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    जम्मू-कश्मीर राज्यसभा चुनाव परिणाम: NC की किलेबंदी में BJP की सेंध, चौथी सीट पर बेहद रोमांचक रहा मुकाबला 

    Updated: Sat, 25 Oct 2025 08:35 AM (IST)

    जम्मू-कश्मीर राज्यसभा चुनाव में भाजपा ने सत शर्मा को चौथी सीट के लिए मैदान में उतारा। नेशनल कान्फ्रेंस को तीन सीटें मिलने की उम्मीद थी, जबकि भाजपा को एक। मतदान विधानसभा परिसर में हुआ, जिसमें मुख्यमंत्री समेत कई विधायकों ने भाग लिया। अंत में, सत शर्मा 32 वोट पाकर चौथी सीट जीतने में सफल रहे, जबकि नेशनल कान्फ्रेंस के उम्मीदवार को कम वोट मिले।

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    NC की किलेबंदी में BJP की सेंध। फोटो जागरण

    राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। केंद्र शासित जम्मू कश्मीर प्रदेश की राज्यसभा में चार सीटों को कब्जाने के लिए सत्ताधारी नेशनल कान्फ्रेंस की कांग्रेस और पीडीपी संग मिलकर की गई लामबंदी नाकाम रही। नतीजा उम्मीद के अनुरूप तीन-एक रहा। सत्ताधारी नेशनल कान्फ्रेंस तीन सीटों पर विजयी रही। चौथी सीट के लिए हुए मतदान में भाजपा के सत शर्मा को 32 वोट मिले जबकि सत्ताधारी नेकां के उम्मीदवार इमरान नबी डार को मात्र चार।

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    वोटों का विभाजन बता रहा है कि सत्ताधारी गठबंधन का साथ देने का दावा करने वालों में से चार विधायकों ने अंत में क्रास वोटिंग की है। प्रदेश विधानसभा में भाजपा के केवल 28 विधायक हैं।

    चौथी सीट के लिए मुकाबला रोमांचक रहा

    नेकां के विजयी उम्मीदवारों में पूर्व मंत्री चौ मोहम्मद रमजान ,पूर्व मंत्री सज्जाद अहमद किचलू और गुरविंदर सिंह ओबराय उर्फ शम्मी ओबराय शामिल हैं। यहां यह बताना असंगत नहीं होगा कि जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम के तहत 31 अक्टूबर 2019 को अस्तित्व में आए केंद्र शासित जम्मू कश्मीर प्रदेश में पहली बार राज्यसभा के चुनाव हुए हैं।

    यह चारों सीटों फरवरी 2021 से रिक्त पड़ी थी।पहली दो सीटें जिन पर चौ मोहम्मद रमजान और सज्जाद अहमद किचलू ने क्रमश: भाजपा के अली मोहम्मद मीर और राकेश गुप्ता को हराया है, अलग-अलग अधिसूचनाएं जारी हुई थी। तीसरी व चौथी सीट के लिए एकही अधिसूचना जारी हुई थी और इनके लिए सत्ताधारी नेकां ने शम्मी ओबराय व इमरान नबी डार को अपना उम्मीदवार बनाया था।

    सत शर्मा थे मैदान में

    भाजपा ने चौथी सीट के लिए प्रदेश भाजपा प्रमुख सत शर्मा को मैदान में उतारा था। जम्मू कश्मीर में विधानसभा में मौजूदा समय में 88 विधायक हैं और उनमें से एक पीपुल्स कान्फ्रेंस के चेयरमैन सज्जाद गनी लोन ने मतदान में भाग नहीं लिया। जबकि आम आदमी पार्टी के विधायक मेहराज मलिक ने डाकमत के जरिए अपने मताधिकार का प्रयोग किया है।

    राज्यसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होने के दिन से ही तय था कि सत्ताधारी नेशनल कान्फ्रेंस को कांग्रेस, पीडीपी या किसी अन्य का समर्थन मिले या न मिले वह तीन सीटें जीत जाएगी जबकि भाजपा के खाते में सिर्फ ही सीट रहेगी। भाजपा ने भी इसी आधार पर सत शर्मा को चौथी सीट के लिए अपना उम्मीदवार बनाया था।

    कांग्रेस-पीडीपी ने किया समर्थन

    हालांकि सत्ताधारी नेशनल कान्फ्रंस ने चारों सीटें जीतने के लिए कांग्रेस, पीडीपी व निर्दलीयों को अपने साथ जोड़ने का पूरा प्रयास किया। इसके लिए उसने कश्मीर में भाजपा विरोधी भावनाओं को भड़काने का प्रयास करते हुए कहा कि सिर्फ मतदान में भाजपा के पक्ष में वेाट करने वाला ही नहीं बल्कि मतदान में भाग नही लेने वाला भी कश्मीर में भाजपा का मददगार होगा।

    मतदान केंद्र यहां विधानसभा परिसर में बनाया गया था जहां सुबह नौ बजे से शाम चार बजे तक मतदान चला। सबसे पहले मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने अपने मताधिकार का प्रयाेग किया। उनके बाद तनवीर सादिक ने मतदान किया।

    मतदान शुरु होने के लगभग एक घंटे बाद भाजपा नेता सुनील शर्मा और विधायक शगुन परिहार ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। सुबह 10.30 बजे तक नेकां के 28, भाजपा के 20 और पीडीपी व कांग्रेस के एक5एक विधायक ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था। दोपहर एक बजे तक सभी 86 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर चुके थे।

    28 की उम्मीद मिले 32 वोट

    मोहम्मद रमजान और सज्जाद अहमद किचलू दोनों को 57-57 वोट मिले जबकि इन दोनों सीटोंके चुनाव में एक-एक वोट अवैध पाया गया।

    तीसरी सीट पर गुरविंदर सिह ओबराय उर्फ शम्मी ओबराय 31 वोटों के साथ जीत गए जबकि चौथी सीट पर मुकाबला रोमांचक रहा और भाजपा के सतपाल शर्मा जिनहें लेकर आज सुबह तक दावा किया जा रहा था कि उन्हें सिर्फ 28 वोट मिलेंगे, 32 वोट लेकर जीत गए।

    नेशनल कान्फ्रेंस के इमरान नबी डार जिन्हें कांग्रेस के चुनाव न लड़ने के एलान पर अंतिम समय में नेशनल कान्फ्रेंस ने अपना उम्मीदवार बनाया था, केवल 21 वोट प्राप्त कर सके।