केजरीवाल और मान ने श्रीनगर में किया कीर्तन दरबार, बोले- 'गुरुओं की शहादत का संदेश अगली पीढ़ियों तक पहुंचना चाहिए'
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने श्रीनगर में कीर्तन दरबार में भाग लिया। केजरीवाल ने कहा कि गुरुओं की शहादत का संदेश अगली पीढ़ियों तक पहुंचना चाहिए। उन्होंने सिख गुरुओं के बलिदानों को याद किया और युवाओं को उनसे प्रेरणा लेने के लिए प्रोत्साहित किया।

मान ने भी गुरुओं की शिक्षाओं को फैलाने पर जोर दिया।
राज्य ब्यूरो, जागरण, जम्मू। दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने श्रीनगर में कीर्तन दरबार में हाजरी दी। उन्होंने श्री गुरु तेग बहादुर जी के बलिदान के 350 साल पूरे को समर्पित शहीदी समागम में भाग लिया। समागम श्रीनगर के गुरुद्वारा छठी पातशाही में आयोजित हुआ।
समागम को संबोधित करते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि मैं भाग्यशाली समझता हूं कि मुझे यहां पर समागम में भाग लेने का मौका मिला है। इतिहास में गुरु साहिब के बहुत पढ़ा है। श्री गुरु तेग बहादुर जी की शहादत के विभिन्न पहलुओं को उजागर करते हुए मान ने कहा कि ये शहादत के संदेश अगली पीढ़ियों तक पहुंचनी चाहिए।
शहादत की ऐसी मिसाल दुनिया में कहीं नहीं मिलती है। पंजाब सरकार की तरफ से करवाए जा रहे समागम में मान ने कहा कि पंजाब के स्कूलों में गुरु साहिब की जीवनी व शहादत को पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है। गुरु साहिब यहां यहां से गए हैं, हमें 142 गांवों व कस्बों का पता चला है कि सरकार ने हर गांव को पचास पचास लाख रुपये दिए हैं।
आज कीर्तन जत्था श्रीनगर से रवाना होगा। मैं व केजरीवाल पहली बार श्रीनगर आए हैं। पहली बार ही आए है और पहली बार ही छठे पातशाह के चरणों में बैठे हैं। हम सभी किस्मत वाले है कि हमें मौका मिला है। हम पीछे रह कर सेवा कर रहे हैं। परमात्मा सच बोलने की शक्ति दें। आज का समय बहुत कीमती है।
पंजाब सरकार पूरा सहयोग दे रही है। कोई कमी नहीं रहने दी जाएगी। 24 नवंबर को पहली बार विस का सत्र होगा। यह सत्र श्री आनंदपुर साहिब में होगा। आज मुख्यमंत्री उमर ने आना था, लेकिन रिश्तेदार का निधन होने से नहीं आ पाए। सिख समुदाय की समस्याओं को उपराज्यपाल व मुख्यमंत्री के समझ रखेंगे।

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