जम्मू-कश्मीर पुलिस का बड़ा एक्शन; घाटी में 2 एनजीओ दफ्तरों में रेड, मस्जिदों-दरगाहों में किया मौलवियों का सत्यापन
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने घाटी में सक्रिय दो एनजीओ के कार्यालयों पर छापा मारा। इसके साथ ही, मस्जिदों और दरगाहों में मौलवियों का सत्यापन किया गया। पुलिस ने मौलवियों के पहचान पत्रों और दस्तावेजों की जांच की। यह कार्रवाई घाटी में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के उद्देश्य से की गई है।

पुलिस का कहना है कि यह सत्यापन और छापेमारी नियमित प्रक्रिया का हिस्सा है।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। जैश-ए-मोहम्मद और अंंसार गजवतुल हिंद के 'व्हाइट कॉलर' माडयूल के तार खंगाल रही जम्मू कश्मीर पुलिस ने मंगलवार को उत्तरी कश्मीर के बारामुला में दो एनजीओ के कार्यालयों और उनसे संबधित शिक्षण संस्थानों में छापेमारी की। इसके अलावा एक अन्य एनजीओ इदारा फलाह ए दारियां के कार्यालय की भी तलाशी ली।
यह कार्रवाई संस्थानों के टैक्स चोरी और एफसीआरए अधिनियम के उल्लंघन और तथाकथित तौर पर गैर कानूनी गतिविधियों में लिप्त होने की शिकायतों के आधार की गई है। इन छापों में किसी को गिरफ्तार किए जाने या पूछताछ के लिए हिरासत में लिए जाने की पुलिस ने पुष्टि नहीं की है। इसके साथ ही पुलिस ने घाटी में सभी मस्जिदों और दरगाहों के मौलवियों व इमाम के सत्यापन की प्रक्रिया भी शुरु कर दी है।
संबधित सूत्रों ने बताया कि आज की कार्रवाई वादी में सक्रिय कुछ एनजीओ द्वारा धार्मिक व शैक्षिक गतिविधियों की आड़ में देशविदेश से जुटाए गए चंदे की मदद से आतंकियों व अलगाववादियों के वित्तीय तंत्र को जारी रखे जाने की सूचनाओं के आधार पर की गई है। उन्होंने बताया कि फलाह ए दारियां एनजीओ घाटी में विशेषकर उत्तरी कश्मीर के बारामुला में बीते तीन दशक से भी ज्यादा समय से सक्रिय है।
इसका संबंध कथित तौर पर प्रतिबंधित जमाते इस्लामी से भी बताया जाता है । स्थानीय सूत्रों के अनुसार, यह एनजीओ मजहबी गतिविधियों के नाम पर चंदा भी जमा करती है और कुछ शिक्षण संस्थान भी चलाती है।
इदारा फलाह ए दारियां के कार्यालय पर भी पुलिस की नज़र
मामले की जांच से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि बारामुला स्थित इदारा-ए-फलाह-ए-दारियां के गैर कानूनी गतिविधियों में लिप्त होने की जानकारी मिलने पर एक जांच की गई। इस जांच में मिले साक्ष्यों के आधार पर बारामुला पुलिस स्टेशन में गैर कानूनी गतिविधियों की रोकथाम अधिनियम के तहत एक मामला दर्ज कर उक्त एनजीओ के कार्यालय व इससे संबंधित कुछ लोगों को चिह्िनित कर, उनके घरों में छापेमारी की गई। उन्होंने बताया कि एनजीओ से संबधित कुछ लोगों से पूछताछ की गई है,लेकिन किसी को हिरासत में नहीं लिया गया है और न गिरफ्तार किय गया है।
इसी अभियान के तहत अल-हुदा और सलफिया एजुकेशनल ट्रस्ट के कार्यालयों व संबधित शिक्षण संस्थानों में छापा डाला गया। सल्फिया एजुकेशनल ट्रस्ट जिला बारामुला के हिलालाबाद और अंद्रगाम इलाके में दो स्कूल संचालित कर रहा है। इनमें एक स्कूल सिर्फ प्राइमरी तक है जबकि दूसरा हायर सैकेंडरी स्कूल है। अल-हुदा द्वारा गुलमर्ग का आधार शिविर कहलाने वाले टंगमर्ग में एक स्कूल चलाया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि अल हुदा के खिलाफ एफसीआरए और सल्फिया एजुकेशनल ट्रस्ट के खिलाफ गैर कानूनी गतिविधियों की रोकथाम अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। अल-हुदा द्वारा विदेशी चंदा जमा करने के मामले में संबधित नियमों का उल्लघन करने, टैक्स चोरी करने, शिक्षण संस्थान व एनजीओ के पंजीकरण संबंधी औपचारिकताओं को पूरा न करने और सरकारी जमीन का अतिक्रमण और अनुमोदित कार्य के बजाय अनाधिकृत कार्य के लिए भूमि उपयोग करने का भी पता चला है।
एनजीओ के तार खंगाल रही पुलिस: बढ़ सकती है गिरफ्तारी
पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि अल हुदा और सल्फिया एजुकेशनल ट्रस्ट द्वारा उपयोग की जा रही जमीन के दस्तावेजों, जमीन के मालिकाना हक, निर्माण की अनुमति की भी जांच की जा रहीहै। प्रवक्ता ने बताय कि छापेमारी के दौरान संबधित संस्थानों से जुड़े कई लोगों से पूछताछ की गई है। छापेमारी के दौरान वित्तीय लेन देन से संबधित दस्तावेज और कुछ डिजिटल उपकरण भी जब्त किएगए हैं। सूत्रों ने दावा किया है कि छापेमारी के दौरान कुछ धार्मिक साहित्य भी जब्त किया गया है। इन सभी का आकलन किया जा रहा है।
इस बीच,पुलिस ने घाटी के सभी मस्जिदों ,दरगाहों और खानकाहों के मौलवियों व इमाम की पहचान और सत्यापान प्रक्रिया शुरु कर दी है। सभी मस्जिद प्रबंधन समितियों को निर्देश दिया गया है कि इस प्रक्रिया में सहयोग करते हुए इसे यथाशीघ्र पूरा करें। पुलिस प्रवक्ताने बताया कि मौलवियों और इमामाें के सत्यापन की प्रक्रिया जरुरी है, क्योंकि अधिकांश मस्जिदों में मौलवी और इमाम स्थानीय नहीं हैं, वह प्रदेश के विभिन्न भागों से हैंया फिर प्रदेश के बाहर अन्य राज्यों के रहने वाले हैं। इसलिए उनका सत्यापन जरुरी है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से हम किराएदारों का सत्यापन करते हैं,उनकी जांच करते हैं,उसी तरह मौलवियों और इमामों की भी जांच की जा रही है।

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