अमरनाथ यात्रा 2025 : ...ताकि दुर्गम रास्तों पर भी मिले श्रद्धालुओं को चिकित्सा सुविधा
महिला श्रद्धालु ने कहा कि अमरनाथ जैसी दुर्गम यात्रा के लिए पौनी एम्बुलेंस समय की जरूरत है। भोलेनाथ की गुफा ऊंचाई पर होने के चलते कई श्रद्धाुओं को सांस लेने में दिक्कत आक्सीजन लेवल कम हो जाने डीहाइड्रेशन हाइट फोबिया आदि जैसी कई शारिरिक दिक्कतों का सामाना करना पड़ता है।

श्रीनगर, रजिया नूर। घाटी में श्री अमरनाथ जी की वार्षिक यात्रा शुरू हो गई। 38 दिनों पर आधारित इस यात्रा के दौरान इसमें हिस्सा लेने वाले सभी तीर्थयात्री फिट रहे, चुस्त व दरूस्त रहें, इसके लिए प्रशासन ने यहां दोनों बैस केंप बालटाल व पहलगाम से पवित्र गुफा तक चिकिस्ता के व्यापक प्रबंध कर अस्पताल व चिकित्सा शिविर स्थापित कर दिए हैं। वहीं समुद्र तल से 3,888 मीट(12.756 फीट) ऊंची पवित्र गुफा तक यात्रा करने के दौरान श्रद्धालुओं को किसी प्रकार भी तरह की शारीरिक शिकायत न हो, इसके लिए प्रशासन ने इस वर्ष भी दोनों यात्रा मार्ग पहलगाम व बालटाल में पौनी एमब्यूलेंस की सुविधा उपलब्ध रखी है।
श्रद्धालु जरूरत पड़ने पर इन सेवाओं का चलते-चलते लाभ ले सकते हैं। ये पौनी एम्बुलेंस तमाम आवश्यक चिकित्सा सुविधाओं जिनमें आक्सीजन सिलेंडर, बीपी, शुग्गर, दर्द निरोधक व अन्य दवाइयां, ग्लूकोज, इंजेक्शन आदि शामिल हैं, से लैस हैं। श्रद्धालु बालटाल या नुनवन से पवित्र गुफा के बीच किसी भी स्थान पर किसी चिकित्सा केंद्र का रुख किए बिना इनके द्वारा अपना उपचार मौके पर ही करवा सकते हैं।
आठ पौनी एम्बुलेंस हैं उपलब्ध
इस सिलसिले में दोनों यात्रा मार्ग बालटाल व पहलगाम में 8 पौनी एम्बुलेंस उपलब्ध कराई गई हैं। इनमें से 4 बालटाल व 4 पहलागम आधार शिविर में श्रद्धालुओं की सेवा में उपलबध रहेंगी। बालाटाल में पौनी एम्बुलेंस की देखरेख कर रहे मेडिकल आफिसर डा अरशद अहमद ने इस बारे में और अधिक जानकारी देते हुए कहा कि यह चार पौनी एम्बुलेंस चौबीसों घंटे श्रद्धालुओं के लिए उपलब्ध रहेंगी। उन्होंने कहा, हमने इन के लिए 20 चिकित्सा कर्मचारियों को तैनात कर रखा है जो शिफ्टों में काम करेंगे। उन्होंने कहा एक पौनी एम्बुलेंस के साथ दो चिकित्सा कर्मचारी ड्यूटी करेंगे जो बालटाल से पवित्र गुफा के बीच रास्ते में आपातकालीन स्थिति में श्रद्धालुओं को चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराएंगे। जरूरत पड़ने पर उन्हें निकटवर्ती चिकित्सा शिविर भी पहुंचाएंगे। डा अरशद ने कहा इसके अलावा हमने बालटाल से लेकर पवित्र गुफा तक 16 आक्सीजन बूथ भी उपलब्ध रखें हैं ताकि सांस लेने में तकलीफ महसूस करने वाले श्रद्धालुओं को समय पर आक्सीजन उपलब्ध कराई जा सके। डा अरशद ने कहा,हम बालटाल बैस कैंप में ही श्रद्धालुओं को इस सुविधा के बारे में जानकारी देते हैं और उन्हें इन पौनी एम्बुलेंस के संपर्क नम्बर भी दे देते हैं ताकि जरूरत पड़े पर श्रद्धालु इनको संपर्क कर इनसे चिकित्सा सहायता प्राप्त कर सकें।
