हथियार के साथ लश्कर आतंकियों के 3 मददगार गिरफ्तार, बडगाम-श्रीनगर में टारगेट किलिंग व सुरक्षाबलों पर हमले की थी साजिश
जम्मू-कश्मीर के बडगाम और श्रीनगर में सुरक्षाबलों ने लश्कर-ए-तैयबा के तीन ओवरग्राउंड कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार करके एक आतंकी साजिश को नाकाम कर दिया। ये तीनों आतंकी आबिद क्यूम लोन के लिए काम करते थे जो पिछले पांच सालों से फरार है और वर्तमान में पाकिस्तान में छिपा हुआ है। पुलिस ने इनके पास से हथियार और गोला-बारूद भी बरामद किया है।

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। सुरक्षाबलों ने शुक्रवार को बडगाम और श्रीनगर में टारगेट किलिंग व ग्रेनेड हमले के एक षडयंत्र को विफल बनाते हुए लश्कर-ए-तैयबा के तीन ओवरग्राउंड वर्करों को गिरफ्तार कर लिया। यह तीनों बीते पांच वर्ष से फरार लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर आबिद क्यूम लोन के लिए काम करते हैं। आबिद क्यूम के मौजूदा समय में पाकिस्तान में छिपे होने की सूचना है।
आबिद क्यूम आतंकी बनने से पहले जम्मू स्थित एक इंजीनियरिंग कालेज का छात्र था। यहां मिली जानकारी के अनुसार, पुलिस को अपने तंत्र से पता चला था कि लश्कर-ए-तैयबा ने बडगाम और श्रीनगर में टारगेट किलिंग व सुरक्षाबलों पर ग्रेनेड हमले का षडयंत्र रचा है। इस षडयंत्र को अंजाम देने के लिए हथियार लेकर आतंकियों के ओवरग्राउंड वर्कर बारामूला-श्रीनगर-बडगाम मार्ग पर एक जगह विशेष पर जमा होने वाले हैं।
भारी मात्रा में हथियार बरामद
इसके आधार पर पुलिस ने सीआरपीएफ और सेना के जवानों के साथ मिलकर कुछ स्थानों पर विशेष नाके लगाए और नारबल मागाम के कावूसा नारबल में तीन ओवरग्राउंड वर्करों को पकड़ लिया। उनकी पहचान मुजम्मिल अहमद, इश्फाक पंडित (दोनों अगलर पट्टन बारामुला के निवासी) और मुनीर अहमद निवासी मीरीपोरा बीरवाह के रूप में हुई है। उनके कब्जे से एक पिस्तौल और एक हथगोला व अन्य साजो सामान बरामद किया गया है।
लश्कर के लिए करता था काम
प्रवक्ता ने बताया कि इन तीनों के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) की संबंधित धाराओं के तहत पुलिस स्टेशन मगाम में एक मामला एफआईआर नंबर 66/2025 दर्ज किया गया है। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि यह तीनों लश्कर ए तैयबा के आतंकी आबिद कयूम लोन, पुत्र अब्दुल कयूम लोन, निवासी वुसन पट्टन के लिए काम करते हैं।
आबिद क्यूम लोग वर्ष 2020 में पाकिस्तान भाग गया था। वह पाकिस्तान में बैठकर पट्टन, बारामूला, बडगाम, सोपोर और श्रीनगर में अपने स्थानीय नेटवर्क की मदद से आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के साथ ही स्थानीय युवाओं को आतंकी संगठन में भर्ती होने के लिए तैयार कर रहा था। आबिद क्यूम आतंकी बनने से पहले जम्मू स्थित एक इंजीनियरिंग कालेज का छात्र था।
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