Kashmir: सर्दियों के साथ ही अग्निशमन विभाग ने जारी किया अलर्ट, आग से सुरक्षित रहने के लिए जारी की एडवाइजरी
कश्मीर में ठंड बढ़ने के साथ ही अग्निशमन विभाग ने आग लगने की घटनाओं को लेकर चेतावनी जारी की है। विभाग ने हीटिंग उपकरणों के सुरक्षित उपयोग और बिजली के तारों की जांच करने जैसे सुरक्षा उपायों का पालन करने की सलाह दी है।

लोगों से आग से सुरक्षा के प्रति जागरूक रहने की अपील की गई है ताकि ऐसी घटनाओं को कम किया जा सके।
जागरण संवाददाता, श्रीनगर। घाटी में सर्दियों के मौसम की शुरुआत के साथ ही जहां स्थानीय लोगों ने कड़ाके की ठंड से बचने के लिए आवश्यक तैयारियां शुरू की है वहीं सर्दियों के दौरान घटने वाली आग की घटाओं से निपटने के लिए अग्निशमन एवं आपातकालीन सेवा निदेशालय ने भी कमर कस ली है।
उक्त विभाग ने एक विस्तृत परामर्श जारी कर लोगों से सर्दियों के मौसम में खुद को गर्म रखने के लिए बिजली व गैस के हीटिंग उपकरणों, कांगड़ी और एलपीजी उपकरणों का उपयोग करते समय सख्त सुरक्षा उपाय अपनाने का आग्रह किया है।
विभाग ने ठंड के मौसम में आमतौर पर होने वाली घरेलू आग से होने वाली संभावित दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सतर्कता बरतने पर ज़ोर दिया है। इस परामर्श में घरों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के लिए कई एहतियाती कदम उठाए गए हैं।
इसमें लोगों को यह सुनिश्चित करने के लिए आगाह किया गया है कि घर से निकलने या सोने से पहले रूम हीटर, बुखारी और एलपीजी स्टोव सहित सभी बिजली के हीटिंग उपकरण ठीक से बंद कर दिए जाएँ।
फ़्यूज़ और मिनिएचर सर्किट ब्रेकर का इस्तेमाल करने की सलाह
विभाग ने विशेष रूप से पारंपरिक कश्मीरी अंगीठी, कांगड़ी के लापरवाही से इस्तेमाल के खिलाफ चेतावनी दी है और लोगों को सलाह दी है कि वे रात में इन्हें सुरक्षित स्थानों पर रखें ताकि दुर्घटनावश गिरने और बाद में आग लगने से बचा जा सके।
निवासियों से यह भी आग्रह किया गया है कि वे अपने घरों के अंदर या आस-पास सूखी घास लकड़ी या अन्य ज्वलनशील पदार्थ न रखें, क्योंकि ऐसी सामग्री आसानी से आग भड़का सकती है।
सलाह में जनता को खराब या घटिया बिजली के उपकरणों, खराब कंबलों या उच्च-वाट क्षमता वाले हीटरों के इस्तेमाल से बचने का निर्देश दिया गया है, क्योंकि इनसे शॉर्ट सर्किट हो सकता है। सलाह में बिजली के खतरों से बचने के लिए उचित अर्थिंग वाले उच्च-गुणवत्ता वाले फ़्यूज़ और मिनिएचर सर्किट ब्रेकर का इस्तेमाल करने की सलाह दी गई है।
एलपीजी स्टोव और सिलेंडर बंद करने की सलाह दी
लोगों को खाना बनाते समय रसोई में रहने और इस्तेमाल के तुरंत बाद एलपीजी स्टोव और सिलेंडर बंद करने की सलाह दी गई है। एलपीजी हीटर चलाते समय पर्याप्त वेंटिलेशन सुनिश्चित कनरे पर भी जोर दिया गया है। सलाह में स्थानीय लोगों को यह भी याद दिलाया गया है कि वे जलते हुए सिगरेट के बट को लापरवाही से न फेंकें और सभी बचने के रास्ते और पानी के प्रवेश द्वार साफ रखें, खासकर घनी आबादी वाले आवासीय और बाजार क्षेत्रों में।
