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    1993 मुंबई धमाकों को दिल्ली में दोहराने का था षड्यंत्र, 'वाइट कॉलर' माड्यूल हैंडलर डॉ. मुजफ्फर अफगानीस्तान में छिपा

    By NAVEEN SHARMAEdited By: Rahul Sharma
    Updated: Thu, 13 Nov 2025 06:24 PM (IST)

    दिल्ली में 1993 के मुंबई बम धमाकों की तरह एक और साजिश का पर्दाफाश हुआ है। इस मॉड्यूल का हैंडलर, डॉ. मुजफ्फर, अफगानिस्तान में छिपा है और वहीं से साजिश रच रहा था। खुफिया एजेंसियों ने साजिश का पर्दाफाश किया, जिसके बाद सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं।

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    सुरक्षा एजेंसियां मॉड्यूल के अन्य सदस्यों की तलाश में जुटी हैं।

    नवीन नवाज, जागरण, श्रीनगर। 1993 के मुंबई बम धमाकों को दिल्ली में दोहराने के विफल रहे सफेदपोश आतंकियों का एक हैंडल डॉ. मुजफ्फर अहमद राथर अफगानीस्तान में छिपा हो सकता है। जम्मू कश्मीर पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी को सुनिश्चित बनाने के लिए इंटरपोल से मदद का आग्रह किया है। 

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    दक्षिण कश्मीर में वुनपोरा कुलगाम का रहने वाला डॉ. मुजफ्फर अहमद अफगानीस्तान स्थित आतंकी कमांडर उकाशा के साथ लगातार संपर्क में था। उसने ही सहारनपुर में अपने भाई डॉ. आदिल की गिरफ्तारी और डॉ. मुजम्मिल के फरीदाबाद स्थित ठिकाने से हथियार व विस्फोटकों की बरामदगी के बाद कथित तौर पर डॉ. उमर को लाल किले के पास बम धमाका करने के लिए कहा था। 

    एक दिन में नहीं रचा गया यह षड्यंत्र

    डॉ. मुजफ्फर ने अपने हैंडलर के साथ मिलकर यह षडयंत्र एक दिन में नहीं रचा था बल्कि वह तीन वर्ष से लगातार इसमें लगा हुआ था और बड़ी सावधानी के साथ जिहादी मानसिकता वाले कश्मीरी डाक्टरों को अपने साथ जोड़ रहा था। अभी तक जांच में जो डाक्टर पकडे गए हैं, वह पढ़ाई के दौरान या फिर नौकरी के दौरान उसके साथ संपर्क में रहे हैं या फिर उसके करीबियों के जानकार रहे हैं और यह सभी इस्लामिक राज के समर्थक हैं। 

    इंटरनेट मीडिया पर मिला बातचीत का ब्यौरा

    डॉ. मुजफ्फर अहमद राथर के पिता जोकि रिटायर्ड तहसीलदार हैं और भाई अादील राथर पहले ही जम्मू कश्मीर पुलिस की गिरफ्त में हैं। मामले की जांच से जुड़े सूत्रों ने बताया कि मुजफ्फर के बारे में जो जानकारी जुटाई गई है और पकड़े गए आतंकी माडयूल के विभिन्न सदस्यों के साथ इंटरनेट मीडिया पर उसकी बातचीत का जो ब्यौरा मिला है, वह जम्मू कश्मीर समेत पूरे मुल्क में इस्लामी शरिया लागू करने का समर्थक है। वह तालिबान, अलकायदा और आइएसआइएस को सही ठहराते हुए, कश्मीरियों समेत पूरी दुनिया के मुस्लिमों को इनका अनुसरण करने के लिए कहता था। 

    दिल्ली में सिलसिलेवार बम धमकों की थी योजना

    जांच में पता चला है कि वह दिल्ली व उसके साथ सटे इलाकों में ठीक उसी तरह से सिलसिलेवार बम विस्फोट करवाना चाहता था, जैसे मार्च1993 में मुंबई में हए थे। वह वर्ष 2021 में डा मुजम्मिल शकील और डा उमर को लेकर तुर्किए की राजधानी इस्तांबुल भी गया था। वहां यह तीनों लगभग 20 दिन रूके थे। 

    इंटरनेट मीडिया के जरिए जिहादी तत्वों के संपर्क में था

    जम्मू स्थित राजकीय मेडिकल कालेज अस्पताल में एमबीबीएस और शेरे कश्मीर आयुर्विज्ञान संस्थान सौरा से बाल रोग में एमडी करने वाला डॉ. मुजफ्फर के बारे में बताया जा रहा है कि वह करीब छह वर्ष से इंटरनेट मीडिया पर अन्य माध्यमों से जिहादी तत्वों के साथ संपर्क में था। उन्होंने बताया वह यूएई में एक अस्पताल में अपनी सेवाएं दे रहा था। वहां से अक्सर तुर्किए आता-जाता था। उसके हैंडलर ही दुबई से अफगानीस्तान की यात्रा का बंदोबस्त करते थे, ताकि किसी को भनक न लगे। 

    आदिल ने माना उसे भी मुजफ्फर ने तैयार किया

    उन्होंने बताया कि उसके भाई आदिल राथर ने अपनी पूछताछ में कथित तौर पर बताया कि उसे भी जिहादी रास्ते पर चलने के लिए मुजफ्फर ने ही तैयार किया था। उसने ही उसे कोईल पुलवामा के रहने वाले डा मुजम्मिल शकील और डा उमर नबी व मौलवी इरफान अहमद वागे से मिलवाया था। संबधित सूत्रों ने बताया कि डॉ. आदिल, डॉ. मुजम्मिल और कुछ अन्य लोगों ने अपनी पूछताछ में डॉ. मुजफ्फर के बारे में कई सनसनीखेज खुलासे किए हैं। 

    डॉ. मुजफ्फर के अफगानीस्तान में होने की आशंका

    अभी तक की जांच में पता चला है कि वह यूएई में रहते हुए कश्मीर-दिल्ली समेत देश के विभिन्न भागों में और तुर्किए, अफगानीस्तान व कुछ अन्य मुल्कों में बैठे आतंकी हैंडलरों के साथ संपर्क में था। वह उकाशा नामक एक आतंकी कमांडर के साथ लगातार संपर्क में रहता था जिसके अफगानीस्तान में होने की आशंका है। मुजफ्फर इस माडयूल के देशी-विदेशी नेटवर्क के बीच प्रमुख कड़ी के रूप में अभी तक सामने आया है। 

    आदिल और मुजम्मिल की गिरफ्तारी की है जानकारी

    जांच में यह भी पता चला है कि वह गत अगस्त में दुबई गया था और उसके बाद वह अफगानीस्तान चला गया। मौजूदा समय में भी उसके अफगानीस्तान में ही छिपे होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। जांच अधिकारियों ने बताया कि उसे अपने भाई आदिल और डॉ. मुजम्मिल की गिरफ्तारी की खबर मिल चुकी थी और वह फरीदाबाद में विस्फोटकों का जखीरा मिलने के बाद मान चुका था कि उसका मिशन अब नाकाम हो गया । इसलिए उसने उमर को दिल्ली में कार बम धमाका करने के लिए कहा होगा।