कश्मीर पुलिस का बड़ा रुख, यूएपीए की शर्तों का उल्लंघन करने वाले 13 आरोपियों जमानत रद करने की मांग
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने यूएपीए के तहत जमानत पर रिहा हुए 13 आरोपियों की जमानत रद्द करने की मांग की है। पुलिस का आरोप है कि इन आरोपियों ने जमानत की शर्तों का उल्लंघन किया है। अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद यह कार्रवाई की जा रही है, और पुलिस का मानना है कि इन आरोपियों की रिहाई से क्षेत्र की सुरक्षा को खतरा हो सकता है।

शोपियाँ पुलिस की यूएपीए मामलों में सख्त कार्रवाई।
डिजिटल डेस्क, जागरण, श्रीनगर। दक्षिण कश्मीर में शोपियाँ पुलिस ने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत दर्ज 13 मामलों में जमानत रद्द करने की मांग की है।
अधिकारियों ने बताया कि यह कदम यूएपीए के तहत चल रहे मामलों की व्यापक समीक्षा के बाद उठाया गया है, जिसमें पता चला है कि कई आरोपियों, जिन्हें पहले सक्षम अदालतों द्वारा ज़मानत दी गई थी, ने ज़मानत की शर्तों का उल्लंघन किया है और सार्वजनिक व्यवस्था और सुरक्षा के लिए हानिकारक गतिविधियों में फिर से शामिल हो गए हैं।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि जिले में यूएपीए से जुड़े व्यक्तियों की निरंतर निगरानी और निगरानी के जरिए इन उल्लंघनों का दस्तावेजीकरण किया गया। निष्कर्षों से संकेत मिलता है कि कुछ आरोपियों ने आतंकवादी नेटवर्क से जुड़े तत्वों के साथ फिर से संपर्क स्थापित कर लिया था या अप्रत्यक्ष रूप से अशांति और कट्टरपंथ को बढ़ावा देने वाली गतिविधियों में मदद कर रहे थे।
अधिकारियों ने कहा कि यह कदम शोपियां पुलिस की किसी भी आड़ में आतंकवादी नेटवर्क को पुनर्जीवित करने या बनाए रखने के किसी भी प्रयास के प्रति कतई बर्दाश्त न करने की नीति को दर्शाता है।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, "कानूनी राहत का दुरुपयोग राष्ट्र-विरोधी या गैरकानूनी गतिविधियों में मदद के लिए नहीं किया जा सकता।" उन्होंने कहा कि जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए सख्त कानूनी कार्रवाई की जा रही है।

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