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    'POK में तिरंगा लहराना...', जम्मू-कश्मीर विलय दिवस पर बोले कश्मीरी, पाकिस्तान को लेकर भी कही ये बड़ी बात

    Updated: Sun, 26 Oct 2025 10:52 AM (IST)

    श्रीनगर के प्रताप पार्क में विलय दिवस पर एक युवक ने कहा कि जम्मू-कश्मीर का विलय तब पूरा होगा जब मुजफ्फराबाद पर तिरंगा लहराएगा। उसने गुलाम कश्मीर में पाकिस्तानी सेना के अत्याचारों की निंदा की। महाराजा हरि सिंह ने 26 अक्टूबर, 1947 को विलय पत्र पर हस्ताक्षर किए थे, जिससे जम्मू-कश्मीर भारत का हिस्सा बन गया। कश्मीर मामलों के जानकार ने कहा कि पाकिस्तान को गुलाम कश्मीर को खाली करना चाहिए।

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    फाइल फोटो लाल चौक (जागरण फोटो)

    नवीन नवाज, श्रीनगर। स्थान : लाल चौक का प्रताप पार्क, समय : शनिवार दोपहर, 12 बजे... लाल चौक से मात्र 200 मीटर की दूरी पर स्थित प्रताप पार्क में लोग धूप का आनंद लेते हुए जम्मू-कश्मीर के हालात पर चर्चा कर रहे थे। इसी दौरान एक युवक कुछ भावुक हो गया और बोला, हमारा विलय अभी कहां पूरा हुआ है, हमारा विलय तो उस दिन पूरा होगा, जब मुजफ्फराबाद (गुलाम जम्मू-कश्मीर) पर तिरंगा लहरा रहा होगा।

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    वहां पाकिस्तान की कठपुतली सरकार नहीं होगी बल्कि हमारे राष्ट्रीय संविधान के मुताबिक एक चुनी हुई सरकार होगी। धारा प्रवाह बोल रहे इस युवक ने अपना नाम अजान मंजूर बताया। उसने कहा कि हम यहां हर वर्ष 26 अक्टूबर को विलय दिवस मनाते हैं और यह हमें मनाना चाहिए, लेकिन इसके साथ हमें यह भी याद भी रखना चाहिए कि हमें नियंत्रण रेखा के पार अपने भाइयों को अभी पाकिस्तान की गुलामी से आजाद कराना है।

    क्योंकि महाराजा हरि सिंह ने विलय समझौता सिर्फ लखनपुर से उड़ी या टंगडार और पुंछ तक नहीं बल्कि पूरे जम्मू-कश्मीर के लिए किया था और इसमें गुलाम जम्मू-कश्मीर भी आता है। अजान मंजूर की बातें सुनकर वहां कुछ और लोग भी जमा हो गए। अजान ने कहा कि मैं कोई नेता नहीं हूं, लेकिन कश्मीरी हूं, हिंदुस्तान का शहरी हूं और उसी नाते कह रहा हूं।

    'महाराजा हरि सिंह ने किया था समझौता'

    महाराजा हरि सिंह ने 26 अक्टूबर, 1947 को जो समझौता किया था, वह हमारे लिए किया था। नहीं तो आज हम पाकिस्तान के गुलाम होते। इसलिए विलय दिवस, बेशक हमारे लिए जश्न का दिन है, लेकिन यह जश्न तब तक अधूरा है जब तक गुलाम जम्मू-कश्मीर को हम वापस नहीं पाते।

    बीते दिनों वहां जिस तरह से अपनी बुनियादी सुविधाओं और अधिकारों की मांग कर रहे लोगों पर पाकिस्तानी सेना ने जुल्म किया, उसे देखकर किसी के भी रोंगटे खड़े हो जाएं। यहां तरक्की और अमन है। अजान की बात आगे बढ़ाते हुए श्रीनगर के सौरा क्षेत्र के रहने वाले युवक गौहर बोला, मेरे रिश्तेदार वहीं पार रहते हैं। वह कहते हैं कि वहां जम्हूरियत के नाम पर सिर्फ पाकिस्तान परस्ती है।

    क्या है विलय दिवस?

    26 अक्टूबर, 1947 को जम्मू-कश्मीर के तत्कालीन शासक महाराजा हरि सिंह ने विलय पत्र पर हस्ताक्षर किए थे। यह एक महत्वपूर्ण कदम था, क्योंकि इसने भारत के विभाजन के बाद की उथल-पुथल और संघर्ष के बीच जम्मू-कश्मीर को भारतीय संघ में शामिल होने की अनुमति दी थी।

    पाकिस्तान ने किया था हमला

    कश्मीर मामलों के जानकार सलीम रेशी ने कहा कि पाकिस्तान ने ही 1947 में कश्मीर पर हमला किया था, जहां-जहां पाकिस्तानी फौज पहुंची, वहां उसने लूटमार की, महिलाओं के साथ दुराचार किया। तब हिंदोस्तान अगर मूकदर्शक बना रहता तो आज हम भी मुजफ्फराबाद की तरह आटा-चावल के लिए गोली खा रहे होते। भारत सरकार को चाहिए कि वह मुजफ्फराबाद, बाग, शारदा, नकियाल, चकोटी समेत वह पूरा क्षेत्र पाकिस्तान से खाली कराए, जो 15 अगस्त 1947 तक जम्मू-कश्मीर का हिस्सा था।