Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कश्मीर में जमात-ए-इस्लामी की करोड़ों की संपत्ति जब्त, चंदे का आतंकी गतिविधियों में इस्तेमाल करने का आरोप

    By Jagran NewsEdited By: Ashisha Singh Rajput
    Updated: Sun, 18 Dec 2022 12:37 PM (IST)

    एसआइए ने कश्मीर के चार जिलों में आतंकियों और अलगाववादियों के वित्तीय नेटवर्क पर बड़ा प्रहार किया है। एसआइए ने जमात-ए-इस्लामी की 100 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति को जब्त कर लिया। जब्त दुकानों में किराएदारों को फिलहाल मानवता के तौर पर कारोबार जारी रखने की अनुमति दी गई है।

    Hero Image
    कश्मीर में जमात-ए-इस्लामी की करोड़ों की संपत्ति जब्त

    राज्य ब्यूरो, श्रीनगर: जम्मू कश्मीर में आतंकियों और अलगाववादियों के वित्तीय नेटवर्क को तबाह करने के लिए शनिवार को प्रदेश जांच एजेंसी (एसआइए) ने बड़ी कार्रवाई की। एसआइए ने कश्मीर के अलग-अलग जिलों में जमात-ए-इश्लामी की कुल 100 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति को जब्त कर लिया। बारामुला, कुपवाड़ा, बांडीपोर और गांदरबल जिले में जमीन और दुकानों को जब्त किया गया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    किराएदारों को कारोबार जारी रखने की अनुमति

    बता दें जब्त की गई संपत्ति में करीब दो दर्जन दुकानें भी हैं, जिनको जमात-ए-इस्लामी ने किराए पर दे रखी थी। किराएदारों को मानवता के आधार पर फिलहाल इन दुकानों पर अपना कारोबार जारी रखने की अनुमति दी गई है। जमात-ए-इस्लामी को फरवरी 2019 में प्रतिबंधित किया गया था। एसआइए ने 10 नवंबर, 2022 को शोपियां जिले में लगभग 2.58 करोड़ की संपत्ति को जब्त कर वादी में जमात-ए-इस्लामी की वित्तीय नेटवर्क को ध्वस्त करने का अभियान शुरू किया था। इसके बाद 26 नवंबर को अनंतनाग में 90 करोड़ की परिसंपत्तियों को जब्त किया गया।

    यह कार्रवाई गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम के तहत

    जमात के खिलाफ यह कार्रवाई संबंधित जिलाधिकारियों ने गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम 1967 और 28 फरवरी 2019 को केंद्रीय गृहमंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना संख्या-14017 के तहत की है। एसआइए ने जम्मू कश्मीर में जारी आतंकी हिंसा और अलगाववादी गतिविधियों में जमात-ए-इस्लामी की भूमिका की लगातार जांच कर रही है। जमात-ए-इस्लामी को जम्मू कश्मीर में आतंकी और अलगाववादी संगठनों की रीड की हड्डी माना जाता है। लगभग सभी प्रमुख अलगाववादी और आतंकी संगठनों का कैडर जमात से किसी न किसी तरह जुड़ा रहा है।

    चंदे की राशि का आतंकी व अलगाववादी गतिविधियों में इस्तेमाल

    जम्मू कश्मीर में सक्रिय स्थानीय आतंकियों के सबसे बड़े संगठन हिजबुल मुजाहिदीन को कभी जमात-ए-इस्लामी का फौजी बाजू कहा जाता था। इसके बावजूद जमात के कई पदाधिकारी भूमिगत रहते हुए प्रदेश में जिहादी मानसिकता को प्रचारित करने के साथ-साथ अलगाववादी व आतंकी गतिविधियों के लिए देश-विदेश से चंदा भी जुटा रहे हैं। एसआइए ने जांच में पाया है कि जमात ने चंदे की राशि का आतंकी व अलगाववादी गतिविधियों में इस्तेमाल किया है। जमात ने अपने नेताओं व कार्यकर्ताओं के नाम पर कई जगह जमीन और शापिंग कांप्लेक्स भी खरीद रखे हैं। इनके जरिये होने वाली आय भी आतंकियों और अलगाववादियों के लिए वित्तीय आक्सीजन का काम करती है।

    एसआइए के एक अधिकारी ने दी ये जानकारी

    कुपवाड़ा और गांदरबल में दो दर्जन कारोबारी उपक्रम जमात की जमीन पर एसआइए के एक अधिकारी ने बताया कि कुपवाड़ा और गांदरबल के कंगन में दो दर्जन कारोबारी उपक्रम जमात-ए-इस्लामी के शापिंग कांप्लेक्स या जमीन पर हैं। ये सभी कारोबारी जमात के कार्यकर्ता नहीं हैं। उन लोगों ने जमीन और दुकानें किराये पर ले रखी हैं। इन्हें सील किए जाने पर उन लोगों का कारोबार और आजीविका प्रभावित हो सकती है। इसलिए इन सभी को तत्काल जमीन पर अपना कारोबारी जारी रखने की अनुमति दी गई है।

    कहां-कहां हुई कार्रवाई

    - कुपवाड़ा में रहमत आलम पब्लिक स्कूल के पास स्थित सर्वे नंबर-1074 के तहत तीन मरला जमीन, जमात-ए-इस्लामी का कुपवाड़ा कार्यालय और 20 दुकानों को सील किया गया है।

    - बारामुला में सर्वे नंबर-2228/2015/360 के तहत एक कनाल 12 मरला जमीन, सर्वे संख्या- 2259/405 के तहत 32 कनाल एक मरला जमीन को सील किया गया। बांडीपोर में 13 मरला जमीन और गांदरबल के कंगन में 10 मरला जमीन पर निर्मित एक मंजिला इमारत, एक मरला सात सरसेई जमीन पर निर्मित तिमंजिला दुकान सील।

    - गांदरबल के गडूरा में पांच कनाल 15 मरला जमीन और सफापोरा लार में एक कनाल छह मरला जमीन पर निर्मित एक दुमंजिला इमारत और कुरहामा में 18 मरला जमीन को सील किया गया है।

    प्रदेश में 188 नामी बेनामी परिसंपत्तियां चिह्नित, अब श्रीनगर में होगी कार्रवाई

    एसआइए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पूरे प्रदेश में जमात-ए-इस्लामी की कुल 188 नामी-बेनामी परिसंपत्तियों को चिह्नित किया गया है। इनकी कीमत एक हजार करोड़ रुपये से भी ज्यादा है। इन सभी को जब्त किए जाने की प्रक्रिया को क्रमश: आगे बढ़ाया जा रहा है। पहले जिला शोपियां में जमात की संपत्ति जब्त की गई। फिर अनंतनाग में और अब चार और जिलों में कार्रवाई की गई। उन्होंने बताया कि श्रीनगर में भी जल्द ही ऐसा एक अभियान चलाए जाने की तैयारी है।