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    लद्दाख हिंसा: पाबंदियों के चलते नहीं हुआ लेह अपेक्स बॉडी का शांति मार्च, सरकार की नीयत पर उठाए सवाल

    Updated: Sat, 18 Oct 2025 10:30 PM (IST)

    लेह में प्रशासन द्वारा लगाई गई पाबंदियों के कारण अपेक्स बॉडी एलएबी का शांति मार्च नहीं हो सका, जबकि करगिल में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। एलएबी के सहाध्यक्ष शिरिंग ने प्रशासनिक पाबंदियों की निंदा करते हुए सरकार की नीयत पर सवाल उठाए और न्यायिक जांच समिति में लद्दाखियों को शामिल करने की मांग की।

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    लद्दाख हिंसा: पाबंदियों के चलते नहीं हुआ लेह अपेक्स बॉडी का शांति मार्च। फाइल फोटो


    संवाद केंद्र, लेह। प्रशासन द्वारा किसी भी अप्रिय घटना से निपटने और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए लगाई गई पाबंदियों के चलते शनिवार को लेह में अपेक्स बॉडी एलएबी द्वारा आहूत शांतिमार्च नहीं हुआ। एलएबी के चंद नेता ही सिंगेय नामग्याल चौक में पहुंचे और उन्होंने वहां मार्च को स्थगित करने का एलान किया।

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    अलबत्ता, करगिल में शांतिमार्च में बड़ी संख्या मं लोग शामिल हुए। इस बीच एलएबी के सहाध्यक्ष शिरिंग ने लेह में प्रशासनिक पाबंदियों की निंदा करते हुए कहा कि इससे सरकार की नीयत पर भी सवाल पैदा होते हैं। उन्होंने न्यायिक जांच के लिए गठित समिति में लद्दाखियों को शामिल न करने पर आपत्ति जताई। उन्होंने समिति में लद्दाखियों को भी प्रतिनिधित्व प्रदान करने की मांग की।

    एलएब ने गत माह लेह में हुए हिंसक प्रदर्शनों में मारे गए नागरिकों के परिजनों के साथ अपनी एकजुटता जताने के लिए आज लेह व करगिल मे शांतिमार्च बुलाया था। प्रशासन ने कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए लेह में विभिन्न जगहों पर प्रशसनिक पाबंदियां लगा दी और कई जगह अवरोधक भी लगा दिए। एलएबी के कई प्रुमख नेताओं व कार्यकर्ताओं को भी कथित तौर पर नजरबंद रखा गया। पाबंदियों के चलते लेह में शांतिमार्च नहीं हो पाया और एलएबी के कुछेक नेता ही सिंगेय नामग्याल चौक में पहुंच पाए।

    उन्होंने शांतिमार्च को स्थगित करने का एलान किया और वहां से लौट गए। दोपहर बाद एलएबी के सहाध्यक्ष शिरिंग दोर्जे लकरुक ने पत्रकारों को संबोधित करे हुए , शांति मार्च को रोकने के लिए लद्दाख प्रशासन की आलोचना की।

    उन्होंने कहा कि यह शांतिमार्च था, यह कोइ्र राजनीतिक रैली नहीं थी। इसका एक ही मकसद था, उन लोगों के परिजनों के साथ एकजुटता जतानाजो गत माह हुई हिंसा मेपुलिस क गोली से मारे गए हैं। उनहोंने कहा कि प्रशासनिक पाबंदियों के चलते हमने आज अपना शांति मार्च स्थगित कर दिया, लेकिन करगिल में बड़ी संख्या में जोग शांतिमार्च में शामिल हएु हैं।

    वहां भी प्रशासन ने कई जगह रुकावटें खड़ी की थी,लेकिन लोग नहीं माने। उन्होंने लेह हिंसा की जांच के लिए गठित न्यायिक जांच समिति में लद्दाख के प्रतिनिधियों को भी शामिल करने की मांग की। उन्होंने कहा कि जांच समिति में लद्दाख का कोई प्रतिनिधि नहं है। इससे यह समिति इकतरफ है।

    न्याय सुनिश्चित करने और जांच में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए स्थानीय प्रतिनिधियों को शामिल करना आवश्यक है। इससे पूर्व लद्दाख प्रशासन ने शांतिमार्च के दौरान हिंसा की आशंका को देाते हुए लेह में निषेधाज्ञा लागू कर दी।

    इसके साथ ही कहा गया कोई भी जुलूस, रैली या मार्च आदि सक्षम अधिकारी की पूर्व लिखित अनुमति के बिना नहीं होगा। मोबाइल इंटरनेट सेवाएं भी निलंबित कर दी गई हैं।