क्राइम ब्रांच की बड़ी कार्रवाई, कश्मीर में हाई वैल्यू दुबई एक्सपोर्ट स्कैम में शातिर अपराधी समेत दो के खिलाफ चार्जशीट फाइल
क्राइम ब्रांच ने कश्मीर में हाई वैल्यू दुबई एक्सपोर्ट स्कैम का पर्दाफाश करते हुए दो आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। यह घोटाला दुबई को उच्च मूल ...और पढ़ें

क्राइम ब्रांच ने बताया कि दोनों आरोपियों की वजह से पीड़ितों को काफी आर्थिक नुकसान हुआ है। फाइल फोटो।
डिजिटल डेस्क, श्रीनगर। क्राइम ब्रांच कश्मीर ने शनिवार को कहा कि उन्होंने हाई वैल्यू दुबई एक्सपोर्ट स्कैम में एक पुराने अपराधी के खिलाफ चार्जशीट फाइल की है।
क्राइम ब्रांच कश्मीर की इकोनॉमिक ऑफेंस विंग (EOW) ने श्रीनगर के सिटी जज कोर्ट में आपराधिक षड्यंत्र और धोखाधड़ी के मामले में दो आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट फाइल की है। अधिकारी ने बताया कि इनमें एक आदतन अपराधी जाहिद बशीर सोफी उर्फ शागू पुत्र बशीर अहमद निवासी हाउस नंबर 2 अंदराबी कॉलोनी, नरबल भी शामिल है। चूंकि दोनों आरोपी अभी भी फरार हैं, इसलिए चार्जशीट उनकी गैरहाजिरी में पेश की गई।
जाहिद बशीर शागू और उसकी पत्नी शुगुफ्ता पहले भी कई धोखाधड़ी के केस में शामिल पाए गए हैं। दोनों ही गैस एजेंसियां देने के बहाने पैसे निकालने के मामले से भी जुड़े हैं। इन मामलों में भी चार्जशीट उनकी गैरमौजूदगी में कोर्ट में फाइल की गई हैं। अधिकारी ने बताया कि उनकी तलाश की जा रही है और वे लगातार गिरफ्तारी से बच रहे हैं।
इकोनॉमिक ऑफेंस विंग ने जांच में पाया कि शागू का बार-बार बड़े धोखाधड़ी मामले में शामिल होना, कथित अपराधिक काम के लगातार पैटर्न को दिखाता है। उनकी वजह से पीड़ितों को काफी आर्थिक नुकसान हुआ है। कानून लागू करने वाली एजेंसियों से उनका लगातार बचना गंभीर चिंता का विषय बना हुआ है।
एक लिखित शिकायत की जांच के बाद यह सामने आया। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि ज़ाहिद बशीर सोफी उर्फ शागू ने धोखे से शिकायतकर्ता को दुबई जाने वाले मटन, चावल और दूसरे सामान से जुड़े एक कथित एक्सपोर्ट बिजनेस में इन्वेस्ट करने के लिए उकसाया।
शागू ने सह-आरोपी जावीद अहमद शाह के साथ मिलकर एक सोची-समझी योजना को अंजाम दिया। इसमें शिकायतकर्ता को पंजाब ले जाकर “महाबीर राइस मिल”, महाबीर सॉल्वेंट, राइस मार्केट जीटी रोड करनाल के साथ एक नकली एग्रीमेंट पर साइन करवाना और फिर उसे दुबई ले जाना शामिल था।
इस तरह से अपराधियों ने इस कथित काम के बारे में गलत भरोसा बनाया। इन गलत बयानों के आधार पर, शिकायतकर्ता ने 34,74,600 रुपये का निवेश किया। जांच के अनुसार इस राशि का गलत इस्तेमाल किया गया। जांच में नकली दस्तावेजों, मनगढ़ंत एग्रीमेंट और जानबूझकर लालच देने का पता चला, जिससे RPC की धारा 420 और 120-B के तहत दंडनीय अपराध साबित हुए।
चार्जशीट न्यायिक फैसले के लिए कोर्ट के सामने पेश की गई है। इकोनॉमिक ऑफेंस विंग ने अपील की कि अगर किसी को ज़ाहिद बशीर शागू के ठिकाने के बारे में कोई जानकारी है, तो वे एजेंसी के साथ शेयर करें। बयान में कहा गया है कि जानकारी देने वाले की पहचान गोपनीय रखी जाएगी।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।