विभाग ने कहा, किसी भी आग की आपात स्थिति में, नागरिकों को तुरंत नज़दीकी दमकल केंद्र से संपर्क करना चाहिए या अग्निशमन एवं आपातकालीन सेवा हेल्पलाइन पर काल करना चाहिए। त्वरित सहायता के लिए टोल-फ्री आपातकालीन नंबर 101 और श्रीनगर (0194-2452155, 2452222) और जम्मू (0191-2457705, 2435283) के नियंत्रण कक्ष नंबर उपलब्ध कराए गए हैं।
घाटी में बढ़ जाती है आग की घटनाएं
बता देते हैं कि घाटी में सर्दियों के मौसम के दौरान आग की घटनाओं की संख्या बढ़ जाती है। क्योंकि इस मौसम में कड़ाके की ठंड से बचने के लिए गर्मी पहुंचाने वाले उपकरणों कांगड़ी,अंगीठी,बिजली,गैस व केरोसीन व गर्मी पहुंचाने वाले उपकरणों का प्रयोग करते हैं। एेसे में इन उपकरणों का सही से इस्तेमाल न करने के फलस्वरूप दुर्घटना घटती है।
वहीं ग्रामीण इलाकों में पुराने मकान जिनमें लकड़ी का ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है,आग की घटनाओं के प्रति संवेदलनशील होने के चलते इन घटनाओं की ज्यादा आशंका रहती है। उक्त विभाग के एक अधिकारी तौसीफ अहमद ने बताया,बीते वर्ष की बात करें तो घाटी में आग की 1000 से अधिक वारदातें हुई जिनमें अरबों रुपये की संपत्ति स्वाह हो गई। उन्होंने कहा,सर्दियों के मौसम में आग की घटनाओं में वृद्धि होती है।
सुरक्षित रहने के तरीकों से अवगत हो जाए
ऐसे में इ परामर्श के माध्यम से हम लोगों को पहले ही सर्तकता व सावधानी बरतने का आग्रह करते हैं। उन्होंने कहा,आग की इन घटनाओं का जब हम आंकलन करते हैं तो अंत: इनका कारण लोगों की ही लापरवाही होती है जो मुसीबत का कारण बनती है। हम चाहते हैं कि लोग आग से न केवल बचाव बलकि सुरक्षित रहने के तरीकों से अवगत हो जाए।
अगर लोग आग के सुरक्षित रहने के नियमों को अपनाएं तो आग की घटनाएं घटना के बहुत कम संभावनाएं रहेगी और लोग सर्दियों के इस मौसम में आग से बिलकुल सुरक्षित रहेंगे। उन्होंने कहा,हमने अपनी दमकल टीमों को भी तैयार रखा है और वाहनों की भी जरूरी मरम्मत कर दी है ताकि जरूरत पड़ने पर हमारी तरफ से कोई चूक न हो जाए।
घाटी में आग की हजारों छोटी बड़ी घटनाएं घटी
बता देते हैं कि इस वर्ष जनवरी से अभी तक घाटी में आग की हजारों छोटी बड़ी घटनाएं घटी संबंधित विभाग से प्राप्त डेटा के अनुसार जनवरी में 531,फरवरी में 590,मार्च में 338, अप्रैल में 976, मई में 669,जून में 498,जुलाई में 232,अगस्त में 195 जबकि सितंबर में 175 घटनाएं घटी।
वहीं 2024 में घाटी में घटने वाली आग की घटनाओं की संख्या क्रमश: 1160, 376, 332, 370, 1296, 1335, 377, 202, 215, 652, 824 व 894 है। बता देते हैं कि श्रीनगर जिले में अग्निशमन विभाग के 29 दमकल स्टेशन हैं। हर विभाग में औसतन 12-15 कर्मचारी उपलब्ध रहते हैं।
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