Jammu Kashmir News: प्रत्येक पंचायत में बनाई जाए आपदा प्रबंधन समिति,उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने दिया आदेश
Jammu Kashmir News मंगलवार को श्रीनगर में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने प्रत्येक पंचायत में आपदा प्रबंधन समिति के गठन का निर्देश दिया। उन्होंने इस संबंध में जम्मू कश्मीर आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को निर्देश दिया है कि वह आपदा की स्थिति में सूचना आवश्यक सेवाओं और प्रारंभिक चेतावनी तक पहुंच के लिए एक मजबूत व्यवस्था बनाने का ब्लू प्रिंट तैयार करे।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। Jammu Kashmir News: उपराज्यपाल मनोज सिन्हा (Lieutenant Governor Manoj Sinha) ने प्रत्येक पंचायत में आपदा प्रबंधन समिति (Disaster management committee ) के गठन का सुझाव दिया है। उन्होंने जम्मू कश्मीर आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (जेकेडीएमए) को निर्देश दिया है कि वह आपदा की स्थिति में सूचना, आवश्यक सेवाओं और प्रारंभिक चेतावनी तक पहुंच के लिए एक मजबूत व्यवस्था बनाने का ब्लू प्रिंट तैयार करे।
कश्मीर विश्वविद्यालय में JKDMA द्वारा मंगलवार को आपदा जोखिम न्यूनीकरण विषय पर सेमिनार में उपराज्यपाल ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता है कि किसी भी आपदा में कोई जान न जाए। इसके लिए प्रारंभिक चेतावनी, शीघ्र कार्रवाई, बुनियादी ढांचे और सभी पक्षों द्वारा सहयोग की प्रणाली मजबूत बनाने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर को आपदा प्रतिरोधी बनाना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।
इस दिशा में हम महत्वपूर्ण कदम उठा रहे हैं। उपराज्यपाल ने कहा कि जलवायु परिवर्तन (Climate Change) और तेजी से बढ़ती मौसम की घटनाओं के कारण प्राकृतिक आपदाएं उन स्थानों पर अधिक हो रही हैं जहां पहले प्राकृतिक खतरों से विनाश नहीं देखा गया।
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आपदाओं को रोकने, बचाव और नुकसान को कम करने की तरकीब अपनानी होगी-उपराज्यपाल
इनके प्रभाव को कम करने हमें आपदा के बाद की अपनी प्रतिक्रिया की रणनीति के बजाय आपदाओं को रोकने, बचाव और नुकसान को न्यूनतम करने के लिए पूर्व सक्रियता की नीति और आदत अपनानी होगी।
जम्मू कश्मीर में ही पीएमजीएसवाई की सड़कों के लिए भूमि के बदले मिलता है मुआवजा
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने मंगलवार को कहा कि सिर्फ जम्मू कश्मीर ही पूरे देश में एकमात्र ऐसा प्रदेश है जहां प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत सड़क के लिए अधिग्रहित जमीन का मुआवजा दिया जाता है। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर सरकार इस योजना के तहत अधिग्रहित जमीन का जो मुआवजा देती है वह जमीन की वास्तविक कीमत से भी ज्यादा होता है।
यहां सड़क की लागत से सड़क के लिए ली गई जमीन का मुआवजा तय होता है। उत्तर प्रदेश में जहां से मैं आया हूं या फिर देश के अन्य भागों में जब किसी जगह सड़क के लिए जमीन की जरूरत होती है तो लोग अपनी जमीन मुफ्त में देते हैं।
उन्होंने कहा कि जनता को अपने अधिकार ही नहीं अपने कर्तव्य के बारे में भी पता होना चाहिए। मेरी अपील बस इतनी है कि इस मामले पर सभी गौर करें क्योंकि इसी कारण हम यहां कम सड़कों का निर्माण कर पाए हैं।
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