कश्मीर अस्पताल के औचक दौरे में 12 में से 10 डॉक्टर पाए गए गैरहाजिर, नाराज स्वास्थ्य मंत्री ने इट्टू दी यह चेतावनी
कश्मीर के एक अस्पताल में स्वास्थ्य मंत्री के अचानक निरीक्षण के दौरान 12 में से 10 डॉक्टर गायब मिले। इससे नाराज मंत्री ने डॉक्टरों को कड़ी चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि मरीजों की देखभाल में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और अनुपस्थित डॉक्टरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

स्वास्थ्य मंत्री सकीन इट्टू ने विभाग को रोस्टर प्रणाली की समीक्षा करने के भी निर्देश दिए हैं।
जागरण संवाददाता, श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर की स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री सकीना इटू ने डॉक्टरों को चेतावनी दी कि अगर वे अपनी ड्यूटी से भागते पाए गए तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में ड्यूटी रोस्टर दशकों पुराने गठजोड़ का प्रमाण हैं, जो तर्कहीन हैं और ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवा में सुधार के लिए इनमें सुधार की आवश्यकता है।
उन्होंने पोस्टिंग सिस्टम और ड्यूटी आवंटन को अस्पतालों में दशकों पुराने गठजोड़ का प्रमाण बताया। उन्होंने कहा, कई डॉक्टर 15 सालों से एक ही जगह पर तैनात हैं और पास में ही उनका एक निजी क्लिनिक है, जहां वे अस्पताल की ड्यूटी से बचते हुए नियमित रूप से जाते हैं।
मंत्री ने यह बयान एसडीएच पट्टन के अपने औचक निरीक्षण के बाद दिया, जहां 12 डॉक्टरों में से केवल दो ही ड्यूटी पर पाए गए। उन्होंने रोस्टर सिस्टम की आलोचना की, जहाँ 10 डॉक्टर आराम पर हैं और केवल दो ही ड्यूटी पर हैं। उन्होंने पूछा, जिन लोगों के लिए हमने उस अस्पताल में 12 डॉक्टर तैनात किए हैं, उनके लिए केवल दो डॉक्टर क्यों हैं? इटू ने कहा कि घाटी में स्वास्थ्य सेवाओं पर डॉक्टरों की वास्तविक कमी से ज़्यादा अतार्किक रोस्टरों का असर है।
वरिष्ठ डॉक्टरों सहित सभी हर समय मौजूद रहें
मंत्री ने कहा कि अस्पतालों को ड्यूटी रोस्टर में संशोधन करने की ज़रूरत है। उन्होंने कहा, 'हर अस्पताल प्रशासन को यह सुनिश्चित करना होगा कि वरिष्ठ डॉक्टरों सहित सभी डॉक्टर हर समय मौजूद रहें। उनहोंने कहा, मैंने स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग को रोस्टर प्रणाली की समीक्षा करने का निर्देश पहले ही दे दिया है।
उन्होंने कहा, मैंने कई निरीक्षणों के दौरान देखा है कि डॉक्टर पर्याप्त संख्या में मौजूद नहीं होते हैं और वरिष्ठ डॉक्टर रात में मुश्किल से ही उपलब्ध होते हैं। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों से तृतीयक देखभाल अस्पतालों में रेफर किए जाने का मुख्य कारण रात में कर्मचारियों की अनुपस्थिति है।
मैं रात में और भी औचक निरीक्षण करूंगी
कार्रवाई का आश्वासन देते हुए, उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करना उनकी प्राथमिकता होगी कि पर्याप्त संख्या में और वरिष्ठ कर्मचारियों सहित सभी डॉक्टर हर समय मौजूद रहें। उन्होंने कहा, मैं रात में और भी औचक निरीक्षण करूंगी ताकि पता लगाया जा सके कि अस्पतालों में मरीज़ों की सेवाएँ चौबीसों घंटे चालू रखने के लिए क्या किया जा रहा है।'
उन्होंने लोगों से रात के समय डॉक्टरों की अनुपस्थिति पर ध्यान देने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, स्वास्थ्य सेवा लोगों का अधिकार है और इसमें किसी भी तरह की समझौता बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
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