Iran Israel Conflict: 'मैं दुआ करता हूं कि...', इजरायल-ईरान सीजफायर पर क्या बोले फारूक अब्दुल्ला?
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने ईरान-इजरायल के बीच संघर्ष विराम का स्वागत किया है। उन्होंने वैश्विक शक्तियों से स्थायी शांति स्थापित करने का आग्रह किया। उमर अब्दुल्ला ने बताया कि इस संघर्ष ने कश्मीरी छात्रों की वतन वापसी को भी प्रभावित किया था। डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने मानवता और अमेरिका पर वैश्विक दबाव के कारण हुए इस युद्धविराम पर खुशी जताई और इसकी निरंतरता की कामना की। उन्होंने आगामी अमरनाथ यात्रा की सुरक्षित समाप्ति की भी उम्मीद जताई।

नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला और उनके बेटे उमर अब्दुल्ला (जागरण फाइल फोटो)
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और उनके पिता व नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष डॉ.फारूक अब्दुल्ला ने मंगलवार को ईरान-इजरायल-अमेरिका के बीच संघर्ष विराम का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि शुक्र है कि संघर्ष विराम हो गया है और अब वैश्विक शक्तियों को स्थायी शांति की बहाली के लिए काम करना चाहिए।
आज गुलमर्ग में पत्रकारों के साथ बातचीत में मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि यह हम सभी के लिए बड़ी राहत है कि ईरान-अमेरिका-इजरायल के बीच संघर्ष विराम का एलान हो गया है।
बीते 11 दिनों में भारी तबाही हुई है। जम्मू कश्मीर पर भी इन मुल्कों के आपसी सैन्य तनाव और एक दूसरे पर बमबारी का असर हुआ है। विभिन्न मुल्कों ने अपनी वायुसीमा बंद कर दी और उससे कश्मीरी छात्रों की सुरक्षित वतन वापसी प्रभावित हुई है।
उन्होंने कहा कि हमारे लिए सबसे बड़ा मद्दा हमारे बच्चों की सुरक्षित वापसी थी। बंद हवाई मार्गों के कारण, कई निकासी उड़ानों में देरी हुई। लेकिन आज, हमें उम्मीद है कि बड़ी संख्या में छात्र वापस लौटेंगे और यह प्रक्रिया जल्द ही पूरी हो जाएगी।उन्होंने कहा कि ईरान-इजरायल के बीच जो युद्ध जैसे हालात बने और अगर यह स्थिति और बिगड़ती है, तो वैश्विक अर्थव्यवस्था पर गहरा असर पड़ेगा।
हर देश को इसके परिणाम भुगतने होंगे। मुझे उम्मीद है कि समझदारी आएगी। इसलिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इन हालात का सामान्य बनाने और स्थायी शांति की बहाली की दिशा में गंभीरता से प्रयास करने चाहिए।
'मानवता के कारण लिया गया फैसला'
उधर, दक्षिण कश्मीर के डुरू अनंतनाग में पत्रकारों से बात करते हुए डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि अगर वाकई युद्ध विराम हुआ है तो मैं खुदा का शुक्रगुजार हूं। यह अच्छी बात है। निर्दोष लोग मारे जा रहे थे। मैं दुआ करता हूं कि युद्ध विराम कायम रहे। इस सवाल पर कि क्या अमेरिका ने ईरान के सामने आत्मसमर्पण किया है, नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष ने कहा कि यह फैसला मानवता के कारण लिया गया है, लेकिन अमेरिका पर वैश्विक दबाव था।
उन्होंने कहा कि किसी ने भी किसी के सामने आत्मसमर्पण नहीं किया है, न ही ईरान ने और न ही अमेरिका ने। इससे उनकी अर्थव्यवस्था और बाकी दुनिया की अर्थव्यवस्था पर असर पड़ता।' उन्होंने कहा, 'अमेरिका पर इसे खत्म करने के लिए वैश्विक दबाव था।
अमरनाथ यात्रा को लेकर भी बोले फारूक अब्दुल्ला
तीन जुलाई से शुरु होने वाली आगामी वार्षिक अमरनाथ यात्रा के बारे में पूछे जाने पर डॉ फारूक अब्दुल्ला ने उम्मीद जताई कि तीर्थयात्री पवित्र गुफा के दर्शन करने के बाद सुरक्षित लौट आएंगे। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि तीर्थयात्री भोलेनाथ के दर्शन करने के बाद खुशी-खुशी अपने घर लौटेंगे और फिर घर जाकर लोगों को बताएंगे कि यहां के लोग कितने अच्छे हैं और अल्लाह ने इस स्थान को कितनी खूबसूरती से नवाजा है।
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