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    जम्मू-कश्मीर प्रदेश कांग्रेस की संगठनात्मक नियुक्तियों की तैयारी शुरू, सबसे पहले जिला प्रधानों की होगी नियुक्ति

    Updated: Sun, 23 Nov 2025 05:52 PM (IST)

    जम्मू कश्मीर कांग्रेस संगठनात्मक नियुक्तियों की तैयारी में है। जिला प्रधानों की नियुक्ति के लिए 21 पर्यवेक्षक और 63 नेताओं की ड्यूटी लगाई गई है। पार्टी निष्पक्ष चयन का प्रयास कर रही है, लेकिन कुछ नेताओं को तरजीह देने से असंतोष है। आरोप है कि पार्टी के प्रति वफादार नेताओं को नजरअंदाज किया जा रहा है।

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    जम्मू-कश्मीर प्रदेश कांग्रेस की संगठनात्मक नियुक्तियों की तैयारी शुरू। फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, जम्मू। जम्मू कश्मीर प्रदेश कांग्रेस की संगठनात्मक नियुक्तियों की तैयारी शुरू हो गई है। सबसे पहले जिला प्रधानों की नियुक्तियां की जाएगी। जिला प्रधानों की नियुक्ति के लिए 21 पर्यवेक्षक तैनात किए गए हैं। प्रत्येक पर्यवेक्षक के साथ तीन तीन स्थानीय नेताओं की ड्यूटी लगाई है।

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    संगठन सृजन अभियान के तहत कांग्रेस हाईकमान ने 21 नेताओं को अखिल भारतीय कांग्रेस का पर्यवेक्षक नियुक्त किया है। इनमें रीता चौधरी को जम्मू शहरी, मोहन मरकम को जम्मू ग्रामीण, तस्वीर सोलंकी को सांबा, सारिका सिंह को रियासी, उदयभान को उधमपुर, यशपाल आर्य को कठुआ, अनंत दहिया को पुंछ, सुरेश कुमार को राजौरी, प्रकाश जोशी को डोडा, जेती कुसुम कुमार को रामबन, केवल सिंह पठानिया को किश्तवाड़, अजय कुमार लालू को श्रीनगर, शमीना शफीक को बडगाम, आफताब अहमद को पुलवामा, संजय चोकर को गांदरबल, सीताराम लांबा को बांडीपोरा, रफीक खान को अनंतनाग, जितेंद्र रमोला को कुलगाम, दिनेश गुर्जर को शोपियां, अब्दुल हानन को बारामुला और संजय कपूर को कुपवाड़ा का पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है। इन सभी के साथ जम्मू कश्मीर प्रदेश कांग्रेस के नेताओं की जिम्मेदारी भी लगाई है।

    इनमें जम्मू शहरी जिला के लिए डा. मनोहर लाल शर्मा, टीएस बाजवा, राजेश सदोत्रा को शामिल किया गया है। जम्मू ग्रामीण जिला के लिए नरेश कुमार गुप्ता, यशपाल कुंडल और शाम लाल भगत को शामिल किया गया है। रामबन के लिए जीएम सरूरी, रविंद्र शर्मा और सुमित मगोत्रा को शामिल किया गया है। इस तरह से अन्य जिलों में भी तीन तीन नेताओं को जिम्मेदारी दी गई है।

    राहुल गांधी के निर्देश पर देश भर में जिला प्रधान की नियुक्ति स्वतंत्र पर्यवेक्षक के जरिए होनी है। स्थानीय नेता अपनी सलाह या सुझाव दे सकते हैं। जम्मू कश्मीर में बीस जिले है लेकिन पार्टी की तरफ से जम्मू शहरी व जम्मू ग्रामीण को अलग अलग रखा गया है। संबंधित पर्यवेक्षक व तीन नेता संबंधित जिलों का दौरा कर कार्यकर्ताओं से बैठकें करेंगे।

    जमीनी स्तर पर पहुंच रखने वाले नेता का चयन निष्पक्ष तरीके से करने की कोशिश होगी। सभी नाम अंतिम रूप देने के लिए हाईकमान को भेजें जाएंगे। पार्टी के यह प्रयास जम्मू कश्मीर में जमीनी सतह पर आधार मजबूत करने के लिए सहायक होंगे।

    जिला प्रधानों की नियुक्ति के लिए पर्यवेक्षक के साथ तीन तीन नेताओं की ड्यूटी का शेड्यूल जारी होने के साथ ही पार्टी के भीतर खाते असंतोष पनप रहा है। पार्टी सूत्रों ने बताया कि ऐसे नेताओं को जिम्मेदारी दी गई है जो पार्टी के कार्यक्रमों में कम ही नजर आते हैं।

    पार्टी के अभियानों में कम भाग लेते है। पार्टी के प्रदेश प्रधान तारिक हमीद करा का सहयोग भी कम ही करते है लेकिन वे स्थान पाने में सफल हो गए। यह सारी ड्यूटी सौंपने का कार्य पार्टी के जम्मू कश्मीर के प्रभारी डा. सैयद नसीर हुसैन ने किया है।

    कुछ नेता करा को नजरअंदाज करके प्रभारी तक पहुंच बनाने में सफल हो गए और पर्यवेक्षकों के साथ अपनी स्थिति को मजबूत कर रहे हैं। पार्टी के कई नेता पार्टी के प्रभारी के फैसले से खुश नहीं है। जिन नेताओं ने कांग्रेस को नहीं छोड़ा और विकट स्थिति में भी पार्टी में बने रहे, उनको तरजीह कम दी जा रही है।