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    आतंकी गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए जैश-ए-मोहम्मद ने बना डाली 'महिला जिहाद ब्रिगेड', बहावलपुर में दी जा रही ट्रेनिंग

    Updated: Wed, 29 Oct 2025 06:36 PM (IST)

    जैश-ए-मोहम्मद ने महिलाओं को जिहादी गतिविधियों में शामिल करने के लिए 'दौरा-ए-तस्किया' नामक एक प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया है। यह प्रशिक्षण बहावलपुर में जैश के मुख्यालय में दिया जा रहा है। महिला जिहादी विंग, 'जमात-उल-मोमिनात', का उद्देश्य कश्मीर सहित दुनिया भर में इस्लामिक शासन स्थापित करना है। महिलाओं को गैर-पुरुषों से संपर्क करने से मना किया गया है। जैश सरगना महिलाओं को हिंदुस्तान के खिलाफ कुर्बानी देने के लिए उकसा रहा है।

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    आतंकी गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए जैश-ए-मोहम्मद ने बना डाली 'महिला जिहाद ब्रिगेड' (फाइल फोटो)

    नवीन नवाज, श्रीनगर। महिलाओं के सहारे अपनी जिहादी गतिविधियों को आगे बढ़ाने के षडयंत्र में जुटे जैश ए मोहम्मद ने अब अपनी महिला जिहादी ब्रिगेड का प्रशिक्षण कार्यक्रम दौरा ए तस्किया शुरु किया है।

    यह प्रशिक्षण उन्हें बहावलपुर, पाकिस्तान में स्थित जैश के मुख्यालय में ही प्रदान किया जा रहा है। इसमें उन्हें पुरूष आतंकियो की तरह ही हथियार चलाने व अन्य हिंसक गतिविधियों का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। पुरूष आतंकियों को जब भर्ती किया जाता है तो उनके प्रशिक्षण के पहले कार्यक्रम को दौरा ए आम और दौरा ए तरबियत कहा जाता है।

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    उल्लेखनीय है कि जैश ए मोहम्मद नेअपने कश्मीर जिहाद को आगे बढाने के लिए करीब एक माह पहले अपने महिला जिहादी विंग को फिर तैयार करने का एक अभियान चलाया है। महिला जिहादी विंग का नाम जमात उल मोमिनात रखा गया है।

    पुरुष कैडर के साथ मिलकर काम करेगी महिला जिहाद ब्रिगेड

    जैश सरगना के अनुसार, महिला जिहादी ब्रिगेड जैश के पुरूष कैडर के साथ मिलकर काम करेगी और कश्मीर समेत पूरी दुनिया में इस्लामिक राज बहाल कराएगी। उसने पाकिस्तान के हर शहर में जमात-उल-मोमिनात की इकाई बनाने का एलान करते हुए कहा कि यह स्थानीय महिलाओ को भर्ती करेगी।

    उसने महिला सदस्यों को पति या करीबी परिवार के सदस्यों को छोड़कर किसी भी गैर-संबंधित पुरुष से फ़ोन या मैसेजिंग ऐप के ज़रिए बात करने की सख्त मनाही की है।

    उपलब्ध जानकारी के अनुसार, जमात उल मोमिनात की प्रमुख अजहर मसूद की बहन सादिया अजहर है। जमात उल मोमिनात की कमान काउंसिल में अजहर मसूद की दूसरी बहन समीरा अज़हर उर्फ उमने मसूद और अफीरा फारूक भी शामिल है।

    पुलवामा हमले में शामिल आतंकी की विधवा को मिली जिम्मेदारी

    अफीरा फारूक जैश सरगना अजहर मसूद के भतीजे उमर फारूक की विधवा है। उमर फारूक पुलवामा हमले में शामिल था, जिसे सुरक्षाबलों ने मार्च 2019 में एक मुठभेउ मे मार गिराया था।

    संबधित सूत्रों ने बताया कि जैश सरगना स्वयं महिला जिहादी ब्रिगेड के ढांचे को तैयार करने से लेकर, महिला जिहादियों की ट्रेनिंग व अन्य गतिविधियों की निगरानी कर रहा है। वह उन्हें इस्लाम के नाम पर हिंसक गतिविधियों को सही ठहराने व उनमें भाग लेने के लिए उकसाने वाले आडियो संदेश भी जारी कर रहा है।

    वह अपने आडियो संदेश में महिला जिहादियों को संबोधित करते हुए कहा कि है जो भी महिला जमात-उल-मोमिनात में शामिल होगी, वह मरने के बाद सीधे अपनी कब्र से जन्नत में जाएगी।

    ऑडियो संदेश किया जारी

    वह अपने ऑडियो संदेश में महिला जिहादी ब्रिगेड के गठन को सही ठहराते हुए उन्हें हिंदुस्तान के खिलाफ हर कुर्बानी के लिए तैयार रहने को कह रहा है। वह महिला जिहादियो के नाम पर जारी अपने ऑडियो संदेश में उन्हें बरगालते हुए कहता है कि जैश के दुश्मनों ने हिंदू महिलाओं को सेना में शामिल कर लिया है और हमारे खिलाफ महिला पत्रकारों को खड़ा कर दिया है। मैं अपनी महिलाओं को, इस्लाम की बेटियों को उनसे मुकाबला करने और लड़ने के लिए तैयार कर रहा हूं।

    जैश सरगना ने महिला जिहादियो के लिए जो ट्रेनिग माडयूल बनाया है,उसे उसने दो भागों में बांटा है। पहले उनके लिए दौरा-ए-तस्किया है और उसके बाद दौरा आयात -उल। निसाह होगा। दौरा-आयात-उल-निसाह में महिला जिहादियो को उन इस्लामी ग्रंथों का अध्ययन करना है, जिनमें सशस्त्र जिहाद में महिलाओं की भागीदारी को अनिवार्य बताया गया है।