'दिल्ली ब्लास्ट के लिए पूरा समुदाय दोषी नहीं', JKSA ने जारी की एडवाइजरी, बोले- 'कश्मीरी छात्र डरें नहीं, हम हैं साथ'
जम्मू-कश्मीर छात्र संघ (JKSA) ने दिल्ली में हुए विस्फोट के बाद छात्रों के लिए एक एडवाइजरी जारी की है। JKSA ने छात्रों से शांत रहने और अफवाहों पर ध्यान न देने का आग्रह किया है। उन्होंने छात्रों को आश्वासन दिया कि वे अकेले नहीं हैं और संगठन उनकी सुरक्षा के लिए हर संभव प्रयास करेगा।

JKSA ने कहा कि दिल्ली विस्फोट के लिए पूरे समुदाय को दोषी नहीं ठहराया जाना चाहिए।
डिजिटल डेस्क, जागरण, श्रीनगर। दिल्ली में हुए दुखद धमाके के बाद जम्मू और कश्मीर स्टूडेंट्स एसोसिएशन (JKSA) ने पूरे भारत में कश्मीरी स्टूडेंट्स के लिए एक अर्जेंट एडवाइजरी जारी की है। ऐसा प्रोफाइलिंग, हैरेसमेंट और अचानक रहने की जगहों से निकालने की बढ़ती रिपोर्ट्स के बाद किया गया है।
एसोसिएशन ने हमले में हुई मौतों पर गहरा दुख जताया और दोहराया कि कश्मीरियों ने हमेशा हर तरह के आतंकवाद को नकारा है। देश के दुख की इस घड़ी में पीड़ितों और उनके परिवारों के साथ मजबूती से खड़े हैं।
एसोसिएशन ने इस बात पर गंभीर चिंता जताई है कि इस घटना के बाद कई कश्मीरी स्टूडेंट्स पर बहुत ज्यादा शक और भेदभाव वाला बर्ताव किया जा रहा है। अलग-अलग राज्यों के स्टूडेंट्स ने एग्रेसिव वेरिफिकेशन ड्राइव, डराने-धमकाने वाली पूछताछ, हॉस्टल में गड़बड़ी और कुछ लोकल लोगों के खराब बर्ताव की रिपोर्ट की है।
कुछ को तो बिना किसी नोटिस अपने किराए के कमरे खाली करने के लिए भी कहा गया है, जिससे घर से दूर रहने वाले युवा स्टूडेंट्स में डर और इनसिक्योरिटी का माहौल बन गया है।
सावधान रहने की दी हिदायत
एसोसिएशन के नेशनल कन्वीनर नासिर खुएहामी ने स्टूडेंट्स से ऐसे समय में बहुत ज़्यादा सावधान रहने को कहा। उन्होंने उन्हें बेवजह घूमने-फिरने, पब्लिक में इकट्ठा होने, ट्रैवल करने, ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से पॉलिटिकल बातों में हिस्सा लेने से बचने की सलाह दी। मौजूदा मुश्किल हालात में सोशल मीडिया पर आम कमेंट्स या नुकसान न पहुंचाने वाली प्रतिक्रियाओं का भी गलत मतलब निकाला जा सकता है। स्टूडेंट्स से कहा गया है कि वे सभी बातचीत में बहुत ज्यादा कंट्रोल और समझदारी से काम लें।
परिवार के साथ करीब रहें
खुएहामी ने स्टूडेंट्स को अपने परिवार के साथ करीब रहने, अपने भरोसेमंद दोस्तों को अपनी जगह की जानकारी देते रहने और अधिकारियों, मकान मालिकों या किसी भी तरह की धमकी या परेशानी की रिपोर्ट करने के लिए कहा। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि कई स्टूडेंट्स परेशान और असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। उन्होंने भरोसा दिलाया कि एसोसिएशन यह पक्का करने के लिए कमिटेड है कि उन्हें ऐसी चुनौतियों का सामना अकेले न करना पड़े।
एसोसिएशन ने जारी किए हेल्पलाइन नंबर
