Jammu News: जिस बेटे को कंधे पर बैठाया, उसने ही दिया कंधा... 28 दिन पहले बेटी ने लिया जन्म; रुला देगी ये घटना
जिस बेटे को कंधे पर बैठाया जिसे अपनी पुलिस की वर्दी दिखाते हुए कहा कि तुम्हे भी अफसर बनना है बुधवार को उसी अपने इकलौते पुत्र के तिरंगे में लिपटे पार्थिव शरीर को गुलाम हसन बट कंधा दे रहे थे। सेवानिवृत्त पुलिस महानिरीक्षक गुलाम हसन बट का बेटा डीएसपी मुजम्मिल हुमायूं बट आज तड़के गडोल कोकरनाग में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में बलिदानी हो गया।
श्रीनगर,राज्य ब्यूरो। जिस बेटे को कंधे पर बैठाया, जिसे अपनी पुलिस की वर्दी दिखाते हुए कहा कि तुम्हे भी अफसर बनना है, बुधवार को उसी अपने इकलौते पुत्र के तिरंगे में लिपटे पार्थिव शरीर को गुलाम हसन बट कंधा दे रहे थे। सेवानिवृत्त पुलिस महानिरीक्षक गुलाम हसन बट का बेटा डीएसपी मुजम्मिल हुमायूं बट आज तड़के गडोल कोकरनाग में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में बलिदानी हो गया।
जिला पुलिस लाइन श्रीनगर में बलिदानी डीएसपी मुजम्मिल हुमायूं को उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह के अलावा सेना, पुलिस व नागरिक प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी पुष्पचक्र भेंट कर अपने श्रद्धासुमन अर्पित किए। डीएसपी मुजम्मिल हुमायूं बट को राष्ट्रभक्ति,वीरता और बलिदान की घुट्टि घर में ही मिली थी। उनके पिता गुलाम हसन बट वर्ष 1984 बैच के जम्मू कश्मीर पुलिस सेवा के अधिकारी हैं जो मार्च 2018 में आइजी के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं।
मुजम्मिल बट शुरु से ही पुलिस विभाग में एक अधिकारी बनने का सपना देखता था। उसे खाकी से बहुत प्यार था और अक्सर अपने दोस्तों के साथ बातचीत में कहता था कि पुलिस वाले का बेटा हूं, पुलिस के सिवाय और कहां जाऊंगा। वर्ष 2018 में वह जम्मू कश्मीर पुलिस सेवा में चुने गए और बीते वर्ष पहले ही उनकी शादी हुई थी।
वह 29 दिन पहले ही बेटी के पिता बने थे। बीती रात ही उन्होंने अपने पिता गुलाम हसन बट और अपनी पत्नी से बातचीत की थी। इसके बाद वह आतंकरोधी अभियान पर निकल गए और आतंकियों के साथ मुठभेड़ में बलिदानी हो गए। आज शाम तिरंगे में लिपटा डीएसपी हुमायूं का पार्थिव शरीर श्रीनगर लाया गया तो उनके पिता गुलाम हसन बट की हालत देखने लायक थी। ऐसा लग रहा था कि जैसे उनकी आंखों में आंसूओं का सैलाब बाहर बहने को तैयार है,लेकिन उन्होंने उसे किसी तरह से रोक रखा। वह वहीं पास खड़ी अपनी बहु और अपने एक करीबी रिश्तेदार की गोद में अपनी पोती को देख, अपनी आंखे कुछ देर के लिए आस्मा की तरफ करते और फिर चुपचाप नीचे झुका लेते।
बलिदानी डीएसपी मुजम्मिल हुमायूं का परिवार मूलत
दक्षिण कश्मीर में त्राल का रहने वाला है, लेकिन बीते कुछ वर्ष से उनका पूरा परिवार यहीं श्रीनगर में फ्रेंडस कालौनी में रह रहा है। श्रद्धांजली समारोह में मौजूद एक पुलिस अधिकारी ने जो खुद को बलिदानी का बैचमेट बता रहे थे, ने कहा कि हम ट्रेनिंग के दौरान कई बार कहते थे कि त्राल तो आतंकियों का गढ़ है फिर तुम कहां पुलिस में आ गए तो वह हंसते हुए कहता था उसी दाग को मिटाने के लिए ही यह वर्दी पहनी है। त्राल को फिर से खाकी का कालेज बनाना है।
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