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    हवाई यात्रा को सुरक्षित बनाने के लिए जम्मू-कश्मीर सरकार की अनोखी पहल, जानिए क्या उठाए जा रहे कदम

    By Raziya Noor Edited By: Rahul Sharma
    Updated: Fri, 19 Dec 2025 01:24 PM (IST)

    जम्मू-कश्मीर सरकार ने हवाई यात्रा को सुरक्षित बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं। श्रीनगर हवाई अड्डे पर सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया जा रहा है। यात्रिय ...और पढ़ें

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    जम्मू व कश्मीर में गठित समितियां भारत सरकार के नागरिक उड्डयन महानिदेशक को रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगी।

    जागरण संवाददाता, श्रीनगर। हवाई यात्रा के दौरान विमानों से पक्षियों से टकराने की दुर्घटनाओं को रोकने के लिए तथा हवाई यात्रा को सुरक्षित बनाने के उद्देश्य से जम्मू-कश्मीर सरकार ने नियम 91 तहत दो समितियों का गठन किया है जिसमें घाटी व जम्मू के लिए एक-एक समिति गठित की है।

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    (नियम 91 हवाई अड्डों के पास ऐसी गतिविधियों पर रोक लगाता है जो पक्षियों को आकर्षित करती हैं, क्योंकि इनसे विमानों के साथ खतरनाक पक्षी दुर्घटनाएं हो सकती हैं)

    जम्मू कश्मीर के संभागीय आयुक्त संभालेंगे समिति की जिम्मेदारी

    प्रशासन विभाग द्वारा इस संर्दभ में जारी एक आदेश के अनुसार, जम्मू समिति की अध्यक्षता संभागीय आयुक्त, जम्मू कर रहे हैं और इसमें प्रशासनिक सचिव, नागरिक उड्डयन विभाग उपायुक्त, जम्मू; आयुक्त, जम्मू नगर निगम; वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, जम्मू; निदेशक, शहरी स्थानीय निकाय, जम्मू (सदस्य); सदस्य सचिव, जम्मू-कश्मीर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सदस्य); और निदेशक, हवाई अड्डा, जम्मू शामिल हैं।

    जबकि घाटी के लिए गठित समिति की अध्यक्षता संभागीय आयुक्त, कश्मीर कर रहे हैं और इसमें प्रशासनिक सचिव, नागरिक उड्डयन विभाग; उपायुक्त, श्रीनगर; उपायुक्त, बुडगाम; उपायुक्त, पुलवामा; आयुक्त, श्रीनगर नगर निगम; वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, श्रीनगर-बुडगाम-पुलवामा; निदेशक, शहरी स्थानीय निकाय, श्रीनगर; सदस्य सचिव, जम्मू-कश्मीर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और निदेशक, श्रीनगर हवाई अड्डा (सचिव) शामिल हैं।

    सुरक्षित हवाई यात्रा के लिए समिति को सौंपा यह कार्य

    समिति को सौंपे गए कार्यों के अनुसार, उसे श्रीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के 10 किलोमीटर के दायरे में स्थित सभी अनधिकृत बूचड़खानों, मांस की दुकानों, डेयरियों, सुअर पालन केंद्रों, कूड़े के ढेरों और अन्य प्रतिबंधित सुविधाओं की तत्काल पहचान और मानचित्रण करना होगा।

    समितियों को शहरी स्थानीय निकायों, नगर निगमों, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और कानून प्रवर्तन अधिकारियों के समन्वय से गैर-अनुपालन करने वाली इकाइयों को बंद करने या स्थानांतरित करने सहित सख्त प्रवर्तन उपायों को सुनिश्चित करने का भी दायित्व सौंपा गया है। समितियां अनुपालन निगरानी तंत्र को संस्थागत रूप देंगी और भारत सरकार के नागरिक उड्डयन महानिदेशक को रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगी।