पाकिस्तान की होगी और दुर्दशा? पहलगाम हमले के गुनाहगार TRF पर बैन से बढ़ी पड़ोसी मुल्क की मुसीबत
पहलगाम हमले के लिए जिम्मेदार लश्कर-ए-तैयबा के हिट स्क्वाड द रजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) को वैश्विक आतंकी संगठन घोषित किए जाने से पाकिस्तान की मुश्किलें बढ़ेंगी। यह पाकिस्तान को आर्थिक प्रतिबंधों के दायरे में ला सकता है। वर्ष 2019 से कश्मीर में आतंक का दूसरा नाम बने टीआरएफ और उसके मूल संगठन लश्कर पर प्रतिबंध लगने से पाकिस्तान पर नकेल कसना आसान होगा।

नवीन नवाज, श्रीनगर। पहलगाम हमले का गुनाहगार आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के हिट स्क्वाड द रजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) के वैश्विक आतंकी संगठन घोषित होने से पाकिस्तान की मुसीबतें बढ़ेंगी। यह पाकिस्तान को फिर आर्थिक प्रतिबंधों के दायरे में ला सकता है।
वर्ष 2019 से कश्मीर में आतंक का दूसरा पर्याय बने टीआरएफ और उसके मूल संगठन लश्कर व उसके संरक्षक पाकिस्तान की नकेल कसने में प्रतिबंध एक मील का पत्थर साबित होगा। पांच अगस्त 2019 के बाद यह कश्मीर में होने वाली लगभग हर दूसरी वारदात के लिए टीआरएफ जिम्मेदार रहा।
टीआरएफ की गतिविधियां कश्मीर में संज्ञान में आती उससे पहले यह इंटरनेट मीडिया पर कुछ समय तक बयानबाजी तक सीमित रहा और उस समय एजेंसियों ने कागजी घोड़ा बताते इसे नजरअंदाज किया।
95 फीसदी हत्याओं का जिम्मेदार TRF
कश्मीर में अगस्त 2019 से अब तक हुई प्रवासी मजदूरों, अल्पसंख्यक नागरिकों व सुरक्षाकर्मियों व स्थानीय समाजसेवियों व राजनीतिक कार्यककर्ताओं की लक्षित हत्याओं में से 95 प्रतिशत हत्याएं इसी संगठन द्वारा अंजाम दी हैं।
इसने जितनी भी वारदातें अंजाम दी हैं, वह पूरी तरह से जिहादी मानसिकता से प्रभावित होकर ही दी हैं। टीआरएफ पूरी तरह से लश्कर का संगठन है।
सज्जाद गुल 9 साल से पाकिस्तान में
अभी तक कश्मीर में जो आतंकी पकड़े गए हैं या मारे गए हैं, वे लश्कर के कमांडरों के साथ जुड़े पाए गए हैं। इनका एक कश्मीरी हैंडलर सज्जाद गुल जो नौ वर्ष से पाकिस्तान में हैं, भी लश्कर का आतंकी रहा है।
सज्जाद जट्ट उर्फ खालिद उर्फ साजिद जट्ट जो इसका मुख्य हैंडलर में एक है, लश्कर के प्रमुख कमांडरों में गिना जाता है। वह कुलगाम में सक्रिय रह चुका है। वह पाकिस्तानी ही है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।