जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने मीरवाइज उमर फारूक की नजरबंदी पर प्रशासन को जारी किया नोटिस, चार सप्ताह का दिया समय
जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट (Jammu and Kashmir highcourt) ने हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक (Mirwaiz Umar Farooq) की दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए नजरबंदी लगाए जाने पर प्रशासन से जवाब मांगा है। इसके लिए केंद्र शासित प्रशासन को नोटिस जारी किया गया है। जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट ने प्रशासन को जवाब के लिए चार सप्ताह का समय दिया है।
श्रीनगर, पीटीआई: हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक को अगस्त 2019 से नजरबंदी पर जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट ने जवाब मांगा है। नजरबंदी को लेकर दायर याचिका पर हाईकोर्ट ने केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन को नोटिस जारी किया है।
बिना किसी कानूनी प्रक्रिया के किया नजरबंद: याचिका
मीरवाइज उमर फारूक के वकील नजीर अहमद रोंगा ने कहा कि अदालत ने प्रशासन को अपना जवाब देने के लिए चार सप्ताह का समय दिया है। अलगाववादी नेता ने उच्च न्यायालय में एक रिट याचिका दायर की, जिसमें याचिकाकर्ता (मीरवाइज) को 'अवैध और अनधिकृत हिरासत' से रिहा करने के लिए प्रतिवादियों (राज्य अधिकारियों) को आदेश देने की मांग की गई। क्योंकि दायर याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता को बिना किसी आदेश या कानूनी प्रक्रिया के उनके घर में हिरासत में लिया गया है या घर में नजरबंद किया गया है।
याचिका में कहा नमाज और आवाजाही की मिले छूट
रिट याचिका में उच्च न्यायालय से यह भी अनुरोध किया गया है कि वह उचित रिट या आदेश जारी कर प्रशासन से यहां निगीन हजरतबल में अलगाववादी नेता के घर के बाहर से घेराबंदी हटाने के लिए कहें। इसके साथ ही दायर याचिका में कहा गया कि उन्हें अपने शुक्रवार को खुतबा (उपदेश) और जामिया मस्जिद, नौहट्टा श्रीनगर में शुक्रवार की नमाज अदा करने की अनुमति दी जाए। एक नागरिक के रूप में उनके स्वतंत्र आंदोलन सहित मीरवाइज के दैनिक आवाजाही को दूर किया जाए। इसे संविधान के तहत गारंटीकृत स्वतंत्रता और स्वतंत्रता का लाभ उठाने की अनुमति दें
बता दें कि हुर्रियत नेता 2 अगस्त 2019 से घर में नजरबंद हैं, जिसके एक दिन पहले केंद्र ने जम्मू और कश्मीर राज्य की विशेष स्थिति को रद्द कर दिया था और इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में पुनर्गठित किया था।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।