बारामूला में 2000 साल पुरानी कुषाणकालीन बौद्ध बस्ती की खोज, बर्तन और कलाकृतियां मिलीं
बारामुला, कश्मीर में 2000 साल पुरानी कुषाणकालीन बौद्ध बस्ती मिली है, जिसमें स्तूप, दीवारें, मिट्टी के बर्तन और तांबे की कलाकृतियां शामिल हैं। अभिलेखाग ...और पढ़ें
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बारामूला में 2000 साल पुरानी कुषाणकालीन बौद्ध बस्ती की खोज, बर्तन और कलाकृतियां मिलीं (File Photo)
जागरण संवाददाता, श्रीनगर। उत्तरी कश्मीर के बारामुला जिले के जेहनपोरा में कुषाणकालीन बौद्ध बस्ती के अवशेष मिले हैं। यह कश्मीर के सांस्कृतिक और धार्मिक इतिहास के लिए बड़ी उपलब्धि है। अतीत से जुड़े इस काम को अभिलेखागार, पुरातत्व और संग्रहालय विभाग और कश्मीर विश्वविद्यालय के मध्य एशियाई अध्ययन विभाग मिलकर कर रहा है। अभी घाटी के अतीत से जुड़ी और भी कलाकृतियां मिलने की उम्मीद है।
पुरातत्व और संग्रहालय विभाग में उत्खनन सहायक जावेद मंटो ने बताया कि पांच महीनों से चल रही खुदाई में कुषाण काल के तीन स्तूप, संरचनात्मक दीवारें, मिट्टी के बर्तन, तांबे की कलाकृतियां और स्तूप मिले हैं। "यह खुदाई महत्वपूर्ण है क्योंकि यह हमें 2,000 साल पीछे ले जाती है और उस युग के इतिहास को समझने में मदद करेगी। इसमें शामिल छात्रों को शैक्षणिक अनुभव मिलेगा।
बौद्ध धर्म का कश्मीर की संस्कृति से है कनेक्शन
टीम ने राजतरंगिणी, ऐतिहासिक यात्रा वृत्तांतों और भू-भेदक रडार (जीपीआर) जैसे साहित्यिक स्रोतों का उपयोग करके स्थल की पहचान की। यह खोज घाटी में पहली बार इतने बड़े पैमाने पर कुषाणकालीन बौद्ध विरासत का खुलासा करती है जो सिद्ध करता है कि बौद्ध धर्म कभी कश्मीर की संस्कृति में गहराई से जुड़ा था।
आधुनिक तकनीक ने निभाई अहम भूमिका
इस स्थल की पहचान राजतरंगिणी, ऐतिहासिक ग्रंथों, यात्रावृत्तों और ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार तकनीक की मदद से की। जीपीआर ने जमीन के नीचे दबी प्राचीन संरचनाओं के संकेत दिए, जिसके बाद खुदाई शुरू की। डिजिटल मैपिंग, ड्रोन सर्वे और थ्री डी डाक्यूमेंटेशन जैसी तकनीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है, ताकि स्थल को वैज्ञानिक,सुरक्षित तरीके से संरक्षित किया जा सके।

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