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    कश्मीर पुलिस ने भगोड़े ​​डॉ. फई से जुड़े अलगाववादी नेटवर्क पर शुरू की कार्रवाई; मारे छापे, कईयों को हिरासत में लिया

    By Digital Desk Edited By: Rahul Sharma
    Updated: Mon, 10 Nov 2025 03:43 PM (IST)

    कश्मीर पुलिस ने भगोड़े डॉ. गुलाम नबी फई से जुड़े अलगाववादी नेटवर्क के खिलाफ कार्रवाई करते हुए कई जगहों पर छापे मारे और कुछ लोगों को हिरासत में लिया। यह कार्रवाई अलगाववादी गतिविधियों में शामिल लोगों को पकड़ने के लिए की जा रही है। डॉ. फई पर कश्मीर में अलगाववाद को बढ़ावा देने का आरोप है। 

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    कश्मीर पुलिस मामले की जांच कर रही है।

    डिजिटल डेस्क, जागरण, श्रीनगर। बड़गाम पुलिस ने सोमवार को वडवान बडगाम निवासी और वर्तमान में संयुक्त राज्य अमेरिका में रहने वाले गुलाम नबी फई उर्फ डॉ. फई से जुड़े एक नेटवर्क पर बड़े पैमाने पर कार्रवाई की। 

    अधिकारियों ने बताया कि प्रतिबंधित संगठनों के समर्थन में काम कर रहे अलगाववादी ढांचे और नेटवर्क को ध्वस्त करने के चल रहे प्रयासों के तहत जिले भर में कई स्थानों पर यह अभियान चलाया गया। इस समन्वित कार्रवाई के दौरान कई परिसरों की तलाशी ली गई और कई व्यक्तियों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया। 

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    पुलिस के अनुसार, डॉ. फई गैरकानूनी गतिविधियाँ (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) की धारा 10, 13 और 39 और आईटी अधिनियम की धारा 66 के तहत बडगाम पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआईआर संख्या 46/2020 में मुख्य आरोपी हैं। 30 अप्रैल, 2025 को, विशेष न्यायाधीश एनआईए, बडगाम की अदालत ने उन्हें इस मामले में भगोड़ा घोषित किया था। पुलिस ने संबंधित कानूनी प्रावधानों के तहत उनकी अचल संपत्ति की कुर्की की कार्यवाही भी शुरू कर दी है। 

    केएसी के प्रमुख हैं डॉ. फई

    पुलिस ने बताया कि डॉ. फई वाशिंगटन स्थित कश्मीरी अमेरिकी परिषद (केएसी) के प्रमुख हैं, जो कथित तौर पर पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) द्वारा समर्थित एक संगठन है, जो कश्मीर पर भारत विरोधी बयानबाज़ी के लिए जाना जाता है। हाल ही में तुर्की स्थित एक मीडिया संस्थान को दिए गए साक्षात्कार में डॉ. फई ने कथित तौर पर प्रतिबंधित संगठन जेकेएलएफ (वाई) का समर्थन करते हुए बयान दिए, जिसे गैरकानूनी घोषित कर दिया गया था। 

    अधिकारियों ने बताया कि बडगाम पुलिस ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत जम्मू कश्मीर से सक्रिय जम्मू-कश्मीर के नागरिकों के साथ-साथ आतंकवादी या अलगाववादी गतिविधियों में इस्तेमाल होने वाले संचार माध्यमों में मदद करने वाले सिम कार्ड विक्रेताओं के खिलाफ अपने अभियान को तेज कर दिया है।