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    आतंकी बुरहान वानी की बरसी पर घाटी बंद का आह्वान, सुरक्षाबलों पर हमले की आशंका से हाई अलर्ट पर सेना

    By Preeti jhaEdited By:
    Updated: Mon, 08 Jul 2019 11:38 AM (IST)

    Burhan Wani death anniversary जम्मू कश्मीर के अलगाववादी संगठनों ने आतंकवादी बुरहान वानी की तीसरी बरसी पर 8 जुलाई को पूर्ण बंद का आह्वान किया है।

    आतंकी बुरहान वानी की बरसी पर घाटी बंद का आह्वान, सुरक्षाबलों पर हमले की आशंका से हाई अलर्ट पर सेना

    श्रीनगर,जागरण संवाददाताजम्मू कश्मीर के अलगाववादी संगठनों ने आतंकवादी बुरहान वानी की तीसरी बरसी पर 8 जुलाई को  पूर्ण बंद का आह्वान किया है। इस बंद का आह्वान के संयुक्त मंच ज्वाइंट रेजिस्टेंस लीडरशीप ने किया है। अलगाववादियों के इस बंद के दौरान खुफिया एजेंसियों ने सुरक्षाबलों पर हमले की आशंका जताई है।

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    जानकारी के अनुसार जम्मू कश्मीर के अलगाववादी संगठनों के संयुक्त मंच ज्वाइंट रेजिस्टेंस लीडरशीप (जेआरएल) ने 8 जुलाई, घाटी में पूर्ण बंद का आह्वान किया है। आतंकवादी बुरहान वानी की तीसरी बरसी पर यह बंद बुलाया गया है। अलगाववादियों के बंद के बीच खुफिया एजेंसियों ने सुरक्षाबलों पर हमले की आशंका जताई है। खुफिया सूत्रों के अनुसार आतंकवादी स्नाइपर और एलईडी से हमला कर सकते हैं। ख़ुफ़िया रिपोर्ट के बाद सेना हाई अलर्ट पर है। घाटी में सुरक्षा के तगड़े इंतजाम किए गए हैं।

    जानकारी हो कि वानी की मौत के बाद घाटी में जमकर उपद्रव करने वाले अलगाववादियों ने पिछले साल भी बंद किया था। इसके कारण अमरनाथ यात्रा पर निकले हजारों श्रद्धालुओं को रोक दिया गया था। 

    बता दें कि आतंकवादी बुरहान का जिक्र पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने संयुक्त राष्ट्र में अपने संबोधन में किया था। नवाज ने बुरहान को युवा नेता कहा था, जिस पर भारत ने कड़ी आपत्ति जताई थी। नवाज के मुख से बुरहान की तारीफ सुनने के बाद बुरहान के पिता मुजफ्फर वानी ने कहा था कि ये मुझे अच्छा लगा।

    कश्मीर में इंटरनेट सेवाएं निलंबित

    सैयद अली गिलानी, मीरवाइज उमर फारूक और मुहम्मद यासीन मलिक की अगुवाई वाले अलगाववादी दलों के एक समूह संयुक्त प्रतिरोध नेतृत्व (जेआरएल) ने लोगों से अपील की है कि वे ‘बुरहान वानी की शहादत’ याद रखने के लिए सोमवार को कश्मीर बंद करें। अलगाववादियों ने आतंकी संगठन हिज्बुल मुजाहिदीन के पोस्टर बॉय बुरहान वानी को उसकी तीसरी बरसी पर याद करने के लिए सोमवार को कश्मीर-व्यापी विरोध तथा बंद का आह्वान किया है, जिसके बाद अधिकारियों ने दक्षिण कश्मीर के चार जिलों में मोबाइल इंटरनेट सुविधा को सस्पेंड कर दिया गया है।

    सैयद अली गिलानी, मीरवाइज उमर फारूक और मुहम्मद यासीन मलिक की अगुवाई वाले अलगाववादी दलों के एक समूह संयुक्त प्रतिरोध नेतृत्व (जेआरएल) ने लोगों से अपील की है कि वे ‘बुरहान वानी की शहादत’ याद रखने के लिए सोमवार को कश्मीर बंद करें। अलगाववादियों की योजना पर प्रतिक्रिया देते हुए अधिकारियों ने  अनंतनाग, पुलवामा, कुलगाम और शोपियां जिले में इंटरनेट सेवाओं को निलंबित कर दिया।

    पुलिस सूत्रों ने कहा, ‘घाटी में कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए अन्य निवारक कदम उठाए जाएंगे।’ दक्षिणी कश्मीर के कुलगाम, अनंतनाग और पुलवामा जिलों से होकर गुजरने वाले जम्मू एवं श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर पहले से ही सुरक्षा बलों की भारी तैनाती की गई है। 1 जुलाई से शुरू हुई और 15 अगस्त को खत्म होने वाली अमरनाथ तीर्थयात्रा के लिए राजमार्ग का इस्तेमाल किया जा रहा है।

    हिजबुल मुजाहिदीन का कमांडर था वानी

    हिजबुल मुजाहिदीन के शीर्ष कमांडरों में से एक बुरहान वानी को सेना ने 8 जुलाई 2016 को मार गिराया था। जानकारी के अनुसार बुरहान वानी को उसकी एक गर्लफ्रेंड के माध्यम से बुलवाया गया था। वो जिस मकान में था, सेना द्वारा उस मकान में आग लगा दी गई थी। जैसे ही वानी जान बचाने के लिए बाहर निकला वैसे ही उसे मार गिराया गया था।

    मौत के बाद भड़की थी घाटी में हिंसा

    बुरहान के मारे जाने के बाद पूरी कश्मीर घाटी में हिंसा की भड़क उठी थी। इस दौरान कश्मीर में हुई हिंसक घटनाओं में दर्जनों लोग मारे गए थे, जबकि कई सैनिक भी शहीद हो गए थे। हजारों नागरिक और सैनिक घायल हो गए थे। बुरहान के मारे जाने के बाद घाटी हिंसा की आग में सुलग उठी थी।