जम्मू-कश्मीर में विधायकों की सैलरी और भत्तों को दोगुना करने की तैयारी, अगले सेशन में पास हो सकता है बिल
जम्मू-कश्मीर में विधायकों के वेतन और भत्तों को दोगुना करने की तैयारी है। इस संबंध में एक विधेयक अगले सत्र में पारित होने की संभावना है। वेतन में वृद्धि का उद्देश्य विधायकों को बेहतर जीवन स्तर प्रदान करना है। विधेयक के पारित होने से यह कानून बन जाएगा।

जम्मू-कश्मीर विधानसभा (फाइल फोटो)
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर सरकार भले ही अपनी घोषणाओं को पूरा करने में बजट न होने का तर्क दे पर प्रदेश के विधायकों ने अपने वेतन व भत्तों को बढ़ाकर लगभग दोगुना करने की सिफारिश कर दी है। बहुत संभव है कि इसी सत्र में या अगले सत्र में विधानसभा में इस पर बिल पास भी हो जाए। वर्तमान में प्रदेश के विधायकों को वेतन और भत्ते मिलाकर 1.6 लाख रुपये प्रतिमाह मिलते हैं।
वेतन-भत्तों की समीक्षा के लिए बनी समिति ने इसे तीन लाख करने की सिफारिश की है। विधानसभा में बिल पास होते ही जम्मू-कश्मीर विधायकों को देश में सबसे अधिक वेतन व भत्ते देने वाले प्रदेशों में शुमार हो जाएगा। समिति ने मुख्यमंत्री, स्पीकर, मंत्रियों और विपक्ष के नेता की वेतन वृद्धि के लिए संबंधित अधिनियम में आवश्यक संशोधन के लिए भी कहा है। बजट सत्र में ही प्रदेश विधानसभा के सदस्यों ने अपने वेतन भत्तों में बढ़ोतरी का आग्रह किया था।
इस पर स्पीकर अब्दुल रहीम राथर ने भाजपा विधायक सुरजीत सिंह सलाथिया के नेतृत्व में सदन समिति का गठन किया था। समिति ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है। समिति ने विधायकों के लिए आवासीय ऋण और मोटर कार नियमों में भी संशोधन का प्रस्ताव दिया है। समिति ने आवासीय ऋण को 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 75 लाख रुपये और कार एडवांस को 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 25 लाख रुपये करने की सिफारिश की है।
पेंशन बढ़ाने के लिए सरकार लाएगी प्रस्ताव
विधानसभा सचिवालय के अनुसार, रिपोर्ट को सदन से मंजूरी मिलने के बाद ही सरकार मुख्यमंत्री, स्पीकर, मंत्रियों और विपक्ष के नेता, विधायकों के वेतन और भत्ते और पूर्व विधायकों की पेंशन बढ़ाने के लिए प्रस्ताव फिर से लाएगी।
वेतन व भत्तों में इस तरह वृद्धि का है प्रस्ताव
रिपोर्ट में प्रस्ताव है कि विधायकों का मूल वेतन 60 हजार से बढ़ाकर 80 हजार, निर्वाचन क्षेत्र भत्ता 1.10 लाख व 30 हजार रुपये टेलीफोन भत्ता किया जाए। साथ ही 20 हजार रुपये चिकित्सा भत्ता, 30 हजार रुपये सत्कार भत्ता और 30 हजार रुपये सचिवालय सहायता भत्ता दिया जाए। विधायकों के निजी सहायक के वेतन भत्ते को 12 हजार से बढ़ा 25 हजार रुपये प्रतिमाह करने के लिए कहा है।
समिति ने वेतन बढ़ोतरी के लिए ये दिए हैं तर्क
सदन समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि है कि एक विधायक का काम पूर्णकालिक जिम्मेदारी होती है और मौजूदा समय में उन्हें जो वेतन-भत्ते मिलते हैं, उसके आधार पर उन्हें सार्वजनिक कार्यों से जुड़े अपने खर्चों को पूरा करने में मुश्किल होती है। इसलिए, विधायकों के वेतन और भत्तों में बदलाव जरूरी है। l
रिपोर्ट में देश के विभिन्न राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में माननीयों को मिलने वाले वेतन भत्तों का भी हवाला दिया गया है। इसमें कहा गया है कि वेतन और भत्तों में बढ़ोतरी का प्रस्ताव निश्चित रूप से सदस्यों को उनके सार्वजनिक जीवन से जुड़े जरूरी खर्चों को पूरा करने में मदद करेगा, साथ ही जनप्रतिनिधि के तौर पर उनके कार्य प्रदर्शन को भी बेहतर बनाएगा।
रिपोर्ट में कहा गया है कि समिति ने पाया कि जम्मू-कश्मीर की भौगोलिक व अन्य परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए विधायकों को प्रदान किए जा रहे वेतन और भत्ते पर्याप्त नहीं है।

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