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जम्मू-कश्मीर अलग केंद्र शासित प्रदेश, देश में अब 28 राज्य और 09 केंद्र शासित प्रदेश

जम्मू-कश्मीर के दो केंद्र शासित राज्यों में पुनर्गठित होने के साथ ही देश में पूर्ण राज्यों की संख्या 29 से घटकर 28 हो गई और केंद्र शासित राज्यों की संख्या सात से बढ़कर नौ हो गई

By Preeti jhaEdited By: Published: Thu, 31 Oct 2019 09:17 AM (IST)Updated: Thu, 31 Oct 2019 09:38 AM (IST)
जम्मू-कश्मीर अलग केंद्र शासित प्रदेश, देश में अब 28 राज्य और 09 केंद्र शासित प्रदेश
जम्मू-कश्मीर अलग केंद्र शासित प्रदेश, देश में अब 28 राज्य और 09 केंद्र शासित प्रदेश

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। जम्मू-कश्मीर के दो केंद्र शासित राज्यों में पुनर्गठित होने के साथ ही पूरे देश में पूर्ण राज्यों की संख्या 29 से घटकर 28 हो जाएगी और केंद्र शासित राज्यों की संख्या सात से बढ़कर नौ हो गई। स्वतंत्र भारत के बीते सात दशक के इतिहास में केंद्र शासित राज्यों को पूर्ण राज्य बनाए जाने या बड़े राज्यों को दो राज्यों में पुनर्गठित किए जाने के कई मामले हैं, लेकिन किसी पूर्ण राज्य को दो केंद्र शासित राज्यों में बदलने का यह पहला मौका है।

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ये होगा बदलाव :-

जम्मू-कश्मीर और लद्दाख की पुलिस और कानून व्यवस्था अब केंद्र के हाथ होगी। जम्मू-कश्मीर कैडर के आइएएस और आइपीएस का कैडर पहले की तरह ही रहेगा। नये भर्ती होने वाले अधिकारी यूटी के कैडर में शामिल होंगे। एंटी क्रप्शन ब्यूरो और आइएएस और आइपीएस अब मुख्यमंत्री नहीं उपराज्यपाल के अधीन होंगे।

कुछ रोचक तथ्य :-

31 अक्टूबर 2019 का जब सूर्योदय हुआ तो 173 वर्ष पहले डोगरा शासक महाराजा गुलाब सिंह द्वारा गठित जम्मू-कश्मीर राज्य इतिहास का हिस्सा बन गया। जम्मू कश्मीर राज्य के पहले मुख्यमंत्री गुलाम मोहम्मद सादिक और अंतिम महबूबा मुफ्ती थीं। गुलाम मोहम्मद सादिक 30 मार्च 1965 से 12 दिसंबर 1971 तक मुख्यमंत्री रहे। इससे पहले वजीर-ए-आजम (प्रधानमंत्री) राज्य का मुखिया होता था।

जम्मू-कश्मीर राज्य के पहले राज्यपाल कर्ण सिंह और अंतिम सत्यपाल मलिक थे। कर्ण सिंह 30 मार्च 1965 को राज्यपाल बने थे। इससे पहले कर्ण सिंह राज्य के सदर-ए-रियासत (राष्ट्रपति) थे। छह अगस्त को जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 पारित करने के लगभग तीन माह बाद जम्मू कश्मीर और लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया। केंद्र शासित बनने के बाद अब जम्मू-कश्मीर में पुडुचेरी और लद्दाख में चंडीगढ़ जैसी व्यवस्था होगी। अनुच्छेद 370 हटने से वह सभी प्रावधान समाप्त हो गए जो जम्मू कश्मीर को अलग संविधान और अलग निशान देते थे।


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