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    जम्मू-कश्मीर उपचुनाव: कांग्रेस के इनकार के बाद नेकां ने नगरोटा सीट पर घोषित किया उम्मीदवार, शमीम बेगम को दिया टिकट

    Updated: Mon, 20 Oct 2025 03:51 PM (IST)

    नेशनल कॉन्फ्रेंस ने नगरोटा विधानसभा सीट पर उपचुनाव लड़ने का फैसला किया है, जहाँ उन्होंने शमीम बेगम को उम्मीदवार बनाया है। पहले यह सीट कांग्रेस को ऑफर की गई थी, पर उन्होंने भाजपा को हराने के लक्ष्य से चुनाव न लड़ने का निर्णय लिया। भाजपा विधायक के निधन के कारण उपचुनाव हो रहा है। कांग्रेस ने विपक्षी एकता को मजबूत करने के लिए यह सीट नेशनल कांफ्रेंस को दी है।

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    कांग्रेस के इनकार के बाद नेकां ने नगरोटा सीट पर घोषित किया उम्मीदवार। फोटो सीएम एक्स

    पीटीआई, जम्मू। नेशनल कॉन्फ्रेंस ने बडगाम के बाद अब नगरोटा विधानसभा सीट पर उपचुनाव लड़ने का फैसला किया है। एनसी ने इस सीट पर जिला विकास परिषद (डीडीसी) सदस्य शमीम बेगम को मैदान में उतारा है।

    बता दें कि इस सीट पर बिहार विधानसभा चुनाव के साथ 11 नवंबर को उपचुनाव होगा। एनसी ने पहले यह सीट कांग्रेस को ऑफर किया था, लेकिन कांग्रेस ने भाजपा को हराने के अपने 'बड़े लक्ष्य' को हासिल करने के लिए वहां से चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है।

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    दोनों गठबंधन सहयोगियों ने पिछले साल विधानसभा चुनाव साथ मिलकर लड़ा था, लेकिन नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) द्वारा राज्यसभा चुनाव के लिए कांग्रेस को सुरक्षित सीट देने से इनकार करने के बाद से गठबंधन मुश्किल दौर से गुजर रहा है।

    केंद्र शासित प्रदेश की चार राज्यसभा सीटों के लिए चुनाव 24 अक्टूबर को होंगे। पिछले साल 31 अक्टूबर को भाजपा विधायक देवेंद्र सिंह राणा के निधन के कारण नगरोटा में उपचुनाव होगा।

    चुनाव लड़ने से कांग्रेस का इनकार

    बता दें कि कांग्रेस ने नागरोटा विधानसभा सीट अपने सहयोगी दल नेशनल कांफ्रेंस (एनसी) को छोड़ने का फैसला किया है। यह निर्णय भाजपा को हराने के साझा उद्देश्य और व्यापक रणनीतिक हितों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।

    कांग्रेस की केंद्रीय नेतृत्व ने जम्मू-कश्मीर प्रदेश कांग्रेस कमेटी (JKPCC) की रिपोर्ट और अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं पर गहन विचार-विमर्श के बाद यह निर्णय लिया। गठबंधन की व्यापक नीतियों और साझेदारी के सिद्धांतों के मद्देनज़र कांग्रेस ने यह सीट नेशनल कांफ्रेंस को देने का फैसला किया है, ताकि भाजपा के खिलाफ एक मजबूत मोर्चा खड़ा किया जा सके। पार्टी ने स्पष्ट किया है कि यह कदम विपक्षी एकता और सामूहिक जीत की दिशा में उठाया गया है।