केरल राज्यपाल आरिफ खान ने कहा- डॉ फारूक ने रुबिया सईद के बदले आतंकियों की रिहाई का किया था विरोध
आरिफ मोहम्मद खान साहब ने उन सभी तथ्यों को सार्वजनिक किया है जो भाजपा के समर्थन से बनी वीपी सिंह सरकार के कार्यकाल में दिसंबर 1989 में जम्मू कश्मीर में हुए थे। सच सिर्फ सच होता है और वह कभी भी नहीं बदलता।

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो : नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान का आभारव्यक्त करते हुए कहा कि केरल के राज्यपाल ने कई भ्रांतियों को दूर कर दिया है। मोहम्मद आरिफ खान ने अपने एक इंटरव्यू में कहा है कि 1989 में जम्मू कश्मीर के तत्कालीन मुख्यमंत्री डा फारुक अब्दुल्ला ने रुबिया सईद के बदले आतंकियों की रिहाई का तीव्र विरोध किया था।
रुबिया सईद भारत के तत्कालीन गृहमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की छोटी बेटी हैं। बड़ी बेटी महबूबा मुफ्ती है। रुबिया सईद को जेकेएलएफ के आतंकियों ने आठ दिसंबर 1989 को अगवा किया था। उमर अब्दुल्ला ने अपने ट्वीटर हैंडल पर केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान का एक इंटरव्यू ट्वीट करते हुए लिखा है, केरल के राज्यपाल को बधाई। उन्हें मेरा प्रणाम।
आरिफ मोहम्मद खान साहब ने उन सभी तथ्यों को सार्वजनिक किया है जो भाजपा के समर्थन से बनी वीपी सिंह सरकार के कार्यकाल में दिसंबर 1989 में जम्मू कश्मीर में हुए थे। सच सिर्फ सच होता है और वह कभी भी नहीं बदलता और इसे खुद को साबित करने के लिए भाजपा व उसके समर्थकों का सहयोग भी नहीं चाहिए।
केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने एक टीवी इंटरव्यू में बताया है कि वह पूर्व प्रधानमंत्री आइके गुजराल के साथ दिंसबर 1989 में तत्कालीन मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला के निवास पर गए थे। उन्हें उस समय तत्कालीन प्रधानमंत्री वीपी सिंह ने तत्कालीन केंद्रीय विदेश मंत्री आइके गुजराल संग भेजा था ताकि रुबिया सईद की रिहाई को सुनिश्चित किया जा सके। फारुक आरिफ मोहम्मद खान ने कहा अब्दुल्ला आतंकियों की रिहाई के खिलाफ थे।
मैंने उन्हें कहा था फारूक साहब मैं आपके साथ हूं और आपके पूरा साथ दूंगा। आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि जब मैंने डा फारुक अब्दुल्ला का साथ देते हुए आतंकियों की रिहाई का विरोध किया तो मुझे इस पूरे मामले में दरकिनार कर दिया गया। रुबिया सईद को अपहरण के पांच दिन बाद सरकार ने पांच आतंकियों शेख अब्दुल हमीद, गुलाम नबी बट, नूर मोहम्मद कलवाल, मोहम्मद अल्ताफ और मुश्ताक अहमद जरगर को रिहा किया। इसके बाद आतंकियों ने रुबिया सईद को छोड़ दिया था।

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