Jammu Kashmir Weather: कई इलाकों में आज होगी भारी बर्फबारी, घाटी में तापमान जमाव बिंदु से नीचे; काजीगुंड रहा सबसे ठंडा
कश्मीर घाटी में कड़ाके की ठंड और भारी बर्फबारी से जनजीवन प्रभावित हो रहा है। श्रीनगर में चार उड़ानें प्रभावित हुई हैं। गुलमर्ग समेत ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी जारी है। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों में भारी बर्फबारी की चेतावनी दी है। प्रशासन ने बर्फबारी से निपटने की तैयारियां की हैं। वहीं पर्यटकों का इंतजार खत्म हो गया है।

जागरण संवाददाता, श्रीनगर। पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से कश्मीर घाटी में कड़ाके की ठंड और गहरी धुंध के कारण जीवन प्रभावित हो रहा है। शनिवार की सुबह साढ़े ग्यारह बजे तक श्रीनगर में चार उड़ानें प्रभावित रहीं। इस बीच गुलमर्ग समेत घाटी के उच्च पर्वतीय इलाकों में हलकी बर्फबारी रुक-रुक कर होती रही, जबकि श्रीनगर समेत निचले इलाकों में तो मौसम शुष्क रहा, लेकिन आसमान में घने बादल छाए रहे।
समूची घाटी में तापमान जमाव बिंदु से नीचे बना रहा। -6.6 डिग्री न्यूनतम तापमान के साथ काजीगुंड घाटी का सबसे ठंडा रहा। इधर मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे के दौरान घाटी के अधिकांश इलाकों में कहीं सामान्य तो कहीं भारी बर्फबारी की संभावना जताई है।
गौरतलब है कि बुधवार को घाटी में मौसम ने करवट ली है। गुलमर्ग समेत उच्च पर्वतीय इलाकों में पहले बारिश और फिर गुरुवार को हलकी बर्फबारी का सिलसिला शुरू हुआ। इस बीच श्रीनगर समेत निचले इलाकों में तो मौसम शुष्क रहा अलबत्ता, इस बीच आसमान घने बादलों से ढंका रहा।
साथ ही धुंध ने भी श्रीनगर समेत घाटी के अधिकांश इलाकों को अपने आगोश में लिए रखा। साढ़े ग्यारह बजे के बाद धुंध छंटने और दृश्यता में सुधार होने पर विमानों का आवागमन बहाल हो गया।
बर्फबारी की चुनौतियों से निपटने को प्रशासन तैयार
हवाई अड्डे के निदेशक जावेद अंजुम ने कहा कि दोपहर तक शेड्यूल की किए गए चार विमान धुंध के कारण निर्धारित समय पर न उतर सके और न उड़ान भर सके। अन्य विमानों को निर्धारित समय पर आवागमन कराने की कोशिश है।
छह जनवरी तक घाटी में बर्फबारी का पूर्वानुमान: पश्चमी विक्षोभ के प्रभाव के चलते छह जनवरी तक घाटी के अधिकांश हिस्सों में कहीं सामान्य तो कहीं भारी बर्फबारी की संभावना है। प्रशासन ने संभावित बर्फबारी से उत्पन्न चुनौतियों से निपटने के लिए पूरी तैयारी कर रखा है।
शुक्रवार को मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बर्फबारी से निपटने के लिए प्रशासन की तरफ से व्यापक प्रबंध किए जाने का दावा किया था। बता दें कि काजीगुंड न्यूनतम तापमान -6.6 डिग्री सेल्सियस के साथ घाटी का सबसे ठंडा क्षेत्र रहा। श्रीनगर का न्यूनतम तापमान -1.6, पहलगाम में -2.6, कुपवाड़ा में -2.2, कुकरनाग में -5.8 जबकि गुलमर्ग में भी न्यूनतम तापमान -2.2 डिग्री रिकार्ड किया गया।
पूरे प्रदेश में पारे ने लगाई छलांग
मौसम की उठापटक के बीच कभी तापमान सामान्य से बहुत नीचे चला जाता है तो कभी सामान्य से ऊपर आ जाता है। शनिवार को पूरे प्रदेश में तापमान सामान्य से 5 से 7 डिग्री सेल्सियस ऊपर रहा। जम्मू में तापमान समान्य से 5.7 डिग्री अधिक 23.7 डिग्री दर्ज किया गया। वहीं न्यूनतम तापमान 8.7 डिग्री सेल्सियस रहा।
जबकि कश्मीर घाटी के ज्यादातर इलाकों में पारा शून्य से ऊपर आ गया। श्रीनगर का अधिकतम तापमान 1.2 डिग्री और न्यूनतम -1.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। पहलगाम का अधिकतम तापमान सामान्य से 3.3 डिग्री अधिक 9.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया और न्यूनतम तापमान -5.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
वहीं गुलमर्ग का अधिकतम तापमान 7.0 डिग्री और न्यूनतम तापमान -2.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। केंद्र शासित प्रदेश लेह का अधिकतम तापमान 3.2 डिग्री और न्यूनतम तापमान -4.0 डिग्री सेल्सियस रहा।
मौसम विभाग ने जारी किया यलो अलर्ट
कश्मीर घाटी के उच्च पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फबारी का सिलसिला शुरू हो गया जो रविवार देर रात तक जारी रहेगा। सोमवार से मौसम में सुधार होगा। 7 से 10 जनवरी तक बादल छाए रहेंगे। मौसम विज्ञान केंद्र श्रीनगर से मिली जानकारी के अनुसार 11 और 12 जनवरी को आमतौर पर बादल छाए रहेंगे। कई उच्च पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फबारी होने की संभावना है।
13 से 15 जनवरी तक मौसम शुष्क रहेगा। मौसम के मिजाज को देखते हुए विभाग ने यलो अलर्ट जारी किया है। प्रशासन ने पहाड़ी और बर्फ गिरने वाले क्षेत्रों में जाने वालों को सावधानी बरतने एवं घर से निकलने से पहले ट्रैफिक पुलिस कंटोल रूप से संपर्क करने का सुझाव दिया है। बिना कार्य भूस्खलन या बर्फ गिरने वाले क्षेत्रों की ओर जाने से परहेज करने के लिए कहा गया है।
गहरी धुंध के कारण रेल यातायात भी प्रभावित रहा
गहरे धुंध के कारण रेल यातायात भी प्रभावित हो रहा है। जम्मू आने वाली कई ट्रेनों घंटों देरी से जम्मू पहुंच रही हैं। इससे रेल यात्रियों को काफी परेशानियां हो रही हैं। दूसरी ओर कड़ाके की ठंड से कई रेलखंडों पर रेलवे लाइन सिकुड़ रही हैं, जिसके चलते मरम्मत कार्य चलने से भी रेल यतायात और ज्यादा प्रभावित हो रहा है।

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