जम्मू-कश्मीर राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल की उत्कृष्ट सेवा, 2025 में 110 से अधिक बचाव अभियान
जम्मू-कश्मीर राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) ने 2025 में 110 से अधिक बचाव अभियान चलाए। एसडीआरएफ ने आपदा प्रबंधन में उत्कृष्ट सेवा प्रदान की है। ट ...और पढ़ें

एसडीआरएफ जम्मू-कश्मीर में आपदा प्रतिक्रिया का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और नागरिकों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। फाइल फोटो।
जागरण संवाददाता, श्रीनगर। चुनौतीपूर्वक तथा आपातकालीन सिथितियों में जम्मू और कश्मीर राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल एसडीआरएफ द्वारा अपनी उतकृष्ट सेवा प्रदान करने के अपने दृढ संकल्प पर डटी हुई है और वर्ष 2025 में इसके द्वारा घाटी में 110 से अधिक बचाव अभियान चलाए गए जिस दौरान कीमती इंसानी जानों को बचाया गया। वही इसके द्वारा 768 जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए और 55,955 नागरिकों को प्रशिक्षण दिया गया।
आंकड़ों के अनुसार एसडीआरएफ कर्मियों को आग, हिमपात बचाव और बाढ़ जैसी कई आपात स्थितियों में तैनात किया गया था, साथ ही इस वर्ष की अमरनाथ जी यात्रा के दौरान 15,000 से अधिक तीर्थयात्रियों की सहायता भी की गई थी। संबंधित अधिकारियों के अनुसार, बल ने अगस्त में अमरनाथ यात्रा के दौरान तीर्थयात्रियों को व्यापक सहायता प्रदान करने के अलावा 14 आग की घटनाओं, एक भूस्खलन की घटना में कार्रवाई की और पांच लोगों को बचाया।
एसडीआरएफ के एक अधिकारी ने बताया कि 2025 में सामुदायिक क्षमता निर्माण पर ध्यान केंद्रित किया गया है। अधिकारी ने कहा, बड़ी आपदाओं के न होने पर भी, हम स्कूलों, पंचायतों और तीर्थ मार्गों सहित हर स्तर पर प्रशिक्षण और तैयारी को प्राथमिकता देते हैं। श्रीनगर स्थित एसडीआरएफ प्रथम बटालियन के कमांडेंट मशरूर अहमद मीर (जेकेपीएस) को डीजीपी का गोल्डन डिस्क और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल के महानिदेशक का प्रशस्ति पत्र प्राप्त हुआ।
यह अधिकारी भी किए गए सम्मानित
एनडीआरएफ के महानिदेशक के प्रशस्ति पत्र से सम्मानित अन्य लोगों में डीएसपी मोहम्मद फैसल खान, एसआई अब राशिद खोकर, एएसआई लतीफ अहमद नजार और कांस्टेबल तैमूर उल अयूब, ताजमुल हुसैन और सज्जाद अहमद शामिल हैं।अधिकारियों ने बताया कि ये पुरस्कार 2025 के दौरान बल की परिचालन अनुशासन, अंतर-एजेंसी समन्वय और मानवीय दक्षता के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।
बता देते हैं कि एसडीआरएफ के पास बचाव वैन, ट्रूप कैरियर, टाटा सूमो, क्रू कैब और एलपी बसों का बेड़ा है, जिन्हें आग बुझाने, बाढ़ बचाव और यात्रा ड्यूटी के दौरान तैनात किया गया था।अधिकारियों ने यह भी कहा कि 2026 में प्रारंभिक चेतावनी प्रणालियों के विस्तार, माक ड्रिल और जलवायु अनुकूलन प्रतिक्रिया योजना पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
एसडीआरएफ के एक अधिकारी ने बताया कि तैयारी एक दैनिक अनुशासन है, प्रतिक्रिया नहीं। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य आने वाले वर्ष में नागरिक एजेंसियों के साथ अपने समन्वय को और मजबूत करना है।

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