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    जम्मू-कश्मीर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में मानवसंसाधन संकट गहराया, 43 प्रतिशत पद खाली, जांच और अभियोजन प्रभावित

    Updated: Fri, 03 Oct 2025 07:04 PM (IST)

    जम्मू कश्मीर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) स्टाफ की कमी से जूझ रहा है जिसके चलते विभाग के 363 पद खाली हैं। स्वीकृत पदों में से केवल 483 पर ही कर्मचारी कार्यरत हैं जिससे जांच और अभियोजन कार्य प्रभावित हो रहे हैं। वर्ष 2019 से 2024 के बीच एसीबी ने भ्रष्टाचार के 515 मामले दर्ज किए हैं लेकिन स्टाफ की कमी के कारण मामलों को निपटाने में देरी हो रही है।

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    जम्मू कश्मीर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में स्टाफ की कमी से कामकाज प्रभावित।

    राज्य ब्यूरो, जागरण, श्रीनगर। भ्रष्टाचार से लड़ रहा जम्मू कश्मीर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) मानवसंसाधन की कमी से पैदा स्थिति के बीच खुद को पूरी तरह समर्थ और प्रभावित साबित करने के लिए निरंतर जूझ रहा है।

    विभाग में डीआइजी से लेकर मल्टी टास्किंग स्टाफ तक के 363 से पद खाली हैं जबकि कुल अनुमोदित पद 846 हैं। अधिकारियों व कर्मियों की कमी से एसीबी का काम निरंतर प्रभावित हो रहा है। लेकिन संबधित पदों पर नियुक्ति के लिए कोई पहलकदमी होती नजर नहीं आ रही है।

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    483 पदों पर ही अधिकारी और कर्मचारी, 363 पद खाली

    संबधित सूत्रों ने बताया कि एसीबी में 846 पद स्वीकृत हैं और केवल 483 पदों पर ही अधिकारी और कर्मचारी हैं जबिक 363 पद खाली हैं। विभाग में 43प्रतिशत पद खाली पड़े हैं। इनमें जांच अधिकारी, अभियोजन अधिकारी , इंजीनियर और क्लर्क जैसे महत्वपूर्ण पद खाली पड़े हुए हैं ,जिनसे भ्रष्टाचार निरोधक अभियान प्रभावित हो रहे हैं।

    एसीबी में अधिकारियों व कर्मियों की कमी का असर दर्ज मामलों की जांच को जल्द पूरा करने और अदालत में आरोपपत्र दायर कर, दोषियों केा सजा दिलवाने की प्रक्रिया पर भी होता है। स्टाफ की कमी से संबधित मामलों की जांच पूरा करने में समय लगता है।

    डीआइजी रैंक के दो पद स्वीकृत, लेकिन है एक ही डीआइजी

    उन्होंने बताया कि विभाग में डीआइजी रैंक के दो पद स्वीकृत हैं, लेकिन एक ही डीआइजी है। निदेशक अभियाेजन का पद भी खाली पड़ा है। एसपी रैंक के स्वीकृत आठ पद हैं लेकिन चार पदों की जिम्मेदारी अतिरिक्त रूप से चार अधिकारी संभाल रहे हैं। फील्ड अधिकारियों व कर्मियों की भी कमी है। एग्जीकयूटिव इंस्पेक्टर के स्वीकृत 103 पदों में से 85 पद ही भरे हुए हैं , सब इंस्पेक्टर के40 पद हैं,लेकिन 12 सब इंस्पेक्टर नियुकत हैं, शेष खाली पड़े हैं। 263 कांस्टेबल चाहिए लेकिन 157 ही हैं। कांस्टेबल के 106 पद खाली पड़े हैं।

    एसीबी में और भी कई पद पड़े हैं खाली

    उन्होंने बताया कि विभाग में मिनिस्ट्रीयल और क्लर्क स्तर के अधिकांश पद भी खाली पड़े हैं। एसीबी में जूनियर सहायक के 59 पद हैं, लेकिन केवल तीन पद भरे हैं ; 46 मल्टी-टास्किंग स्टाफ स्वीकृत हैं, लेकिन केवल 13 पद भरे हैं। स्टेनो-टाइपिस्ट के 19 पद खाली हैं।

    स्वीकृत जूनियर स्टेनोग्राफर में केवल चार पद भरे हैं जबिक 22 पद खाली पड़े हुए हैं। वरिष्ठ सहायक के 11 स्वीकृत पदों में से केवल दो पद भरे हैं।तकनीकी विभाग में भी सहायक कार्यकारी अभियंता (सिविल) के में सात स्वीकृत पदों में एक खाली है, कनिष्ठ अभियंता (सिविल) में 7 स्वीकृत पद हैं, जिनमें पा्रच नियमित और 2 एडब्ल्यूपी पद हैं।

    वर्ष 2019 से 2024 के बीच भ्रष्टाचार के कुल 515 मामले दर्ज

    संबधित सूत्रों ने बताया कि एसीबी ने वर्ष 2019 से 2024 के बीच भ्रष्टाचार के कुल 515 मामले दर्ज किए गए हैं। इनमें जम्मू कश्मीर प्रशासनिक सेवा के 89 और एक आइएएस अधिकारी भी नामजद है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2019 में एसीबी ने 73 मामले दर्ज किए औरउनमें 30 में आरोपपत्र दायर किया गया। चार मामलों में सजा सुनिश्चित कराई गई।

    वर्ष 2020 में 71 मामले दर्ज किए गए, 48 में आरोपपत्र दायर किया गया औ दो मामलों में अदालत आरोपितों को दोषी करार सजा सुना चुका है। वर्ष 2021 में भ्रष्टाचार से संबधित मामलों की कमी आयी और केवल नौ मामले दर्ज किए गए हैं,लेकिन इस दौरान 52 मामलों की जांच पूरी कर अदालत में आरोपपत्र दायर किए गए।

    वर्ष 2022 में भ्रष्टाचार से संबधित मामलों में बढ़ोतरी हुई

    अदालत ने तीन मामलों में सजा भी सुनाई। वर्ष 2022 में फिर भ्रष्टाचार से संबधित मामलों में बढ़ोतरी हुई और 128 मामले दर्ज किए गए है, 51 मामलों में आरोपपत्र दायर किया गया और दो मामलों में सजा सुनाई गई । वर्ष 2023 में फिर इनमें गिरावट नजर अायी और 62 मामले दज्र किए गए और आठ मामलों में अदालत ने सजा भी सुनाई। वर्ष 2024 में 87 मामले दर्ज किए गए और 31 में आरोपपत्र दायर किए गए हैं।