कश्मीर में सिनेमा कल्चर पटरी पर वापस लाने की पहल शुरू
दिल्ली स्थित सिटारा-जादूज ने दक्षिण कश्मीर में सिनेमा और रचनात्मकता को बढ़ावा देने के लिए एक महीने तक चलने वाले किड्स फेस्टिवल का आयोजन किया है। बारामूला, शोपियां, पुलवामा और हंदवाड़ा में शुरू हुए इस उत्सव में फिल्म स्क्रीनिंग और संवाद शामिल हैं, जिसका उद्देश्य मनोरंजन के साथ शिक्षा को जोड़ना है। यह फेस्टिवल नवंबर में चलेगा और इसमें मुफ्त पापकार्न और ऋतिक रोशन की फिल्मों का प्रदर्शन किया जाएगा, जिससे एडुटेनमेंट को बढ़ावा मिलेगा।

जागरण संवाददाता, श्रीनगर। लगभग तीन दशक तक बच्चों के लिए समर्पित मनोरंजन स्थलों के अभाव के बाद दिल्ली स्थित सिटारा-जादूज ने एक माह तक चलने वाले किड्स फेस्टिवल को शुरू करके दक्षिण कश्मीर में सिनेमा और रचनात्मकता को वापस लाने की पहल की है।
बारामूला, शोपियां, पुलवामा और हंदवाड़ा में शुरू हुए इस उत्सव का उद्देश्य फिल्म स्क्रीनिंग और संवाद गतिविधियों के माध्यम से मनोरंजन को सीखने के साथ जोड़ना है। यह घाटी की लंबे समय से लुप्त हो रही सामुदायिक सिनेमा और एडुटेनमेंट की संस्कृति को पुनर्जीवित करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
आयोजकों के अनुसार यह फेस्टिवल पूरे नवंबर में चलेगा। इसमें बच्चों और परिवारों को आकर्षित करने के लिए मुफ्त पापकार्न और ऋतिक रोशन की लोकप्रिय फिल्मों की स्क्रीनिंग की जाएगी। इसमें मनोरंजन के माध्यम से शिक्षा या एडुटेनमेंट को बढ़ावा देने की कोशिश की जाएगी।

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