जम्मू-कश्मीर में निजी स्कूलों की मनमानी पर सरकार सख्त, लगाम कसने के लिए जल्द होगी उच्चस्तरीय बैठक
जम्मू-कश्मीर सरकार ने श्रीनगर में निजी स्कूलों की मनमानी पर सख्ती दिखाई है। सरकार निजी स्कूलों पर लगाम कसने के लिए जल्द ही एक उच्चस्तरीय बैठक करेगी। इ ...और पढ़ें

जम्मू कश्मीर स्कूल शिक्षा बोर्ड से संबद्ध सभी स्कूलों में एनसीईआरटी की पुस्तकों को ही अपनाया जाना चाहिए। फाइल फोटो।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर सरकार निजी स्कूलों की मनमानी, महंगी पाठ्यपुस्तकों के निर्धारण और शुल्क नियमों के उल्लंघन की बढ़ती शिकायतों को लेकर इस महीने के अंत में एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाने जा रही है।
यह बैठक दिसंबर के तीसरे या अंतिम सप्ताह में होने की संभावना है।सरकार द्वारा यह कदम निजी स्कूलों के खिलाफ बढ़ते लोगों के रोष के बीच उठाया गया है। अभिभावकों की शिकायत है कि कई निजी स्कूल हर शैक्षणिक सत्र की शुरुआत में महंगी निजी प्रकाशकों की किताबें अनिवार्य कर देते हैं, जबकि सरकारी नियमों के अनुसार जम्मू-कश्मीर स्कूल शिक्षा बोर्ड से संबद्ध सभी स्कूलों में एनसीईआरटी की पुस्तकों को ही अपनाया जाना चाहिए।
नियमों की अनदेखी कर महंगी किताबें बेच रहे
आरोप है कि स्कूल इन नियमों की अनदेखी कर महंगी किताबें बेच रहे हैं और मुनाफाखोरी जैसी गतिविधियों में संलिप्त हैं। नए शैक्षणिक सत्र के शुरू होने के दो सप्ताह बाद सरकार ने इन शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू की। शिक्षा मंत्री सकीना इट्टू का कहना है कि सरकार निजी स्कूल एसोसिएशन के साथ बैठक कर सभी मुद्दों पर विस्तार से चर्चा करेगी।
उन्होंने कहा कि निजी स्कूलों की कार्यप्रणाली को सुव्यवस्थित करने के लिए सभी समस्याओं का समाधान किया जाएगा। हमारा प्रयास है कि अगले शैक्षणिक सत्र से किसी भी तरह की शिकायत न आए। बैठक की अध्यक्षता शिक्षा मंत्री करेंगी जिसमें स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव राम निवास शर्मा, फीस निर्धारण एवं विनियमन समिति के अध्यक्ष, बोर्ड के प्रतिनिधि, स्कूल शिक्षा निदेशक और जम्मू-कश्मीर प्राइवेट स्कूल्स एसोसिएशन के सदस्य शामिल होंगे।
निजी स्कूलों को भी अपनी बात रखने का दिया जाएगा अवसर
शिक्षा मंत्री ने कहा कि निजी स्कूलों को भी अपनी समस्याएं रखने और जहां आवश्यक हो, सरकारी हस्तक्षेप की मांग करने का अवसर दिया जाएगा। उन्होंने संकेत दिया कि निजी स्कूलों से संबंधित नियमों को सख्ती से लागू करने के लिए एक समिति का गठन या विस्तृत आदेश जारी किया जा सकता है।
बैठक में स्कूल परिवहन से जुड़े मुद्दों पर भी चर्चा होगी। मंत्री ने कहा कि निजी वाहनों में तय क्षमता से अधिक छात्रों को ले जाने की शिकायतें सामने आई हैं। कई मामलों में ये वैन अभिभावकों द्वारा निजी तौर पर किराए पर ली जाती हैं, जहां वाहन की स्थिति और बैठने की क्षमता की जांच नहीं की जाती।
सरकार का उद्देश्य स्पष्ट नियम और एक प्रभावी व्यवस्था बनाना है ताकि निजी स्कूलों की मनमानी पर अंकुश लगाया जा सके, नियमों का पालन सुनिश्चित हो और आगामी शैक्षणिक सत्र से पहले अभिभावकों के हितों की रक्षा की जा सके।

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