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    Kishtwar: मलबे में दबने से नहीं ले पा रही थी सांस, मां चंडी ने बचा लिया; दास्तां सुना सिहर उठी 9 साल की देवांशी

    Updated: Fri, 15 Aug 2025 10:47 PM (IST)

    जम्मू के किश्तवाड़ में मचल माता मंदिर की यात्रा के दौरान चशोती में बादल फटने से भारी तबाही हुई। कई श्रद्धालु मलबे में दब गए जिनमें से कुछ को बचा लिया गया जबकि अन्य की जान चली गई। वायु सेना बचाव अभियान के लिए तैयार है और घायलों को अस्पताल पहुँचाया गया है। स्थानीय प्रशासन और बचाव दल लापता लोगों की तलाश में जुटे हुए हैं।

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    Kishtwar Cloudburst: मौत के मुंह से निकली 9 साल की देवांशी। फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, जम्मू। मैं सांस नहीं ले पा रही थी, मलबे में दब गई थी। मेरे चाचा, बाऊजी और अन्य लोगों ने घंटों बाद लकड़ी के तख्ते हटाए और हम सब बाहर निकले। मां चंडी ने हमें बचा लिया। यह कहते हुए जम्मू के चशोती में मौत के सैलाब से बच निकली नौ वर्ष की देवांशी अब भी उस क्षण को याद कर सिहर उठती है।

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    देवांशी जैसे कुछ लोग सौभाग्यशाली रहे लेकिन कई अन्य को संभलने का भी मौका नहीं मिला।देवांशी उन सैकड़ों श्रद्धालुओं में शामिल थी, जो मचैल माता मंदिर की यात्रा के लिए किश्तवाड़ के चशोती में जमा हुए थे।

    देवांशी ने बताया कि हम एक मैगी की दुकान पर रुके थे। अचानक हड़कंप मच गया। हम कुछ समझ पाते इससे पहले ही दुकान पर कीचड़ का एक बड़ा ढेर गिर पड़ा। हम सभी मलबे में दब गए थे।

    बाद में एक-एक करके सभी किसी तरह बाहर निकले। देवांशी को उसके परिवार के अन्य सदस्यों के साथ अस्पताल ले जाया गया, जहां उनका प्राथमिक उपचार हुआ।बचने की छोड़ दी थी उम्मीदजम्मू निवासी 32 वर्षीय स्नेहा ने कहा कि हमने एक जोरदार धमाका सुना और पहाड़ी से जलप्रवाह आते देखा।

    कुछ ही देर में मिट्टी, पत्थर और पेड़ मुझे व परिवार के चार सदस्यों को चिनाब नदी की ओर बहा ले गए। स्नेहा का कहना है कि मैं एक गाड़ी के नीचे कीचड़ में फंसी थी। चारों ओर लाशें थीं। उनमें से कुछ बच्चों की गर्दन टूटी थी और हाथ पैर कटे हुए थे। मैंने बचने की उम्मीद छोड़ दी थी लेकिन पिताजी पहले खुद को छुड़ाने में कामयाब रहे और फिर उन्होंने मेरी मदद की।

    किसी तरह सभी बाहर निकलने में कामयाब रहे। स्नेहा कहती हैं कि अधिकारियों, पुलिस, सेना, सीआरपीएफ और स्थानीय लोगों की मदद से अनगिनत लोगों की जान बची।

    लोग कुचलकर आगे बढ़ गएजीएमसी जम्मू में इलाज करा रहीं नानक नगर की सुनीता देवी ने कहा कि मैं गिर पड़ी और कुछ औरतें मेरे ऊपर गिर गईं। एक बिजली का खंभा मुझसे टकराया और मुझे जोर का झटका लगा। मैं पूरे समय अपने बेटे को ढूंढ़ती रही। हम सब बच गए।

    माता रानी ने हमें बचा लिया। वहीं, जम्मू की उमा ने कहा कि एक पुलिसकर्मी ने मुझे बचा लिया लेकिन मेरी बहन गहना रैना लापता है।

    चशोती गांव के नौ लोगों की मौत, तीन अभी लापता

    चशोती में बादल फटने के कारण गांव में काफी तबाही आई। गांव के करीब एक दर्जन घर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुके हैं।

    गांव से 12 लोग लापता थे, इसमें से नौ लोगों के शव बरामद हो गए हैं। मदद के लिए पहुंची चंडीगढ़ पीजीआइ की टीम54 घायलों को मेडिकल कालेज जम्मू लाया गया है। गंभीर मरीजों की मदद के लिए चंडीगढ़ पीजीआइ से विशेषज्ञों की एक टीम जम्मू पहुंच चुकी है। जम्मू लाए गए घायलों में 16 बच्चे व किशोर शामिल हैं।

    जीएमसी जम्मू में इमरजेंसी वार्ड के प्रभारी डा. भारत भूषण का कहना है कि दो घायलों को वेंटीलेटर पर रखा गया है जबकि अन्य के पैरों, हाथों व शरीर के अन्य हिस्सों में फ्रेक्चर हैं। 25 घायलों की सर्जरी की गई है।

    वायु सेना राहत और बचाव अभियान चलाएगी

    भारतीय वायु सेना किश्तवाड़ में आपदा पीडि़तों के लिए राहत और बचाव अभियान में हिस्सा लेने के लिए तैयार है। सूत्रों ने बताया कि वर्तमान में दो एमआई-17 हेलीकॉप्टर और एक एडवांस्ड लाइट हेलीकाप्टर (एएलएच) को जम्मू और ऊधमपुर में स्टैंडबाय पर रखा गया है।

    मौसम अनुकूल होते ही अभियान शुरू होगा। वहीं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रदीप सिंह ने कहा कि एसडीआरएफ, सेना, सीआरपीएफ, सीआइएसएफ और पुलिस मौके पर है।