जम्मू-कश्मीर सरकार का भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ा एक्शन, फायर एंड इमरजेंसी सर्विसेज विभाग में 103 नियुक्तियां रद
जम्मू-कश्मीर सरकार ने फायर एंड इमरजेंसी सर्विसेज़ विभाग में 103 लोगों की नियुक्ति रद्द कर दी है। एक जांच में पता चला कि 2020 की भर्ती प्रक्रिया में धो ...और पढ़ें

जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरों की जांच के आधार पर यह कार्रवाई की है।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर सरकार ने सोमवार को फायर एंड इमरजेंसी सर्विसेज़ विभाग में नियुक्त 103 लोगों की सर्विस खत्म कर दी। एक ऑफिशियल जांच और एंटी-करप्शन ब्यूरो की जांच में यह पता चला कि उनकी भर्ती गैर-कानूनी थी और इसमें धोखाधड़ी की गई थी।
होम डिपार्टमेंट के जारी सरकारी ऑर्डर नंबर 608-होम ऑफ़ 2025 के मुताबिक, फायरमैन और फायरमैन ड्राइवर के लिए 2020 की भर्ती प्रक्रिया के दौरान की गई नियुक्तियों को गैर-कानूनी, शुरू से ही अमान्य और तुरंत प्रभाव से रद कर दिया गया।
यह कार्रवाई दिसंबर 2022 में बनी एक जांच कमेटी के नतीजों के बाद की गई है। कमेटी ने सिलेक्शन प्रक्रिया में गंभीर गड़बड़ियों के आरोपों की जांच की थी। कमेटी ने पेपर लीक, नतीजों में हेरफेर और ऑफिशियल रिकॉर्ड से छेड़छाड़ के सबूत मिलने के बाद आपराधिक जांच की सिफारिश की थी।
106 उम्मीदवारों को ज्यादा दिए गए थे नंबर
इसके बाद एंटी-करप्शन ब्यूरो जम्मू-कश्मीर ने जांच की, जिसके बाद 2 जनवरी, 2025 को एफआईआर नंबर 01/2025 दर्ज की गई। एसीबी ने अपनी वेरिफिकेशन और जांच रिपोर्ट में ओएमआर आंसर शीट में बड़े पैमाने पर छेड़छाड़, स्कैन की गई आंसर इमेज में हेरफेर, मेरिट लिस्ट में हेरफेर और डिजिटल सबूतों में बदलाव की पुष्टि की। जांच में पता चला कि कम से कम 106 उम्मीदवारों को उनके असल नंबरों से कहीं ज़्यादा नंबर दिए गए थे।
सरकारी आदेश में कहा गया है कि ये नियुक्तिपत्र क्रिमिनल साज़िश और धोखाधड़ी के तरीकों से हासिल किए गए थे, जिससे वे कानूनी तौर पर टिक नहीं पाते। इसमें आगे कहा गया है कि आर्टिकल 311 के तहत संवैधानिक सुरक्षा उन मामलों में लागू नहीं होती है जहां नियुक्ति शुरू से ही गैर-कानूनी हैं, जिसमें सुप्रीम कोर्ट और जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के हाई कोर्ट के कई फैसलों का हवाला दिया गया है।
तीन पहले ही नहीं किए गए थे नियुक्त
गैर-कानूनी तरीके से चुने गए 106 उम्मीदवारों में से, तीन लोगों की नियुक्ति पहले ही फायर एंड इमरजेंसी सर्विसेज़ विभाग द्वारा जरूरी दस्तावेज पूरा न करने पर कैंसिल कर दिए गए थे। बाकी 103 को इस ऑर्डर के जरिए टर्मिनेट कर दिया गया।
सरकार ने माना कि ऐसी नियुक्तियां जारी रखने से गैर-कानूनी काम जारी रहेगा, लोगों का भरोसा कम होगा और भर्ती प्रक्रिया की पवित्रता से समझौता होगा। सभी बर्खास्त किए गए लोगों को ऑर्डर जारी होने की तारीख से विभाग से जाने का निर्देश दिया गया है।
निकाले गए लोगों की लिस्ट में कश्मीर और जम्मू डिवीजन के कई जिलों के उम्मीदवार शामिल हैं। यह ऑर्डर उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की मंज़ूरी से जारी किया गया है और इस पर सरकार के प्रिंसिपल सेक्रेटरी, होम डिपार्टमेंट के भी हस्ताक्षर हैं।

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