कश्मीर में कोल्ड स्टोरेजों में जगह न मिलने से किसानों की बढ़ी टेंशन, फलों के खराब होने का मंडरा रहा खतरा
कश्मीर में सेब उत्पादकों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि बाहरी बाजारों में मांग कम है और कोल्ड स्टोरेज तेज़ी से भर रहे हैं। परिवहन की समस्या और भंडारण के लिए अधिक शुल्क लिए जाने से उत्पादक परेशान हैं। कई उत्पादकों ने सरकार से हस्तक्षेप करने और पर्याप्त कोल्ड स्टोरेज सुविधाएँ उपलब्ध कराने की मांग की है ताकि उन्हें नुकसान से बचाया जा सके।

जागरण संवाददाता, श्रीनगर। बाहरी बाजारों में कश्मीरी सेब की कम मांग और हाल ही में राष्ट्रीय राजमार्ग संकट के कारण सुचारू परिवहन बाधित होने के कारण, घाटी भर में कोल्ड स्टोरेज इकाइयों में इस साल अभूतपूर्व भीड़ देखी जा रही है।
अधिकारियों और उद्योग के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि लगभग 50 प्रतिशत कोल्ड स्टोरेज सुविधाएं केवल 10 दिनों में भर गईं, एक प्रक्रिया जिसमें आमतौर पर लगभग एक महीने का समय लगता है। शेष स्थान पहले से ही महीनों पहले बुक हो गए थे।
परंपरागत रूप से, सेब उत्पादक 25 सितंबर के बाद अपनी उपज को कोल्ड स्टोरेज इकाइयों में स्थानांतरित करना शुरू करते हैं, लेकिन इस साल, घटती मांग और परिवहन में अनिश्चितता के कारण, भंडारण क्षमता का आधा हिस्सा उस तारीख से पहले ही भर गया था। इस असामान्य प्रवृत्ति के कारण ट्रकों और लोड वाहक की लंबी कतारें लग गई हैंl
इस साल भीड़ अकल्पनीय है। आमतौर पर कोल्ड स्टोर्स को क्षमता तक पहुंचने में हफ़्तों लग जाते हैं, लेकिन इस बार, कुछ ही दिनों में, वे लगभग भर जाते हैं। भंडारण सुविधाओं के बाहर वाहन फंसे हुए हैं और उन्हें अपनी बारी का इंतज़ार करने के लिए कहा जा रहा है, शोपियां के एक सेब उत्पादक वहीद मलिक ने कहा।
कुछ उत्पादकों ने अपनी उपज के भंडारण के लिए अधिक कीमत वसूले जाने की भी शिकायत की। पुलवामा के एक उत्पादक अब्दुल रशीद ने आरोप लगाया, “बाहरी बाज़ारों में गिरती मांग और कम कीमतों के कारण हम पहले ही भारी नुकसान उठा रहे हैं। उसके साथ साथ अब हमें कोल्ड स्टोरेज में जगह पाने के लिए अतिरिक्त भुगतान करने के लिए कहा जा रहा है।
यह सरासर शोषण है। रशीद ने कहा,सरकार को चाहिए कि मामले की सुध लें ताकि हम और अधिक नुकसान से बच जाए। जावेद अहमद अहंगर नामक एक अन्य उत्पादक ने कहा,कोल्ड स्टोरेज में जगह न मिलने पर मेरा माल अभी ऐसे ही पड़ा हुआ है।
मुझे लगता है कि अगर चंद दिनों तक माल ऐसा ही पड़ा रहा तो मुझे भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। अहंगर ने कहा अगर सरकार ने यहां र्पयाप्त संख्या में कोल्ड स्टोरेज फेसिलिटी रखी होती तो आज हमें इस तरह की परेशियानियां नही झेलनी पड़ती।
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