Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    जम्मू-कश्मीर विधानसभा में GST संशोधन विधेयक पारित, दलबदल नियम भी पेश

    Updated: Sat, 01 Nov 2025 02:00 AM (IST)

    जम्मू-कश्मीर विधानसभा ने जीएसटी संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी है, जिसका उद्देश्य जीएसटी प्रणाली को सुव्यवस्थित करना है। इसके अतिरिक्त, सदन में दलबदल विरोधी नियमों को भी पेश किया गया, जिसका लक्ष्य राजनीतिक दलों में स्थिरता लाना है।

    Hero Image

    विधानसभा में जम्मू-कश्मीर वस्तु एवं सेवा कर (संशोधन) विधेयक पारित। सांकेतिक तस्वीर

    राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर विधानसभा ने शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर वस्तु एवं सेवा कर (संशोधन) विधेयक, 2025 को पारित किया। इसी दौरान विधानसभा सचिव ने सदन में जम्मू-कश्मीर विधानसभा के सदस्य (दलबदल के आधार पर अयोग्यता) नियम, 2025 भी प्रस्तुत किए।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सदन में महत्वपूर्ण वित्तीय सुधार विधेयक जम्मू-कश्मीर वस्तु एवं सेवा कर (संशोधन) विधेयक, 2025 पेश किया, जिसे सदन ने ध्वनिमत से पारित किया। भाजपा विधायक ने इसमें कुछ संशोधनों का प्रस्ताव रखा, लेकिन मुख्यमंत्री ने उनके सुझावों को खारिज करते हुए कहा कि यह हमारा अपना कानून नहीं है।

    जीएसटी परिषद की नियमावली और केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित कानून के अनुसार, यह विधेयक जम्मू-कश्मीर जीएसटी अधिनियम, 2017 को अद्यतन करने के लिए लाया गया है।

    इस कदम से प्रदेश के कर ढांचे को राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनाने, सुचारू कार्यान्वयन, बेहतर अनुपालन और बेहतर राजस्व दक्षता सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी।

    वित्त विभाग ने इस विधेयक को वित्तीय आधुनिकीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया है, जिसका उद्देश्य व्यवसायों के लिए प्रक्रियाओं को सरल बनाना और कर प्रशासन प्रणाली में पारदर्शिता बढ़ाना है।

    इस बीच, विधानसभा सचिव मनोज कुमार पंडिता ने दलबदल से संबंधित जम्मू-कश्मीर विधानसभा के सदस्य (दलबदल के आधार पर अयोग्यता) नियम, 2025 की एक प्रति प्रस्तुत की।

    इन नियमों के अनुसार, प्रत्येक राजनीतिक दल को विधानसभा के गठन के 30 दिनों के भीतर अपने सभी विधायकों की जानकारी जमा करनी होगी। यह नियम भारत के संविधान की दसवीं अनुसूची के प्रविधानों के तहत बनाए गए हैं और जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 की धारा 28 के अनुसार लागू होते हैं।