दस आक्सीजन बूथ भी बनाए हैं
पहलगाम आधार शिविर में पौनी एंब्यूलेंसेज की देखररेख कर रहे मेडिकल आफिसर डा नासिर ने कहा, हमारे इस यात्रा मार्ग से पवित्र गुफा तक आवश्यक चिकित्सा वस्तुओं से लैस चार पौनी एमब्यूलेंसेज के साथ साथ हमने मार्ग पर 10 आक्सीजन बूथ भी स्थापित कर दिए हैं जो हमारे श्रद्धालुओं की पवित्र गुफा तक या वहां से वापस आने के दौरान रास्ते में पेश आने वाली मेडिकल एमर्जेंसी के दौरान उनकी मदद करेगी। डा नासिर ने कहा,पहले ही दिन पवित्र गुफा की तरफ जाने वाले श्रद्धालुओं के पहले जत्थे में शामिल एक श्रद्धालु को लोवर केव साइट के पास सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। सूचना मिलते ही फौरन हमारी पौनी एंब्यूलेंस वहां पहुंची और उसे मेडिकल एड दिया। डा नासिर ने कहा,अब वह श्रद्धालु ठीक है और उसे अस्पताल में भरती होने की जरूत नही पड़ी।
श्रद्धालु चिकित्सा सुविधा से हैं खुश
इधर श्रद्धालु भी उन्हें उपलब्ध रखी जाने वाली इस चिकित्सा सुविधा से खुश है। धीरज प्रसाद नामक एक श्रद्धालु ने कहा,भोले तक पहुंचने के लिए हमें ऊबड़ खाबड़ व दुर्गम रास्तों व तीखी ढलानों से गुजरना पड़ता है। एेसे में किसी भी श्रद्धालु को मडिकल एर्जेंसी पेश आ सकती है। प्रसाद ने कहा,हालांकि गुफा तक के रास्ते पर कई छोटे बड़े सिकित्सा केंद्र भी स्थापित किए गए हैं लेकिन कभी एेसी सिथिति भी पैदा हो जाती है,जब बीमार श्रद्धालु के लिए उन चिकित्सा केंद्रों तक पहुंचना भी दुशवार हो जाता है। एेसी सिथिति में यह पौनी एंब्यूलेंस श्रद्धालुओं के लिए किसी वरदान से कम साबित नही होती।
टेलीमेडिसीन की सुविधा भी है उपलब्ध
जिया भटनागर नामक एक महिला श्रद्धालु ने कहा कि अमरनाथ जैसी दुर्गम यात्रा के लिए पौनी एम्बुलेंस समय की जरूरत है। क्योंकि भोलेनाथ की गुफा ऊंचाई पर होने के चलते कई श्रद्धाुओं को सांस लेने में दिक्कत, आक्सीजन लेवल कम हो जाने, डीहाइड्रेशन, हाइट फोबिया आदि जैसी कई शारिरिक दिक्कतों का सामाना करना पड़ता है। अलबत्ता श्रद्धालुओं की भारी संख्या को देख प्रशासन को इन पौनी एम्बुलेंस की संख्या बढ़ानी चाहिए। बता देते हैं कि श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए टेलीमेडिसीन की भी सुविधा उपलब्ध रखी गई है। बता देते हैं कि घाटी के इतिहास में यह पहली बार है कि जब श्री अमरनाथ जी श्रद्धालुओं के लिए यात्रा अवधि के दौरान टेलीमेडिसीन जैसी आधुनिक चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई गई हो।
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