एसोसिएशन ने मुश्किल में फंसे स्टूडेंट्स तक तुरंत मदद पहुंचाने के लिए कुछ हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं, जिनमें 9149676014, 7006922829, 8825005327, 9906299199, 6006169477, 7028642004, 98584 45900, 9682381865, 7006724372, 9906385143, 8126655697, 7006028306, 7780931010, 7889425033 शामिल हैं।
रैपिड-रिस्पॉन्स कोऑर्डिनेशन टीम भी की गई एक्टिवेट
उन्होंने कहा कि ज़रूरत पड़ने पर दखल देने के लिए एक डेडिकेटेड 24×7 रैपिड-रिस्पॉन्स कोऑर्डिनेशन टीम एक्टिवेट की गई है। एसोसिएशन देश भर के यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन, लोकल पुलिस स्टेशनों और राज्य अधिकारियों के संपर्क में है ताकि यह पक्का किया जा सके कि कश्मीरी स्टूडेंट्स को गलत तरीके से टारगेट न किया जाए या उन्हें कलेक्टिव पनिशमेंट न दी जाए। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि गैर-कानूनी तरीके से निकाले जाने के मामले को तुरंत संबंधित अधिकारियों के सामने उठाया जाएगा, और स्टूडेंट्स से कहा कि अगर उन पर मकान मालिकों या हॉस्टल मैनेजमेंट का दबाव हो तो वे रिपोर्ट करें।
कश्मीरी युवाओं में बढ़ गया है डर
एसोसिएशन ने चिंता जताई कि ऑनलाइन गलत जानकारी, सांप्रदायिक बातों में बढ़ोतरी, खासकर कश्मीरी युवाओं को टारगेट करने से दूसरे राज्यों में पढ़ रहे स्टूडेंट्स में डर बढ़ गया है। “एक समाज जो अपने ही नागरिकों पर शक को नॉर्मल मानता है, वह एक खतरनाक रास्ते पर चलता है। मिलकर बदनामी करने से नेशनल सिक्योरिटी मजबूत नहीं होती बल्कि एकता, निष्पक्षता और न्याय से होती है।”
कश्मीरियों की पहचान को क्रिमिनल न बनाएं
एसोसिएशन के नेशनल जनरल सेक्रेटरी आदिल भट ने दोहराया कि कश्मीरियों ने हमेशा डेमोक्रेटिक वैल्यू, नेशनल इंटीग्रिटी और शांतिपूर्ण साथ रहने को बनाए रखा है। कश्मीरी स्टूडेंट्स जो भारत के एकेडमिक, साइंटिफिक और प्रोफेशनल क्षेत्र में अहम योगदान देते हैं, उनकी पहचान को क्रिमिनल नहीं बनाया जाना चाहिए या शक की नज़र से नहीं देखा जाना चाहिए। एसोसिएशन ने जोर देकर कहा कि जहां कानून लागू करने वाली एजेंसियों को दिल्ली ब्लास्ट की आजादी से जांच करने की इजाजत दी जानी चाहिए, वहीं कुछ लोगों की हरकतों की वजह से बेगुनाह कश्मीरियों को डर या गलत बर्ताव का सामना नहीं करना चाहिए।
एकेडमिक जिम्मेदारियों पर ध्यान देने की दी सलाह
शांति की अपनी अपील दोहराते हुए एसोसिएशन ने स्टूडेंट्स से टकराव से बचने और अपनी एकेडमिक ज़िम्मेदारियों पर ध्यान देने को कहा। अगर आपको कोई परेशानी, धमकी या डराया-धमकाया जाता है तो लोकल पुलिस से संपर्क करें और हमें बिना देर किए बताएं। एसोसिएशन ने सरकार, यूनिवर्सिटी और लोकल एडमिनिस्ट्रेशन से देश भर में कश्मीरी स्टूडेंट्स की सुरक्षा पक्का करने की भी अपील की।

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