब या फिर खैबर के इलाके से जुटाते रहे हैं। दोनों की गतिविधियां सिंध में कराची और उसके आसपास तक हो रही हैं, लेकिन जिस तरह से अब ये दोनों संगठन सिंध के विभिन्न इलाकों में दूरदराज गांवों में नेटवर्क बढ़ा रहे हैं, वह नया है। 

    सिंध में दोनों संगठनों की गतिविधियों के विस्तार को आप म्यांमार और बांगलादेश में सक्रिय जिहादी संगठनों के साथ आईएसआई के बढ़ते तालमेल को ध्यान में रखते हुए देखें। दोनों संगठनों ने मुंबई, गुजरात और कोलकाता में हमलों के अलावा दिल्ली को कई बार दहलाया है। अंतरराष्ट्रीय दबाव और भारत के कडे़ रवैये के चलते यह जम्मू-कश्मीर तक सीमित हो चुके थे, लेकिन पाकिस्तान के शीर्ष नेतृत्व ने इनकी फिर से मदद करनी शुरू कर दी है।