जम्मू-कश्मीर: मंत्रिमंडल की बैठक में CM उमर अब्दुल्ला ने लिए कई अहम फैसले, आरक्षण नीति पर उपसमिति गठित
जम्मू-कश्मीर मंत्रिमंडल की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। आरक्षण नीति को लेकर उपसमिति गठित करने का निर्णय लिया गया है। साथ ही प्रदेश सरकार ने अपने चुनाव घोषणापत्र में जनहित के सभी प्रमुख विकासात्मक मुद्दों के समाधान के लिए 100 दिवसीय एजेंडा तय करने का भी निर्णय लिया है। बैठक में रोजगार आरक्षण और भर्ती प्रक्रिया समेत विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई।

राज्य ब्यूरो, जम्मू। आरक्षण नीति को लेकर प्रदेश एक नए राजनीतिक संकट की आशंका से बचने का प्रयास करते हुए उमर सरकार ने शुक्रवार को एक कैबिनेट उपसमिति के गठन का निर्णय लिया है। इसके साथ ही प्रदेश सरकार ने अपने चुनाव घोषणा पत्र में जनहित के सभी प्रमुख विकासात्मक मुद्दों के समाधान के लिए 100 दिवसीय एजेंडा तय करने का भी निर्णय लिया है।
यह सभी निर्णय आज मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के निवास पर हुई प्रदेश कैबिनेट की बैठक में लिए गए हैं। बैठक में रोजगार, आरक्षण और भर्ती प्रक्रिया समेत विभिन्न मुद्दों पर चर्चा के बीच आवश्यक दिशा-निर्देश पारित किए गए। केबिनेट ने प्रदेश सरकार के पहले सत्र में उपराज्यपाल द्वारा दिए गए भाषण के साथ ही बेरोजगारी से निपटने के लिए भी एक नीति तैयार करने को भी स्वीकृति प्रदान की है।
'जनता के हित को प्राथमिकता दी जाएगी'
बीते डेढ़ माह के दौरान प्रदेश केबिनेट की यह दूसरी बैठक थी। इसमें उपमुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी और अन्य सभी चार मंत्री जावेद अहमद राणा, सकीना मसूद इटटू, जावेद अहमद डार और सतीश शर्मा के अलावा मुख्य सचिव अटल कुमार डुल्लु व मुख्यमंत्री के विशेष सचिव ने भाग लिया।
बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में जलशक्ति मंत्री जावेद अहमद राणा ने बताया कि जम्मू-कश्मीर में सरकारी नौकरियों में आरक्षण की सीमा को संशोधित करने की बढ़ती मांग और इससे संबधित मुद्दों के समाधान के लिए सभी हितधारकों के साथ बातचीत करने के लिए एक उप-समिति गठित की जाएगी। किसी भी निर्णय में जनता के हित को प्राथमिकता दी जाएगी। ऐसे मामलों में संवाद और आम सहमति महत्वपूर्ण है।
CM उमर के निवास के बाहर धरना देने की धमकी
उल्लेखनीय है कि जम्मू कश्मीर में आरक्षण नीति की समीक्षा कर, आरक्षण की अधिकतम सीमा 50 प्रतिशत तक सीमित करते हुए इसमें सभी आरक्षित वर्गाें को शामिल किया जाए। विगत पांच वर्षाें में जम्मू कश्मीर में आरक्षण नीति में समय समय पर संशोधन किया गया है औ यह बढ़कर 60 प्रतिशत हो गई है।
इससे जम्मू कश्मीर में एक बड़ा वर्ग नाराज है। कांग्रेस और भाजपा इस मुद्दे पर चुप हैं, लेकिन अन्य दल इस पर मुखर हैं और वह आरक्षण को व्यावहारिक बनाए जाने की मांग कर रहे हैं। नेशनल कान्फ्रेंस के सांसद आगा सैयद रुहुल्ला ने 22 दिसंबर तक आरक्षण नीति का मुद्दा हल न होने पर मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के निवास के बाहर धरना देने की धमकी दी है।
बैठक में लिए गए अन्य निर्णयों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि बैठक में लिए गए सभी निर्णयों को उचित समय पर आपके साथ साझा किया जाएगा। आज की बैठक में विधानसभा में उपराज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा की और इसे मंजूरी दे दी गई है। भाषण में उल्लिखित हर महत्वपूर्ण पहलू पर चर्चा हुई है।
राज्यपाल के अभिभाषण मे जम्मू कश्मीर के लिए राज्य के दर्जे और सभी संवैधानिक गारंटियों की बहाली का वादा किया गया है। दरबार मूव से संबधित सवाल के जवाब में उन्हाेंने कहा कि हमने जो भी वादा किया है,उसे पूरा किया जाएगा।
बेरोजगारी से निपटने के लिए प्रभावी नीति तैयार करने का निर्णय
बेरोजगारी से संबधित सवाल पर उन्होंने कहा कि बैठक में इस समस्या से निपटने के लिए एक प्रभावी नीति तैयार करने का निर्णय लिया गया है। मुख्यमंत्री ने सभी ममंत्रियों को अपने-अपने विभागों में रिक्तियों को प्राथमिकता के आधार पर भरने के लिए कहा है। इन रिक्तियां को भर्ती के लिए पीएससी (लोक सेवा आयोग) या एसएसआरबी को भेजे जाने के विकल्प पर भी बातचीत हुई।
बैठक में प्रदेश के उच्चपर्वतीय इलाकों में हिमपात से पैदा होने वाली किसी भी आपात स्थिति से तत्काल निपटने के उपायों पर भी चर्चा हुई है। इसके अलावा चुनाव घोषणापत्र में शामिल जनहित से जुड़े सभी प्रमुख विकासात्मक मुद्दों को हल करने के लिए 100 दिवसीय एजेंडा तय किया गया है।
मुख्यमंत्री ने मंत्रियों को निर्देश दिया है कि वे इसे अक्षरशः लागू करने के लिए विभागीय कार्रवाई तेजी से करें।नौकरी के इच्छुक और दैनिक वेतनभोगियों के लिए आयु में छूट के मुद्दे पर जलशक्ति मंत्री ने कहा कि कैबिनेट ने सरकार को इस मामले को तुरंत हल करने का निर्देश दिया है।
दैनिक वेतन भोगियों का मुद्दा बहुत बड़ा है। इनकी संख्या बहुत अधिक है। मुख्यमंत्री ने सभी मंत्रियों को इस दिशा में प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश जारी कर दिए हैं। उन्होंने कहा कि हमारा चुनाव घोषणापत्र अब केवल एक वादा नहीं है - यह अब एक आधिकारिक सरकारी दस्तावेज है। उन्होंने कहा कि चाहे गैस सिलींडर की बात हो या राशन कोटे में बढ़ौत्तरी की, सभी वादों को पूरा किया जाएगा।
विधानसभा में विशेष दर्जा बहाली संबंधित पारित प्रस्ताव संबंधी सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि सदन में जो प्रस्ताव पारित हो जाता है, उस पर बहस की गुंजायश नहीं रहती। विस्थापित कश्मीरी हिंदुओं की कश्मीर वापसी संबंधी सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि आज की कैबिनेट में इस परकोई चर्चा नहींहुई है,लेकिन हमारी सरकार विस्थापित कश्मीरी हिंदुओं की कश्मीर में सुरक्षित और सम्मानजनक वापसी के लिए प्रतिबद्ध है।
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